लखनऊ, 10 अक्टूबर 2023 : समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक एवं पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव (SP Founder Mulayam Singh Yadav) की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर सैफई के ब्लाक परिसर में उनकी समाधि पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई I इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रोफेसर रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव सहित पूरा परिवार मौजूद रहा I
सपा संस्थापक की प्रथम पुण्यतिथि पर उनके समाधि स्थल को फूलों से सजाया गया हैI इसी से जुड़े हुए मेला ग्राउंड में विशाल पंडाल बनाया गया है जहां पर समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं I
अखिलेश यादव ने पिता के लिए ट्वीट में यह लिखा
मुलायम सिंह के बेटे व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पिता की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिलेश यादव ने इंटरनेट मीडिया पर श्रद्धांजलि देने के बाद पिता के लिए लिखा है…
"जो बसते हैं दिल में लोगों के
वो जाकर भी कहीं न जाते हैं
आपके सिद्धांतों और प्रयासों को नमन करते हुए उन्हें और भी साकार और सार्थक करने की वचनबद्धता के साथ श्रद्धांजलि!"
10 अक्टूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता में ली थी आखिरी सांसें
मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में किया गया था। मंगलवार को सपा संस्थापक की प्रथम पुण्यतिथि पर उनकी समाधि स्थल पर भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। समाधि स्थल पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पार्टी विधायक ने सुनाएं संस्मरण
जिला कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव के गुरु उदय प्रताप सिंह, मोहनलालगंज की पूर्व सांसद सुशीला सरोज सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसी तरह महानगर कार्यालय पर पार्टी विधायक अरमान खान और रविदास मेहरोत्रा ने अपने संस्मरण सुनाएं।
आज महिला राजनीति में हैं यह नेताजी की देन है- राजकुमार मौर्य
सपा संस्थापक के पहली पुण्यतिथि पर मुलायम सिंह यादव के साथ जेल जाने वाले राजकुमार मौर्य ने कहा आज महिला राजनीति में हैं यह नेताजी की देन है। त्रिस्तरीय चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण नेताजी ने दिलाया। नेताजी ने चुंगी की व्यवस्था समाप्त की। राज्य कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता जिस दिन से लागू किया, पहले सीमा पर कोई शहीद होता था। पार्थिव शरीर घर नहीं आता था, नेताजी ने बलिदानियों के पार्थिव शरीर घर सम्मान के साथ आए, इसकी व्यवस्था लागू की।
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