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लखनऊ, 30 फरवरी 2023 : चित्रकूट जेल में माफिया मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी लगभग तीन माह से अपनी पत्नी निखत के साथ रह रहा था। नवंबर, 2022 में अब्बास की निखत से जेल के भीतर मुलाकातों का सिलसिला आरंभ हुआ था। पहले दोनों की मुलाकातों का वक्त बढ़ा और फिर जेल अधिकारियों की कृपा से इसकी मियाद बढ़ती ही चली गई।
डीआईजी जेल, प्रयागराज रेंज शैलेन्द्र कुमार मैत्रेय ने अपनी जांच रिपोर्ट कारागार मुख्यालय को सौंप दी है, जिसकी संस्तुतियों के आधार पर निलंबित जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय समेत सात कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।
नोटिस देकर उनसे जवाब तलब किया गया है। शासन जल्द निलंबित जेल अधीक्षक अशोक सागर को नोटिस देकर जवाब तलब करेगा। डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि जांच में दोषी पाए गए कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है, जो आरंभ हो गई है। विभागीय जांच के अधिकारी नामित कर दिए गए हैं। एक माह में दोषियों के विरुद्ध और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।
डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट में निलंबित अधिकारियों व कर्मियों के अलावा कुछ अन्य कर्मियों की भूमिका भी सामने आई है, जो सब कुछ जानते हुए भी लापरवाह बने रहे और गड़बड़ी की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी।
दिसंबर महीने में किराए पर लिया था कमरा
सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि नवंबर माह से अब्बास जेल में पत्नी निखत से मिल रहा था। दिसंबर माह में निखत ने चित्रकूट में किराए का मकान लिया था। जिसके बाद निखत जेल के भीतर अब्बास के साथ रहने लगी और मोबाइल फोन का भी उपयोग हो रहा था।
जेल अधीक्षक को जान का खतरा!
जेल अधीक्षक खुद को माफिया मुख्तार अंसारी के गिरोह से जान का खतरा होने का दबाव बताकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि जेल अधीक्षक व उनके किसी अधीनस्थ ने इसे लेकर कभी कोई जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों से साझा नहीं की। न ही पहले अब्बास की जेल बदले जाने की कोई संस्तुति ही की गई।
10 फरवरी को जब पुलिस ने जेल में छापा मारा, तब पूरा मामला सामने आया। पूरे मामले में जेल वार्डर जगमोहन सिंह की भूमिका बेहद गंभीर पाई गई है। सूत्रों का कहना है कि वह मुख्तार गिरोह के कई सक्रिय सदस्यों के संपर्क में था।
जेल कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई
बागपत जेल में जब वर्ष 2018 में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या हुई थी, तब जगमोहन बागपत जेल में ही तैनात था। हालांकि, जेल की फुटेज पुलिस द्वारा सील किए जाने की वजह से जांच अधिकारी उसे देख नहीं सके। जांच में कई जेल कर्मियों ने अपने बयानों में कई गंभीर बातें साझा की हैं, जिससे कई अन्य जेल कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है।
यह हुए थे निलंबित
पुलिस कार्रवाई के बाद 11 फरवरी को डीआईजी जेल की आरंभ जांच में दोषी पाए गए। चित्रकूट जिला जेल के अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय, हेड जेल वार्डर मुलायम सिंह, जगदीश प्रसाद व जेल वार्डर जगमोहन सिंह, सत्येंद्र कुमार व अभय प्रताप सिंह को निलंबित किया गया था। जिसके बाद अब्बास अंसारी की जेल भी बदल दी गई थी। अब वह कासगंज जेल में निरुद्ध है।
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