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Defense Industry Sector के लिए मजबूत आधार बनेंगे यूपी के तीन डीटीआईएस, ग्रेटर नोएडा में कॉर्पोरेट ऑफिस प्लॉट्स के आवंटन के लिए नई योजना लाई योगी सरकार



आत्मनिर्भर डिफेंस इंडस्ट्री सेक्टर के लिए मजबूत आधार बनेंगे यूपी के तीन डीटीआईएस


- डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (डीटीआईएस) के तहत लखनऊ और कानपुर में स्थापित होंगे तीन प्रोजेक्ट


- योगी सरकार की यूपीडा होगी तीनों डीटीआईएस की इम्प्लिमेंटिंग अथॉरिटी


- घरेलू रक्षा क्षेत्र तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के परीक्षण की बुनियादी कमियों को दूर करेंगे डीटीआईएस


- 117 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी सरकार, मिधानि, बीईएल और एचएएल होंगे तीनों प्रोजेक्ट के लीड मेंबर


- आईआईटी कानपुर में स्थापित होंगे दो डीटीआईएस, लखनऊ के लिए 0.8 हेक्टेयर भूमि आवंटित


लखनऊ, 11 जुलाई। भारत के डिफेंस सेक्टर और स्पेस टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत आधार देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। रक्षा मंत्रालय के डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (डीटीआईएस) के अंतर्गत यूपीडा प्रदेश में तीन प्रोजेक्ट स्थापित करेगी। कानपुर और लखनऊ में स्थापित होने वाले तीनों डीटीआईएस डिफेंस टेक्नोलॉजी के इन्फ्रास्ट्रक्चर के परीक्षण की बुनियादी कमियों को दूर करने में मददगार होंगे। यूपी में डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के लिए 117 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किये जाएंगे। प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार की ओर से 75 प्रतिशत, जबकि योगी सरकार 25 प्रतिशत का अनुदान देगी।


देसी रक्षा उद्योग के परीक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने में मिलेगी मदद

डीटीआईएस के जरिए लेटेस्ट टेस्टिंग टेक्नोलॉजी के लिए टेक्निकल आर एंड डी (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) का कार्य किया जाएगा। साथ ही टेस्टिंग फैसिलिटी में टेक्निकल अपग्रेडेशन के लिए अनुशंसाएं और मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा रक्षा उत्पादन में गुणवत्ता और स्टैंडर्ड्स का पालन सुनिश्चित करना भी डीटीआईएस का महत्वपूर्ण कार्य होगा। इस स्कीम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देसी रक्षा उत्पादन क्षमता में सुधार हो और स्वदेशी कंपनियों को अच्छी परीक्षण सुविधाएं प्राप्त हों। इसका उद्देश्य देश में स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए रक्षा परीक्षण की बुनियादी संरचना में कमी को दूर करने का ये बड़ा माध्यम साबित होगा।


यूपीडीआईसी के अंतर्गत शुरू होंगी तीनों डीटीआई स्कीम

बता दें कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत इन तीनों डीटीआई स्कीम को शुरू किया जाना है। इसके लिए यूपीडा को इम्प्लिमेंटिंग अथॉरिटी नियुक्त किया गया है। यूपी में तीनों डीटीआई स्कीम के अंतर्गत भारतीय अंतरिक्ष मिशन के लिए रणनीतिक साझेदार मिधानि (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) लखनऊ में मैकेनिकल और मैटेरियल टेस्टिंग फैसिलिटी प्रदान करेगी, जिसपर 40 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किये जाएंगे। वहीं आईआईटी कानपुर में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की ओर से कम्युनिकेशन टेस्टिंग फैसिलिटी पर 31 करोड़ रुपए से अधिक और आईआईटी कानपुर में ही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (यूएएस) टेस्टिंग फैसिलिटी प्रदान की जाएगी। तीनों डीटीआई स्कीम को एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) के जरिए स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की जाएगी।


यूपीनेडा के अधिकारियों के अनुसार डीटीआई स्कीम आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। इससे रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति तो मिलेगी ही, साथ ही स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, फलस्वरूप सैन्य उपकरणों के आयात पर देश की निर्भरता भी कम होगी।


 

ग्रेटर नोएडा में कॉर्पोरेट ऑफिस प्लॉट्स के आवंटन के लिए नई योजना लाई योगी सरकार


-यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने शुरू की प्रक्रिया, 9 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगी कंपनियां


-6 सितंबर को ई-ऑक्शन के माध्यम से क्वॉलिफाइड बिडर्स लगा सकेंगे बोली, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 22ई में 1000 स्क्वेयर मीटर के 45 भूखंड के आवंटन का मार्ग होगा प्रशस्त


