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यूपी की 86 सुरक्षित विधानसभा सीटों पर बहुजन समाज पार्टी की खास रणनीति, जारी हुआ फोल्डर



बहुजन समाज पार्टी बेहद सधी हुई रणनीति के साथ यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को आगे बढ़ा रही है। बीएसपी अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का राजनीतिक अनुभव एक एक सीट पर काम कर रहा है।


बहुजन समाज पार्टी ने यूपी की 86 सुरक्षित सीटों के लिए खास रणनीति तैयार की है। इन 86 सीटों में 84 सीटें एससी और 2 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है।


बसपा प्रदेश कार्यालय पर रिजर्व सीटों के विधानसभा अध्यक्षों के साथ मायावती ने समीक्षा बैठक की।


9 अक्टूबर मान्यवर कांशीराम जी के पुण्यतिथि के अवसर पर जिले के सभी अध्यक्षों को निर्देश जारी किए गए थे कि अपने-अपने जिलों में कैडर (पोलिंग बूथ कमेटी) बनाएं उनकी बंद कमरे में मीटिंग ले। साथ ही कमेटी के पदाधिकारियों के काम रिव्यू ले।


मायावती ने बताया कि पश्चिमी यूपी के 4 मंडलों की कमेटी का रिव्यु लिया जिसमें सभी कमेटी के सदस्य व पदाधिकारी जमीनी स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं।



प्रदेश की सभी सुरक्षित विधानसभा सीटों को जिताने के लिए पार्टी पूरा जोर लगा रही है।


बीएसपी प्रमुख ने कहा कि मुझे विधानसभा के इंचार्ज और अध्यक्षों से यह भरोसा है कि वह 2007 की तरह बीएसपी को इस बार भी भारी बहुमत से जीत दिलाएंगे।


बसपा पार्टी अन्य पार्टियों की तरह विज्ञापन देकर हल्ला नहीं करती काम करने में विश्वास रखती है। इसीलिए हमारी पार्टी बिना घोषणा पत्र के जमीनी स्तर पर काम करना पसंद करती है।


जिले के चुनाव में जीत दिलाने के लिए प्रदेशवासियों को याद दिलाने के लिए फोल्डर तैयार किया गया है जो जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।


इस फोल्डर के माध्यम से जनता तक बात पहुंचाई जाएगी कि बीएसपी जब सरकार में थी तो जमीनी स्तर पर कितना काम किया गया था। बहुजन सामज पार्टी द्वारा किये गए कार्यों का रूप बदलकर अन्य पार्टियां पेश कर रही हैं।



मौजूदा भाजपा सरकार ने सिर्फ विज्ञापन के जरिये अपने झूठे और कागजी कामों का ढिंढोरा पीटा है। बसपा ने जमीनी स्तर पर जनता के लिए काम किया है।


इस फोल्डर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाएगा कि बीएसपी ने जमीनी स्तर पर क्या-क्या काम किए हैं और अगर आगामी चुनाव में हमारी सरकार बनती है तो हम इसी फोल्डर के आधार पर आगे भी विकास का काम उत्तर प्रदेश में करेंगे।


केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस लिए हैं, जिसके लिए मैंने कई बार ट्वीट किया था साथ ही सरकार को चाहिए कि किसानों की छोटी छोटी समस्याएं हैं उसके लिए किसान संगठन से मिलकर बात करें और उनकी समस्या का हल निकाले ताकि किसान हंसी-खुशी अपने घर जा सके।


पार्टी अध्यक्ष मायावती ने ब्राह्मण वर्ग को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा को दी है। जिनकी सूझबूझ ने 2007 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


टीम स्टेट टुडे



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