उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। ना तो किसी को उनकी नीयत पर सवाल है ना ही ईमानदारी पर। योगी के बयान तो अर्से से सुर्खियां बटोरते रहे हैं। ऐसे में जब चुनावी मौसम हो तो भला महाराज जी कैसे चूक जाएं।
हुआ कुछ ऐसा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे कुशीनगर और संत कबीर नगर जिलों में करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करने। उन्होंने विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) पर बिना नाम लिए तीखा प्रहार करते हुए कहा कि राम भक्तों पर गोली चलाने वाली तालिबान समर्थक जातिवादी-वंशवादी मानसिकता को प्रदेश की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख का नाम लिए बिना आरोप लगाया, 'अब्बा जान कहने वाले गरीबों की नौकरी पर डाका डालते थे। पूरा परिवार झोला लेकर वसूली के लिए निकल पड़ता था। अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। आज जो गरीबों का राशन निगलेगा, वह जेल चला जाएगा।
दरअसल मुख्यमंत्री यहां अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते-गिनाते पूर्ववर्ती सरकार पर हमलवार हो गए। उन्होंने कहा कि पहले भूख से मौतें होती थीं। आज प्रदेश और देश में भूख से एक भी मौत नहीं होती। क्योंकि अब्बाजान कहने वाले की तरह लोग अब गरीबों का हक नहीं मार सकते।
421 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास करने के बाद सीएम ने कहा कि विकास तो सबका होगा, लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं होगा। कांग्रेस, सपा, बसपा सभी को घेरते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के बाद कांग्रेस ने इस देश को लूटने का कार्य किया है। सपा बसपा ने गरीबों के निवाला पर डाका डाला था।
मुख्यमंत्री ने राममंदिर के मुद्दे पर भी सभी पर निशाना साधा और जनता से ही पूछा कि क्या बसपा, सपा और कांग्रेस मंदिर बनवाते तो लोगों ने जवाब दिया नहीं। अनुच्छेद 370 हटाते या तीन तलाक पर रोक लगाते तो इस पर भी जनता का जवाब मिला नहीं। सीएम योगी ने कुशीनगर और देवरिया में चीनी मिल खोलने की भी इच्छा जताई और कहा कि कोरोनाकाल में राजस्व की स्थिति बिगड़ने से ऐसा नहीं हो सका। इसे भी पूरा किया जाएगा। कानून व्यवस्था के सवाल पर कहा कि आज देश और प्रदेश में दंगे नहीं होते। उनको पता है कि ऐसा किया तो सात पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।
कोरोना के जिन्न को मैने बोतल में बंद किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के जिन्न को मैंने बोतल में बंद कर दिया है। गैर भाजपा शासित प्रदेश सरकारों ने सरकार की नीति और निर्देश का पालन नहीं किया। आपदा के इस काल में भी राजनीति की। इससे पूरे देश में कोरोना को लेकर संकट खड़ा हुआ है। केरल, महाराष्ट्र आदि राज्य इसके उदाहरण हैं। जिनकी आबादी उत्तर प्रदेश के छठवें व आठवें हिस्से की ही है। हमको अब भी सावधानी बरतनी है। टीका का सुरक्षा कवच हर किसी को पहनना होगा।
जाहिर है इस बयान के बाद सियासी उबाल तो आना ही था। एक एक कर सभी पार्टियां मैदान में कूद गईं।
कांग्रेस ने पूछा- आप कौन से जान हैं?
सीएम योगी के बयान पर कांग्रेस की तरफ से पूछा गया - योगी साहब आप कौन से जान हैं? आपके कौन से अब्बाजान हैं और कौन से भाईजान हैं? यह पूरे देश को पता है। पीएम ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन संघ की वजह से हटा नहीं पाए।
उधर समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि बीते साढ़े चार साल में यूपी में सिर्फ घोटाले ही हुए हैं। योगी अपने साढ़े चार साल का काम नहीं गिना पा रहे हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं।
यूपी के जो नेता बोले सो बोले नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी योगी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा यह कहा है कि भाजपा का कोई चुनावी एजेंडा नहीं है सिवाय मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने के। यहां एक सीएम का बयान जो सामने आया है उसमें उन्होंने दावा किया गया है कि मुसलमानों ने हिंदुओं के लिए सभी राशन खा लिए हैं।
वैसे सियासी बयानबाजियां एक तरफ लेकिन योगी सरकार में भी कोरोनाकाल के दौरान जब सरकार ने गरीबों को मुफ्त राशन और दवाइयां बांटी तो ज्यादातर मुस्लिम जिनके घर में खाने पीने के लाले नहीं भी थे वो भी दोनों हाथों से मुफ्त का माल लेते देखे गए। जब मीडिया ने ऐसे मामलों को देश के सामने रखा तो कई जगह प्रशासन के छापे पड़े और बड़ी मात्रा में अनाज की डंपिंग बरामद की गई।
टीम स्टेट टुडे
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