लखनऊ, 16 दिसम्बर 2022 : माफिया मुख्तार अंसारी। एक वक्त वह भी था, जब इस बाहुबली का हर कानूनी दांव सटीक बैठता था। उसके विरुद्ध मुकदमे दर्ज होते थे लेकिन, कोर्ट में आरोप तय होने में वर्षों गुजर जाते थे। अब उसके सिर से राजनीति की छांव छटने और पुलिस की प्रभावी पैरवी का परिणाम है कि इंटर स्टेट गैंग 191 के सरगना मुख्तार अंसारी को तीन माह में कोर्ट ने तीसरे मामले में सजा सुनाई है। इन दिनों मुख्तार को ईडी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आतंक का पर्याय रहे मुख्तार पर आने वाले दिनों में कानून का शिकंजा और कसेगा।
चार दशक से आतंक का पर्याय रहा माफिया मुख्तार अंसारी
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय के अनुसार एक वर्ष में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध अलग-अलग कोर्ट में सात मुकदमों में आरोप तय कराए गए हैं। चार दशक से आतंक का पर्याय रहे माफिया मुख्तार अंसारी को पहली बार हाई कोर्ट ने लखनऊ जेल में वर्ष 2003 में जेलर एसके अवस्थी को धमकाने के मामले में 21 सितंबर को सजा सुनाई थी। जिसके बाद सितंबर माह में ही मुख्तार को लखनऊ में दर्ज गैंगेस्टर एक्ट के मामले में दूसरी बार सजा सुनाई गई। गाजीपुर में दर्ज गैंगेस्टर एक्ट के ही मामले में गुरुवार को मुख्तार अंसारी को तीसरी बार सजा सुनाई गई है।
बसपा का दामन थामकर वर्ष 1996 में पहली बार विधानसभा पहुंचा था मुख्तार
दरअसल, अपराध की सीढ़ियां तेजी से चढ़कर पूर्वांचल में दबदबा बनाने के बाद पूरे प्रदेश के लिए आतंक का पर्याय बने मुख्तार अंसारी के विरुद्ध गवाहों को कोर्ट तक पहुंचाना भी पुलिस के लिए कभी बड़ी चुनौती था। बसपा का दामन थामकर वर्ष 1996 में पहली बार विधानसभा पहुंचे मुख्तार ने उसके विरुद्ध कार्रवाई के कदमों को लगभग थाम ही दिया था। बाहुबल के बलबूते कई कमजोर उम्मीदवारों के लिए जीत का फार्मूला बनने वाले मुख्तार ने खुद भी लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीता। वह दो दशकों तक कानूनी दांवपेंच के सहारे पुलिस व अभियोजन को पटकनी देता रहा।
यूपी में मुख्तार अंसारी पर दर्ज हैं 59 मुकदमे
मुख्तार के विरुद्ध प्रदेश में हत्या व अन्य संगीन धाराओं में 59 मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा मुख्तार के विरुद्ध दिल्ली व पंजाब में भी मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार के अलावा उसकी पत्नी अफसा अंसारी के विरुद्ध छह मुकदमे, सांसद भाई अफजाल अंसारी के विरुद्ध सात मुकदमे, बेटे अब्बास अंसारी के विरुद्ध सात तथा छोटे बेटे उमर अंसारी के विरुद्ध पांच मुकदमे दर्ज हैं। अक्टूबर, 2005 से जेल में निरुद्ध मुख्तार ने पूर्ववर्ती सरकारों में सलाखों के पीछे रहकर भी अपने नेटवर्क को बनाए रखा था, पर अब उसके किले की दीवारें दरक रही हैं।
सीएम योगी की सरकार बनने के बाद दरका मुख्तार का किला
वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया व अपराधियों के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए थे। बड़े अपराधियों के विरुद्ध कोर्ट में प्रभावी पैरवी का भी कड़ा निर्देश दिया था। इसके बाद पुलिस के बदले तेवरों ने अपराधियों के पैर पीछे धकेलने शुरू किए हैं। मुख्तार को पंजाब जेल से लाने के लिए भी वर्तमान सरकार ने कड़े प्रयास किए थे, जिसके बाद उसे यहां लाकर बांदा जेल में निरुद्ध किया गया है।
572 करोड़ की संपत्ति जब्त
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि मुख्तार के विरुद्ध बीस विचाराधीन मामलों में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराई जा रही है। उनकी मानीटरिंग सीधे डीजीपी मुख्यालय से हो रही है। इसका परिणाम है कि उसके विरुद्ध तीन माह में तीसरे मामले में सजा सुनिश्चित कराने में सफलता मिली है। अपराधियों के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत की जा रही कार्रवाई में माफिया मुख्तार अंसारी गिरोह की गैंगेस्टर एक्ट के तहत अब तक 298 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। इसके अलावा 282 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां ध्वस्त की गई हैं और अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई हैं। गिरोह के 167 लाइसेंसी शस्त्र भी निरस्त कराए गए हैं।
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