google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

जेल में रहकर भी अहम है यूपी की सियासत में आजम खां का रोल


लखनऊ, 25 अक्टूबर 2023 : उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतों के लिए सपा और बसपा के बीच लंबे समय से कबड्डी चल रही है। फिर जब से कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में दोबारा पैर जमाने के लिए पसीना बहाना शुरू किया तो वह भी मुस्लिम वोटों की पुरानी उत्तराधिकारी बनकर सामने आ गई।

दिलचस्प बात यह है कि इस राजनीति के केंद्र में सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान तब भी बने हुए हैं, जब वह कानूनी शिकंजे में फंसकर राजनीति में बिल्कुल निष्क्रिय हो चुके हैं। सपा इस वोट बैंक को उनके नाम पर बचाए रखने के लिए चिंतित नजर आती है तो कांग्रेस सपा के कद्दावर नेता पर डोरे डाल रही है।

दलित-मुस्लिम राजनीति की नींव रखना चाहते हैं आजम

भीम आर्मी के चंद्रशेखर भी उन्हीं के सहारे अपनी दलित-मुस्लिम राजनीति की नींव रखना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार की विदाई के बाद पुराने मामलों की परतें खुलनी शुरू हुईं और सपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री आजम खां की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गईं। वह पत्नी-बेटे सहित पहले भी जेल जा चुके हैं और अब फिर सलाखों के पीछे हैं।

उनके परिवार का कोई सदस्य अब केंद्र या प्रदेश के किसी सदन का सदस्य भी नहीं रहा। इसके बावजूद मुस्लिम राजनीति के जोड़तोड़ अभी उनसे बहुत दूर नहीं हो पाए हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आजम खां समाजवादी पार्टी के सबसे प्रमुख मुस्लिम चेहरा रहे हैं या कहें कि अभी भी हैं।

आजम के समर्थन में आई कांग्रेस

अब जब आजम फिर से जेल भेज दिए गए हैं तो सपा द्वारा भाजपा पर हमलावर होना स्वाभाविक है, लेकिन कांग्रेस भी खुलकर उनके समर्थन में आ गई है। आजम के लिए हर लड़ाई लड़ने का बयान भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दिया है, जिनका कि अखिलेश यादव के साथ जुबानी जंग छिड़ी हुई है।

इसी तरह भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने भी भाजपा सरकार पर षड्यंत्र के तहत जेल भेजने का आरोप लगाते हुए जल्द आजम से मिलने जाने की बात कही है। माना जा रहा है कि ये सभी दल सपा के पाले से मुस्लिमों को खींचना चाहता है।

कांग्रेस को खासतौर पर भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में वही मुस्लिम समुदाय के लिए सपा का विकल्प बन सकती है। यहां उल्लेखनीय है कि आजम खां के लिए पीड़ा दिखा रही कांग्रेस ने उन्हीं नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अन्य के साथ जोनल अध्यक्ष के पद से हाल ही में हटाया है, जो कि बसपा छोड़कर आए थे। शायद पार्टी को लगता है कि मुस्लिम समाज अन्य नेताओं की तुलना में आजम के नाम पर अधिक जुड़ सकता है।


0 views0 comments
bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0