रामपुर, 26 अगस्त 2022 : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ दो नए अभियोग पंजीकृत किए जाने के विरोध में सपाई अब आंदोलन नहीं कर सकेंगे। प्रशासन ने उनके आंदोलन पर रोक लगा दी है। नगर मजिस्ट्रेट ने आंदोलन की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है।
शहर विधायक आजम खां के खिलाफ साल 2019 में बड़े पैमाने पर अभियोग पंजीकृत किए गए थे। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के आरोप में भी 30 अभियोग पंजीकृत हुए। प्रशासन ने उन्हें भूमाफिया भी घोषित कर दिया। इसके अलावा डूंगरपुर प्रकरण में 11 और यतीमखाना प्रकरण के 12 मामलों में आरोपित हैं। उनके खिलाफ 91 मुकदमे पहले से ही विचाराधीन हैं।
17 अगस्त को दो नए अभियोग पंजीकृत हो गए। इन दो मामलों में उनपर अभियोगों के वादियों को धमकाने का आरोप है। सपाइयों ने इन अभियोगों को झूठा बताते हुए निरस्त कराने की मांग की। इस संबंध में आजम खां के बेटे स्वार-टांडा के विधायक अब्दुल्ला आजम और चमरौआ के विधायक नसीर अहमद खां पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपमहानिरीक्षक से भी मिले। साथ ही सपा कार्यालय पर मीटिंग कर ऐलान किया कि अगर अभियोग निरस्त नहीं हुए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
बाद में सपा के प्रतिनिधि मंडल ने लखनऊ में पुलिस महानिदेशक से भी मुलाकात की, लेकिन आजम खां को कोई राहत नहीं मिल सकी। इसके बाद सपाइयों ने आंदोलन करने की घोषणा की। सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने नगर मजिस्ट्रेट सत्यम मिश्रा को पत्र देकर अवगत कराया कि जन समस्याओं को लेकर समाजवादी पार्टी के लोग 27 अगस्त से दो सितंबर तक आंबेडकर पार्क में धरना देंगे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें धरना देने की अनुमति नहीं दी है।
नगर मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी और पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में अनुमति देने की संस्तुति नहीं की। पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल का कहना है कि संविधान में लोगों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है, लेकिन अब यह अधिकार भी हमसे छीना जा रहा है। हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं। इसलिए कानून का पालन करेंगे। प्रशासन ने धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए परमिशन देने से इन्कार कर दिया है।
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