प्रयागराज, 18 अप्रैल 2023 : यूपी के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद एक से बढ़कर कड़ियां बाहर सामने आ रही हैं। अतीक की अप्रत्याशित हत्या के बाद शासन-प्रशासन हर कदम चुनौती के रूप में मानकर उठा रहा है। इसी बीच यूपी पुलिस प्रशासन ने एसीपी धूमनगंज नरसिंह नारायण सिंह का तबादला कर दिया है। बता दें कि इसी थानाक्षेत्र में ही 15 अप्रैल को अतीक और उसके भाई की हत्या पुलिस कस्टडी में कर दी गई थी।
अब तक धूमनगंज थाने के एसीपी नरसिंह नारायण सिंह ही थे, जिन्हें तबादले के बाद पुलिस उपाधीक्षक डीजीपी मुख्यालय बनाया गया है। इसके साथ ही महेंद्र सिंह देव प्रयागराज में एसीपी पद पर भेजे गए हैं। डीएसपी नरसिंह पर आरोप है कि उन्होंने एक विवादित जमीन पर कब्जा करवाने के नाम पर अपने बेटे के नाम पर रजिस्ट्री करवाई थी। नरसिंह के के कार्यकाल के दौरान ही उमेश पाल हत्याकांड भी हुआ था।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद पुलिस प्रशासन ने उनके खिलाफ तबादले का एक्शन लिया है। गौरतलब है कि बीते 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या पुलिस कस्टडी में तब कर दी गई, जब उन दोनों को मेडिकल के बाद वापस जेल ले जाया जा रहा था।
मौका पाते ही गोलियों से भूना
अतीक-अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड मामले में रिमांड पर लिया गया था। हत्या वाले दिन दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे। वापसी में उनका मेडिकल काॅल्विन अस्पताल में हुआ था। इसके बाद ही वहां से निकलने के बाद मीडिया कर्मियों के भेष में आए अरुण, सनी और मोहित ने मौका पाते ही अतीक-अशरफ को गोलियाें से भून दिया था।
मीडिया की पहुंच थी आसान
बाद में सरेंडर करने के बाद तीनों आरोपियों ने बताया था कि जब उन्हें अतीक व अशरफ को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की जानकारी हुई तो उन्होंने योजना पर काम करना शुरू कर दिया। प्रयागराज आकर तीनों ने रेकी शुरू कर दी। शुक्रवार को उन्होंने देखा कि जहां-जहां दोनों भाइयों को ले जाया जा रहा था, वहां आसानी से मीडिया पहुंच रही थी। इस पर तीनों ने कैमरा, माइक आईडी का इंतजाम किया और फिर अस्पताल जाकर रेकी की। इसके अगले दिन मीडियाकर्मियों के सामने मीडियाकर्मी बनकर अशरफ व अतीक की गोली मारकर हत्या कर दी।
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