रामपुर, 3 नवंबर 2023 : भड़काऊ भाषण मामले में सजा के खिलाफ सपा नेता आजम खां की अपील पर स्थगन प्रार्थना पत्र देने के कारण शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत अब 10 नवंबर को सुनवाई करेगी।
15 जुलाई 2023 को आजम खां को भड़काऊ भाषण के मामले में सजा सुनाई गई थी। जिस मामले में उन्हें सजा हुई थी वह वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान शहजादनगर थाने में दर्ज हुआ था। तब आजम खां लोकसभा चुनाव लड़े थे। उन्होंने आठ अप्रैल 2019 को चुनाव प्रचार के दौरान धमोरा में जनसभा की थी, जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह (वर्तमान में मंडलायुक्त मुरादाबाद) और मुख्यमंत्री के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की थी।
सुनाई गई थी ढाई साल की सजा
पुलिस ने जांच पूरी कर आइपीसी की धारा 171 जी, 505 (1) बी और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चली। कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए दो साल कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
आजम ने अपील की थी दाखिल
आजम खां ने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील दाखिल की थी। शुक्रवार को अपील पर सुनवाई होनी थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि अपीलकर्ता के अधिवक्ता की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र देकर समय दिए जाने का अनुरोध किया गया, जिसे स्वीकार कर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर नवंबर नियत की है।
गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को भी आजम खां, उनकी पत्नी डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला को सात साल की सजा सुनाई गई थी। आजम सीतापुर जेल और अब्दुल्ला हरदोई की जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी रामपुर जेल में बंद हैं। इस सजा के खिलाफ अभी उनके द्वारा अपील दाखिल नहीं की गई है।
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