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कोरोना को लेकर सीएम योगी की अफसरों के साथ हाईलेवल बैठक में कई निर्णय, दिए ये निर्देश

chandrapratapsingh


लखनऊ, 22 दिसंबर 2021 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में कई निर्णय लिए और आला अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में फिलहाल स्थिति नियंत्रित है, लेकिन इस वक्त थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। उन्होंने निर्देश दिया कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप नए कोरोना के नए वैरिएंट की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि बीते 24 घंटों में एक लाख 84 हजार 494 सैम्पल की जांच में कुल 21 कोरोना वायरस से संक्रमितों की पुष्टि हुई है। इसी अवधि में 14 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 216 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 633 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। 18 करोड़ 88 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और नौ करोड़ 12 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। यहां छह करोड़ 56 लाख 60 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। 12 करोड़ 31 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में से 83.55 फीसद को पहली और 44.54 फीसद लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है।

ड्रोन निर्माण इकाई की स्थापना की योजना बनाने के निर्देश


सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपदा राहत, कृषि, कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में 'ड्रोन' की महत्ता को देखते हुए प्रदेश में ड्रोन निर्माण इकाई की स्थापना के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। आईटीआई संस्थानों में ड्रोन तकनीक के प्रशिक्षण के लिए सर्टिफिकेट/डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं। आवश्यक्तानुसार आईआईटी कानपुर के सहयोग लिया जाए। इसके साथ-साथ प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत "ड्रोन" के प्रयोग को लेकर राज्य स्तर पर स्पष्ट नियमावली तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि एकेटीयू लखनऊ, एमएमएमयूटी गोरखपुर, एचबीटीयू कानपुर व दो अन्य संस्थानों के सिविल इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की एक विशेष टीम गठित कर प्रदेश में निर्माणाधीन लाइट हाउस प्रोजेक्ट का गहन अध्ययन कराया जाए। कम खर्च में टिकाऊ और मजबूत आवास निर्माण की यह विधा प्रदेश में आवासीय योजनाओं को विस्तार देने में उपयोगी हो सकती है।

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