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Atiq Ahmed ने 50 शेल कंपनियों में खपाई थी काली कमाई


लखनऊ, 15 जून 2023 : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माफिया अतीक अहमद व उसके करीबियों की काली कमाई से जुटाई गई बेनामी संपत्तियों की जांच में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने लखनऊ, प्रयागराज, नोएडा व दिल्ली में अतीक अहमद के करीबियों के 24 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा है। ईडी ने कई संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद से जुड़े रहे कई रियल एस्टेट कारोबारियों के ठिकानों का खंगाला जा रहा है। नकदी भी बरामद की गई है।

प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर अपनी जांच आरंभ की थी। ईडी ने इससे पूर्व 12 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक के करीबी बिल्डर विनायक सिटी माल के मालिक संजीव अग्रवाल, अमितदीप मोटर्स के मालिक दीपक भार्गव व चायल के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी के आवासों समेत 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जबकि 15 अप्रैल को प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की तीन शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

इस वारदात के बाद ईडी की जांच की रफ्तार थोड़ा सुस्त पड़ गई थी। ईडी ने 12 अप्रैल को की गई छोपमारी के दौरान अतीक के रिश्तेदार खालिद जफर, उसके वकील व सहयोगी सुल्तान हनीफ खान (एक मामले में सजायाफ्ता) व अन्य सहयोगियों के ठिकानों से 100 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे। छापेमारी में 75 लाख रुपये, विदेशी मुद्रा, नोट गिनने की दो मशीनें, सोने-चांदी के जेवर, 200 बैंक खातों व 50 शेल कंपनियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए थे।

जांच में सामने आया था कि 50 शेल कंपनियों के जरिए माफिया अतीक अहमद की काली कमाई को खपाया गया था। ईडी ने अपनी जांच के कदम बढ़ाए हैं और अतीक के करीबी रियल एस्टेट कारोबारियों के ठिकानों खंगाला है। अतीक की बेनामी संपत्तियों की छानबीन भी तेज की गई है। अधिकांश बेनामी संपत्तियां सपा शासनकाल में वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य हासिल किए जाने की बात भी सामने आई थी।

अतीक ने दबदबे व राजनीतिक रसूखों के बलबूते कई जमीनों पर कब्जा किया था और उन्हें अपने करीबियों के नाम दर्ज करा दिया था। कई जमीनों की खरीद-फरोख्त के फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए थे। अतकी के करीबियों ने 20 से अधिक शेल कंपनियों को मुंबई, कोलकाता व गुजराज के पतों पर भी पंजीकृत कराया था। जिन्हें लेकर आगे की छानबीन की जा रही है।

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