लखनऊ, 11 मार्च 2023 : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यकों खास तौर पर मुसलमानों के बीच में पैठ बनाने के लिए स्नेह मिलन सम्मेलनों का आयोजन कर उन्हें ‘एक देश, एक डीएनए’ का वास्ता देगी। इसकी शुरुआत ईद के त्योहार के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से करने की योजना है। इन सम्मेलनों का उद्देश्य बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच व्याप्त मतभेदों को दूर कर उन्हें आपस में जोड़ना है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम जाट, मुस्लिम गुर्जर, मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम त्यागी बिरादरियां हैं जिनके हिंदू समाज की इन जातियों से अच्छे रिश्ते हैं। कभी इन हिंदू और मुस्लिम जातियों के पूर्वज एक थे। इसलिए माना जाता है कि अनुवांशिक तौर पर उनका डीएनए भी एक होगा।
इसी को ध्यान में रखकर भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने स्नेह मिलन सम्मेलनों के आयोजन की रूपरेखा तैयार की है जिनमें हिंदू, मुस्लिम जाट, गुर्जर, राजपूत और त्यागी बिरादरियों को साथ लाने की कोशिश की जाएगी। उन्हें यह बताते हुए कि समय के तकाजे से उनकी भले ही अलग-अलग पहचान बन गई हो लेकिन मूल रूप से वे एक हैं। उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि भी एक है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि पार्टी इन सम्मेलनों की शुरुआत मुजफ्फरनगर से करेगी जहां सपा शासनकाल में दंगा हुआ था। इन सम्मेलनों के जरिये भाजपा दंगे से उपजे घाव पर मरहम लगाकर सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगी। पार्टी को उम्मीद है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में उसे इसका फायदा मिलेगा।
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नगीना, अमरोहा, बिजनौर और सहारनपुर सीटें जीती थीं जबकि समाजवादी पार्टी को मुरादाबाद और संभल में सफलता मिली थी। इसलिए भाजपा खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर फोकस कर रही है।
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