-2.5 करोड़ रुपए रखा गया है प्रत्येक प्लॉट का रिजर्व्ड प्राइस, 25 लाख रुपए रखा गया है रजिस्ट्रेशन अमाउंट


-25 हजार स्क्वेयर प्रति मीटर रखा गया है रेट ऑफ अलॉटमेंट, यमुना एक्सप्रेसवे से 45 व 24 मीटर चौड़ी रोड्स बनेंगी इन प्लॉट्स की कनेक्टिविटी का माध्यम


ग्रेटर नोएडा/लखनऊ, 11 जुलाई। उत्तर प्रदेश की प्रगति को प्रशस्त करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ग्रेटर नोएडा में विकास के नए आयाम गढ़ रही है। एक ओर, जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाई गई है, दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, दादरी में मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब व बोड़ाकी में मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब की विकास प्रक्रिया को गति गई है। सीएम योगी का विजन ग्रेटर नोएडा को वर्ल्ड क्लास सिविक एमिनिटीज से लैस करने का है और अब इसी क्रम में सीएम योगी की मंशा अनुरूप बड़े स्तर पर कमर्शियल प्लॉट्स के आवंटन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा इस क्रम में नई योजना लायी गई है जिसके जरिए 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले 45 कमर्शियल प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। इन प्लॉट्स को ई-ऑक्शन प्रक्रिया के जरिए आवंटित किया जाएगा जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। पंजीकृत पार्टनरशिप फर्म, पंजीकृत ट्रस्ट, पंजीकृत सोसाइटी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग व सरकारी तथा अर्थ सरकारी विभाग इस आवंटन प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे।


9 अगस्त तक हो सकेगा रजिस्ट्रेशन, 1000 स्क्वेयर मीटर के प्लॉट्स का होगा आवंटन

यीडा द्वारा कॉर्पोरेट ऑफिस प्लॉट्स के आवंटन के लिए जो नई स्कीम आई है उसके अंतर्गत गुरुवार शाम 5 बजे से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। 9 अगस्त को आवेदन की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है जिसके बाद 30 अगस्त को क्वालिफाइड व डिस्क्वॉलिफाइड बिडर्स की लिस्ट जारी की जाएगी। 6 सितंबर को ई-ऑक्शन के माध्यम से क्वॉलिफाइड बिडर्स प्लॉट की बोली लगा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 22ई में 1000 स्क्वेयर मीटर के 45 भूखंडों के आवंटन के लिए जो स्कीम यीडा लायी है उसके अंतर्गत 2.5 करोड़ रुपए प्रत्येक प्लॉट का रिडर्व्ड प्राइस रखा गया है। जबकि, 25 हजार स्क्वेयर प्रति मीटर रेट ऑफ अलॉटमेंट रखा गया है और रजिस्ट्रेशन अमाउंट 25 लाख रुपए निर्धारित किया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे से 45 व 24 मीटर चौड़ी रोड्स इन प्लॉट्स की कनेक्टिविटी का माध्यम बनेंगी।


90 वर्षों के लीज पर उपलब्ध होगा प्लॉट

नई स्कीम के जरिए ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 22ई में प्लॉट संख्या ओ-21 से लेकर ओ-69 तक प्लॉट्स को 90 वर्षों की लीज पर दिया जाएगा। नई स्कीम के अंतर्गत चयनित होने वाले बिडर्स यीडा की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे। यीडा द्वारा ई-ऑक्शन की इस प्रक्रिया में बैंकिंग पार्टनर के तौर पर आईसीआईसीआई बैंक अपनी सेवाएं दे रही है। उल्लेखनीय है कि इन प्लॉट्स के आवंटन के जरिए सेक्टर 22ई के कमर्शियल हब को विकसित करने में मदद मिलेगी और इससे यहां रहने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार की नागरिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। प्लॉट आवंटन प्रक्रिया के जरिए यहां कॉर्पोरेट ऑफिस, कॉन्फ्रेंस रूम, सेमिनार हॉल, मल्टिलेवल पार्किंग जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर्स का विकास होगा। यहां ऑडिटोरियम, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर, कल्चरल व इनफॉर्मेशन सेंटर, स्टेशनरी स्टोर, बुक स्टोर, फार्मेसी, कियोस्क, हेल्थ क्लब, जिम, बैंक शाखाएं, जनरल स्टोर, क्रेच, इंडोर गेम हॉल्स, डिस्पेंसरी, म्यूजियम, प्लैनेटेरियम, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर्स, रेडियो व टेलिविजन स्टेशन, कैंटीन, स्टाफ हाउसिंग, गेस्ट हाउस व होस्टल जैसी सुविधाओं का विकास होगा।


