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कांग्रेस के मेनिफेस्टो और सपा के परिवारवाद पर दहाड़े Cm Yogi Adityanath



- सीएम योगी ने हाथरस, फिरोजाबाद और इटावा लोकसभा सीटों के लिए किया प्रचार

- कांग्रेस के समय किसान आत्महत्या और भ्रष्टाचारी ऐश करता थाः सीएम योगी

- कांग्रेस ने पहले देश को बांटा, अब संपत्ति को बांटने की साजिश कर रही

- काशी और अयोध्या के बाद अब हम मथुरा की ओर बढ़ चले हैं : योगी आदित्यनाथ

- बोले योगी, कल्याण सिंह के लिए संवेदना के शब्द नहीं निकले और माफिया के घर फातिहा पढ़ने चले गए

- राम और कृष्ण की धरती पर गोकशी की छूट देना चाहती है कांग्रेस : योगी

- कांग्रेस व सपा का फिर से गठबंधन देश को धोखा देने के लिए हुआ हैः सीएम योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में शनिवार को तीन जनपदों में धुआंधार प्रचार किया। उन्होंने हाथरस से लोकसभा प्रत्याशी अनूप प्रधान वाल्मीकि, फिरोजाबाद में ठाकुर विश्वदीप सिंह और औरैया में इटावा लोकसभा सीट से प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया के लिए प्रचार अभियान की कमान संभालते हुए जनसभाएं कीं। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी के निशाने पर कांग्रेस और सपा के साथ ही पूरा इंडी गठबंधन रहा। सीएम योगी ने जहां एक तरफ गोकशी और ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई वहीं सपा राज के कारनामों की भी पोल खोली। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर पहले देश बांटने और जनता की संपत्ति को हड़पने का आरोप लगाया, वहीं उन्होंने समाजवादी पार्टी को अपराधियों का सरपरस्त बताते हुए माफिया की मौत पर फातिहा पढ़ने वाला बताया।


पूरे देश में गूंज रहा 'फिर एक बार मोदी सरकार' का स्वर


हाथरस में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गरीब, किसान, महिलाएं, युवा सपा-बसपा व कांग्रेस के एजेंडे में नहीं थे। यह केवल वोट बैंक की राजनीति करते थे। यह जाति, समाज को बांटने का पाप करते थे। उनके समय में गरीब भूखमरी का शिकार होता था और आतंकवादियों को बिरयानी खिलाई जाती थी। किसान आत्महत्या करता था और भ्रष्टाचारी ऐश करता था। माफिया सरपरस्त बनकर सत्ता का संचालन करते थे, लेकिन आज बिना किसी भेदभाव के देश व प्रदेश में कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश में साढ़े छह लाख युवाओं को नौकरी दी गई। अब पात्रता के आधार पर ही योजनाओं का लाभ मिल रहा है। सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ चुनाव में एक तरफ भाजपा व एनडीए है तो दूसरी तरफ कांग्रेस-सपा व इंडी गठबंधन है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव-2024 के दृष्टिकोण से दो चरणों की 191 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। रुझान बताते हैं कि हाथरस के हींग की खुशबू और फिर एक बार मोदी सरकार का स्वर पूरे देश में गूंज रहा है।


राशन भी डकार जाते थे कांग्रेस के चट्टे-बट्टे


फिरोजाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलते हुए कहा कि राम और कृष्ण की धरती पर ये लोग गोकशी की छूट देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि काशी और अयोध्या के बाद अब वे मथुरा की ओर बढ़ चले हैं। सीएम योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' वाले लोगों को लगता है कि राम और कृष्ण हुए ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है, वहीं कांग्रेस राज में उनके चट्टे-बट्टे गरीबों का राशन भी डकार जाते थे। मुख्यमंत्री ने सपा को टार्गेट करते हुए कहा कि उन्हें यादवों में भी केवल अपने परिवार के लोगों को लाभ पहुंचाया है। इन लोगों ने अपने परिवार के बाहर कुछ सोचा ही नहीं और परिवारवाद के नाम पर जाति को बदनाम करते रहते हैं।


