बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट कर केंद्र और राज्य सरकार को सीधे निशाने पर लिया।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा का यह कहना कि 'सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास' आदि को लोग जुमला न मानकर इस पर कैसे विश्वास करें। उन्होंने कहा कि जब देश के किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लम्बे समय से तीव्र आन्दोलित एवं आक्रोशित भी हैं, तो फिर यह वर्ग भाजपा के नारा पर कैसे विश्वास करेगा। उनको तो यह अब नारा जुमला ही लगेगा।
मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार ने तीन वर्ष में पहली बार डीजल व पेट्रोल पर उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उत्पाद कर घटाया गया है उसी प्रकार से सरकार किसानों को भी बड़ी राहत दे सकती है।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट किए जिसके माध्यम से उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीएसपी व अन्य पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किए जाने से इस पार्टी का कुनबा या जनाधार बढ़ने वाला नहीं है। बल्कि इससे यह और भी घटता, कमजोर होता हुआ चला जाएगा। जबकि सपा को यह मालूम होना चाहिए कि ऐसे स्वार्थी दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से इनकी अपनी ही पार्टी में टिकटार्थी बहुत गुस्से में हैं।
ये अधिकांशतः बीएसपी के संपर्क में हैं। वैसे भी चुनाव में अंदर अंदर इस पार्टी को ये काफी नुकसान पहुंचाने वाले हैं। उन्होंने कहा लेकिन बीएसपी के लोग ऐसे में दूसरी पार्टियों के विधायकों व अन्य लोगों के टिकट कटने पर उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिलवाने से परहेज करें। उनके स्थान पर अपनी पार्टी के लोगों को ही टिकट देने पर ज्यादा जोर दें तो उचित होगा।
टीम स्टेट टुडे
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