आवासीय भूखंडों की योजना को भी मिल रही सकारात्मक प्रतिक्रिया

यीडा ने हाल ही में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी के आसपास सेक्टर 16, 18, 20 और 22डी में भी आवासीय प्लाट स्कीम लॉन्च‌ की जिसे बेहद सकारात्म प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। इस स्कीम में कुल 361 प्लॉट है, जिसमें किसानों के लिए 63, कार्यात्मक उद्योग के लिए 18 और सामान्य श्रेणी के लिए 280 प्लाट हैं। इन स्कीम में 120 वर्ग मीटर के 84 प्लॉट, 162 वर्ग मीटर के 77 प्लॉट, 200 वर्ग मीटर के 3 प्लॉट, 300 वर्ग मीटर के 131 प्लॉट, 500 वर्ग मीटर के 40 प्लॉट, 1000 वर्ग मीटर के 18 प्लॉट और 4000 वर्ग मीटर के 8 प्लॉट हैं। इस आवासीय स्कीम के अंतर्गत 5 अगस्त तक आवेदन किया जा सकेगा तथा ड्रॉ के माध्यम से 20 सितंबर तक प्लॉटों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी होगी।


 

अब मुफ्त में विदेशी भाषा सीख सकेंगे स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स


युवाओं के भाषा कौशल को निखारने के लिए योगी सरकार ने की अनूठी पहल


कौशल विकास मिशन के तहत मुफ्त मिलेगा फ्रांसीसी, स्पैनिश और जर्मन भाषा का प्रशिक्षण


पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी समेत 9 जिलों में शुरू होगा प्रशिक्षण


करियर में उन्नति के साथ ही देश और विदेशों में रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर सकेंगे छात्र


लखनऊ की विशेषज्ञ फैकल्टी द्वारा दिया जाएगा प्रशिक्षण, जिलों में आयोजित होंगे प्रशिक्षण सत्र


192 घंटे का होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम, पूरा खर्च वहन करेगा यूपी कौशल विकास मिशन


वीकेंड में आयोजित होंगे प्रशिक्षण सत्र, यूपीएसडीएम के पोर्टल पर करा सकेंगे पंजीकरण


लखनऊ, 11 जुलाई। युवाओं के कौशल को निखारकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए योगी सरकार नए-नए कार्यक्रम ला रही है। इसी क्रम में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) ने लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, आज़मगढ़, अयोध्या, प्रयागराज, झांसी और बांदा जिलों के छात्रों को विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षण प्रदान करने की एक अनूठी पहल की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और प्रोफेशनल्स को फ्रांसीसी, स्पैनिश और जर्मन भाषाओं में दक्षता हासिल कराना है, जिससे वे अपने प्रोफाइल में एक नई योग्यता को जोड़ सकें और अपने करियर में उन्नति करके देश और विदेशों में रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर सकें। यह प्रशिक्षण अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के विशेषज्ञ संकाय द्वारा दिया जाएगा और इसका पूरा खर्च यूपी कौशल विकास मिशन के द्वारा वहन किया जाएगा। प्रशिक्षण सत्र इन सभी जिलों में आयोजित किए जाएंगे, जिसकी कुल अवधि 192 घंटे होगी। इनका संचालन सप्ताहांत (वीकेंड) में किया जाएगा।


भाषा कौशल में आएगा निखार, मिलेगा रोजगार

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम उन छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है जो अपने नियमित कामकाजी घंटों के अलावा अपने भाषा कौशल को बढ़ाना चाहते हैं। इसमें इंजीनियरिंग, पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन के स्नातक छात्र और फ्रांस, कनाडा जैसे फ्रेंच भाषी देशों में रोजगार की इच्छा रखने वाले नर्सिंग और हेल्थकेयर पेशेवर शामिल हैं। विश्वविद्यालय की विशेषज्ञ फैकल्टी प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए जिलों का दौरा करेंगे। इसके माध्यम से छात्रों और प्रोफेशनल्स को अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे और साथ ही उनकी स्किल में भी इजाफा होगा। पहले चरण में 9 जिलों में इसकी शुरुआत की जा रही है, लेकिन मांग बढ़ने पर अन्य जिलों में भी इस तरह के कोर्स संचालित किए जा सकते हैं।


पोर्टल पर ऑनलाइन करा सकेंगे पंजीकरण

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मिशन डायरेक्टर अभिषेक सिंह ने बताया कि सीटों की सीमित उपलब्धता को देखते हुए, यह पहल प्रारंभिक रूप से नौ जिलों में शुरू की जा रही है। इसका हिस्सा बनने के लिए इच्छुक छात्र और प्रोफेशनल्स यूपीएसडीएम के पोर्टल (upsdm.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने इन सभी 9 जिलों के जिलाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे अपने जिलों के संबंधित संस्थानों के छात्रों को इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे बिना कोई पैसा खर्च किए या फीस का भुगतान किए मुफ्त में विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षित हो सकें और अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें।

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