बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। उसकी स्ट्रैटेजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्दगिर्द रहने वाली है। राम मंदिर अभियान को लेकर भी पार्टी का बड़ा प्लान है। इनके जरिये उसकी कोशिश चुनावों में 303 सीटों को पार करने की होगी। पार्टी वोट शेयर को भी बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगाएगी।
बीजेपी की योजना
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी नेतृत्व ने चुनावी रणनीतियों पर मंथन के लिए मंगलवार को धड़ाधड़ कई बैठकें कीं। राम मंदिर पर अपने कैंपेन के लिए भी प्लान बनाया। 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। बीजेपी की चुनावी रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित रहने वाली है। पार्टी के अभियान का जोर मोदी को हिंदुत्व, विकास और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि के प्रतीक के रूप में पेश करने पर होगा। चुनावों में बीजेपी ने 303 से ज्यादा सीटें हासिल करने का लक्ष्य रखा है। अपने वोट शेयर को बढ़ाने पर भी उसका फोकस है। चुनावों में बीजेपी राम मंदिर अभियान को जोर-शोर से उठाएगी।
लोकसभा चुनाव मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं। इसे लेकर वरिष्ठ भाजपा नेताओं की उच्च-स्तरीय समिति ने पार्टी मुख्यालय में बैठक की। बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव और मनसुख मांडविया, पार्टी महासचिव सुनील बंसल, विनोद तावड़े और तरुण चुघ के अलावा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शामिल हुए। टीम ने अपने मौजूदा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए उप-समितियों का गठन करने का फैसला लिया। जनसंपर्क को व्यापक और बड़ा बनाने के लिए पार्टी कॉल सेंटर भी स्थापित करने वाली है।
303 के पार जाने का रखा है लक्ष्य
दिग्गजों की बैठक में बीजेपी के वोट बैंक को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। आगामी चुनावों में पार्टी की नजर सीटों के साथ वोट शेयर भी बढ़ाने पर है। खबरों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने 303 सीटों और 37.36 फीसदी वोट शेयर को पार करने का लक्ष्य रखा है। यह उसने 2019 के चुनावों में हासिल किया था।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हर राज्य से चुने गए पार्टी नेताओं की सभा को संबोधित किया। इनमें चार-पांच बड़े राज्यों और दो छोटे राज्यों से चुने गए थे। उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम मंदिर के उद्घाटन के संबंध में पार्टी की योजनाओं के बारे में समझाया गया। बीजेपी ने राम मंदिर मुद्दे पर जश्न मनाने और प्रचार करने के लिए एक पखवाड़े का कैलेंडर तैयार किया है। देशभर के बीजेपी नेताओं को पार्टी सदस्यों की निगरानी करने के लिए कहा गया है। यह सदस्य 14-27 जनवरी के दौरान अपने क्षेत्रों में स्थानीय मंदिरों की सफाई में लगे रहेंगे। इसके लिए छोटी टीमें गठित करने के साथ उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
राम मंदिर उद्घाटन के जरिये बनाया जाएगा माहौल
22 जनवरी को पीएम मोदी अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। उसी दिन बीजेपी कार्यकर्ताओं को यह देखना है कि हर घर में शाम को पांच दीये जलाकर दिवाली की तरह मनाया जाए। इन दीयों को 'राम ज्योति' कहा जा रहा है। इन दीयों को जलाने का मकसद माहौल बनाना और सकारात्मकता पैदा करना है। कुछ ऐसा ही उन लाखों पवित्र ईंटों ने किया था जिन्हें 1989 से मंदिर निर्माण के लिए देशभर से अयोध्या लाया गया। तब पार्टी ने अपना अयोध्या अभियान शुरू किया था। बीजेपी नेतृत्व ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 25 जनवरी से 25 मार्च तक अयोध्या मंदिर आने वाले भक्तों को संगठित और उनकी मदद करने की भी सलाह दी है। 22 जनवरी के बाद पहले सप्ताह में हर दिन लगभग 50 हजार तीर्थयात्रियों के मंदिर के दर्शन करने की उम्मीद है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को मिलेगी जिम्मेदारी
देशभर के बीजेपी कार्यकर्ता भक्तों के लिए यात्रा, आवास और अन्य सुविधा प्रदान करेंगे। पार्टी के स्वयंसेवक इस संबंध में आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। हालांकि, बीजेपी कार्यकर्ताओं से इस कार्यक्रम के दौरान पार्टी के झंडे नहीं ले जाने के लिए कहा जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले तमाम विपक्षी दलों के नेताओं और प्रभावशाली लोगों को भाजपा में शामिल करने पर चर्चा के लिए नड्डा ने शाम को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक और बैठक की। बीजेपी अन्य दलों के प्रभावशाली नेताओं को उन निर्वाचन क्षेत्रों में अपने साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करेगी जहां सत्तारूढ़ दल का मजबूत आधार नहीं है। हालांकि, किन नेताओं को शामिल करना है इस पर फैसला ज्वाइनिंग कमेटी लेगी। इस समिति में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पार्टी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष सदस्य के रूप में शामिल हैं।
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