ऐसी सपा को स्वीकार नहीं करना है


वहीं औरैया में इटावा लोकसभा सीट के लिए जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा के समय गरीब भूखों मरता था। सपा के लोग वसूली करते थे। माफिया सत्ता पर हावी होकर गरीबों की जमीनों पर कब्जा करते थे। इनके पास गरीबों को देने के लिए कुछ नहीं था, लेकिन सपा ने आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने का कार्य किया था। गरीब भूखों मरता था और यह लोग आतंकियों को बिरयानी खिलाते थे। कांग्रेस व सपा का फिर से गठबंधन देश को धोखा देने के लिए हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि मोदी जी ने दस वर्ष में भारत के सर्वांगीण विकास, आपके और आपके भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए कार्य किए हैं। देश में अब सुरक्षा का माहौल है। सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की मृत्यु पर मैं उनके घर श्रद्धांजलि देने गया। पीएम मोदी ने संवेदना व्यक्त की। सपा ने कल्याण सिंह की मृत्यु पर संवेदना के एक भी शब्द व्यक्त नहीं किए और माफिया के घर फातिहा पढ़ने चले गए। सीएम ने आह्वान किया कि ऐसी सपा को स्वीकार नहीं करना है।


 

यूपी में अब आसान नहीं गोकशी, 10 साल तक जेल और 5 लाख तक जुर्माने का है प्राविधान



- कांग्रेस के मैनिफेस्टो में गोमांस पर सख्त सीएम योगी, यूपी में पहले ही गोकशी को लेकर लागू कर चुके हैं कड़ा कानून

- 2020 में अध्यादेश लाने के बाद सदन में कानून बनाकर गोकशी पर लगाया गया अंकुश, कड़ी सजा का भी किया प्रावधान


लखनऊ, 27 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कांग्रेस के मैनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खानपान की आजादी को लेकर लगातार हमला कर रहे हैं। शुक्रवार को अपनी रैलियों के अलावा शनिवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास पर भी मीडिया से बातचीत में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर गोमांस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस देश का हिंदू गोमांस से पूरी तरह से परहेज करता है। गाय उसके लिए मां के समान है। कांग्रेस मुसलमानों को इसकी छूट देने का कुत्सित प्रयास कर रही है। यह कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश ने गोहत्या को लेकर प्रदेश में पहले से ही कड़ा कानून बना रखा है। इसके तहत, प्रदेश में गोकशी पर 10 साल की सजा और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, गोवंश के अंगभंग पर सात साल की जेल और 3 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।


दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा


योगी सरकार ने 2020 में ही गोकशी पर अध्यादेश लाने के साथ इसे कानून का रूप दिया था। उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अधिनियम 2020 में योगी सरकार ने कई नए प्राविधानों को जोड़ा था, जिससे प्रदेश में गोकशी करना आसान नहीं रह गया है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा और कड़ी कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल और दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा दोगुनी हो सकती है। इससे पूर्व के कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था। लेकिन संशोधित अधिनियम में गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय किया गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा। अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो कोई किसी गाय या उसके गोवंश को ऐसी शारीरिक क्षति करता है, जो उसके जीवन को संकट में डाले या अंग भंग करे, उस व्यक्ति पर एक वर्ष से साथ वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।


तस्करी पर अभियुक्त से वसूला जाएगा भरण-पोषण का खर्च


संशोधित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी। पूर्व के कानून में गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों, उनके मालिकों या चालकों पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। वहीं संशोधित कानून में अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। साथ ही चालक और ऑपरेटर भी दोषी होंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैरजमानती होंगे।


पिछले कानूनों में नहीं थी कड़े दंड की व्यवस्था


योगी सरकार ने 2020 में अध्यादेश और फिर अधिनियम बनाकर इसे प्रदेश में लागू किया था। इस कानून की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई थी, क्योंकि पूर्व के कानून में अनेक संशोधनों के बाद भी इस प्रकार की शिथिलता बनाए रखी गई जिसके कारण कानून का क्रियान्वयन जन आकांक्षाओं के अनुरूप प्रभावी रूप से नहीं किया जा सका और गाय तथा गोवंश के अवैध वध एवं अवैध परिवहन की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इसलिए कानून में संशोधन करके गोवंश के अवैध वध एवं अवैध परिवहन पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया।

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