समृद्धि सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने यूपी की आर्थिक विकास यात्रा को बताया सफल
- मुख्यमंत्री ने माफिया के खिलाफ कार्रवाई और निवेश को दी प्राथमिकता
- बोले सीएम, यूपी में 64 हजार एकड़ भूमि माफियाओं से मुक्त कराई गई
- राज्य के एमएसएमई और स्किल्ड मैनपावर बड़े निवेश के आधार : सीएम योगी
- पुलिस को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया : मुख्यमंत्री
- देश के सबसे अच्छे हाईवे यूपी में : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ, 23 अक्टूबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मार्च 2025 तक 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। सीएम योगी ने यह बात बुधवार को एक प्रमुख समाचार पत्र द्वारा ताज होटल में आयोजित 'समृद्धि' राउंड टेबल सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने इस कार्यक्रम में राज्य की आर्थिक उपलब्धियों, सुरक्षा व्यवस्था, औद्योगिक विकास और माफिया के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की।
पहले होते थे वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया की नीति अपनाती थीं, जबकि हमने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के माध्यम से उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग की। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय राज्य की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपये थी, लेकिन उनकी सरकार के प्रयासों से 2023-24 में यह आंकड़ा 26 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है और अब 32 लाख करोड़ का लक्ष्य तय किया गया है।
माफिया और अपराधी कतई बर्दाश्त नहीं
सीएम योगी ने राज्य में माफिया के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपराधियों और माफिया को कतई बर्दाश्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जिस क्रूरता से अपराधी और माफिया नागरिकों के साथ व्यवहार करते थे, उसी क्रूरता से हमारी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है। उन्होंने बताया कि राज्य में एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसके तहत 64 हजार एकड़ भूमि माफियाओं से मुक्त कराई गई है। पहले की सरकारें माफिया की मदद करती थीं, लेकिन अब उनकी सुरक्षा हटाकर राज्य को माफिया मुक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यूपी में निवेश के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में निवेश और औद्योगिक विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2017 में जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी, तब निवेश की स्थिति बेहद खराब थी। लेकिन अब यूपी में निवेश के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पहले हमारे अधिकारियों को 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाना भी बड़ी बात लगती थी, लेकिन आज हम 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर चुके हैं, जिससे डेढ़ करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा।
पुलिस को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया
सुरक्षा व्यवस्था पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस बल में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने बताया कि 1.54 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई है और पुलिस को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले राज्य में अपराधी पुलिस की मदद से ही अपराध करते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। यूपी पुलिस अब पूरी तरह से सक्षम है और अपराधियों में खौफ पैदा कर रही है। सीएम योगी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पुलिस ट्रेनिंग की अवधि को बढ़ाया और 6 हजार पुलिस कर्मियों को एक साथ ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा, पुलिस बल में पैरा मिलिट्री और मिलिट्री सेंटर से भी सहयोग लिया गया, जिससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है।
देश के सबसे अच्छे हाईवे यूपी में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब देश का सबसे अधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि पहले यूपी की सड़कों को गड्ढों से भरा हुआ माना जाता था, लेकिन आज राज्य की सड़कें देश के सबसे अच्छे हाइवे में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बन चुका है। गंगा एक्सप्रेसवे पर कार्य चल रहा है, जिसके मेन कैरेजवे को इस साल के अंत तक कार्यान्वित कर दिया जाएगा। आज गोरखपुर-लिंक एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है। इसके अलावा, देश का पहला 12-लेन एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ में शुरू हो चुका है और छह शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाएं भी चालू हैं। देश का पहला वाटरवे वाराणसी-हल्दिया के बीच प्रारंभ हो चुका है।
वाराणसी में हैं सर्वााधिक जीआई टैग
लॉजिस्टिक्स हब बनने के लिए यूपी में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि वाराणसी में लॉजिस्टिक मल्टीमॉडल टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है और गौतम बुद्ध नगर में लॉजिस्टिक हब की भी योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यूपी ने 75 जिलों में 75 जीआई टैग प्राप्त किए हैं, जिसमें वाराणसी सबसे आगे है। सीएम योगी ने व्यापार और निर्यात के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद अब 16 हजार करोड़ रुपये के उत्पादों का एक्सपोर्ट कर रहा है, जबकि भदोही का कॉर्पेट उद्योग 8 हजार करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट करता है। उन्होंने फिरोजाबाद के ग्लास उद्योग और मेरठ के खेल उत्पाद उद्योग का भी उल्लेख किया, जो अब देश-विदेश में ब्रांड बन चुके हैं।
आर्थिक समृद्धि के लिए बिजनेस महत्वपूर्ण
सीएम योगी ने कहा कि बिजनेस राज्य की आर्थिक समृद्धि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि कृषि, गोरक्षा और वाणिज्य सभी एक साथ चलते हैं और इन्हें अलग नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि राज्य के एमएसएमई और स्किल्ड मैनपावर बड़े निवेश के आधार बनते हैं। पीएम मोदी की विश्वकर्मा योजना और ओडीओपी योजना बड़े निवेश के साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के अंत में कहा कि उत्तर प्रदेश अब देश की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है और आने वाले समय में यह देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य की आर्थिक और औद्योगिक विकास यात्रा जारी रहेगी और उत्तर प्रदेश भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ग्रेटर नोएडा में इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के लिए ई-ऑक्शन की नई स्कीम लायी योगी सरकार
-सीएम योगी के विजन अनुसार, 13 इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के आवंटन के लिए करोड़ों की बोली लगा सकेंगे आवेदनकर्ता, 24 अक्टूबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया
-इस स्कीम के जरिए हायर सेकेंडरी स्कूल, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैरामेडिकल, वोकेशनल ट्रेनिंग व एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना का मार्ग होगा प्रशस्त
-1000 से लेकर 10,005 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग होगा प्रशस्त, 2.99 करोड़ से लेकर 35.17 करोड़ रुपए के बीच रिजर्व प्राइस है निर्धारित
-ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शुरू की तैयारी, 43 कमर्शियल शॉप्स तथा 20 ढाबा व कियोस्क के प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया को भी दी जा रही गति
लखनऊ, 23 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश के रूप में परिवर्तित कर रही योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के समेकित विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर नोएडा के केपी-05, एमयू, सेक्टर 10, ईटीए-02, केपी-01 तथा टेकजोन-4 में इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के लिए ई-ऑक्शन की नई स्कीम लेकर आई है। इन 13 इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के आवंटन के लिए आवेदनकर्ता करोड़ों की बोली लगा सकेंगे और 24 अक्टूबर से इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। इस स्कीम के जरिए हायर सेकेंडरी, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैरामेडिकल व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, वोकेशनल ट्रेनिंग तथा एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी। इस स्कीम के जरिए कुल 170 करोड़ रुपए के रिजर्व प्राइस वाले प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ ही, 43 कमर्शियल शॉप्स व ऑफिस तथा 20 ढाबा व कियोस्क के प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया को भी गति दी जा रही है।
1000 से लेकर 10,005 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले हैं प्लॉट्स, रिजर्व प्राइस तय
योजना के अंतर्गत, 1000 से लेकर 10,005 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा इस योजना के अंतर्गत जो प्लॉट्स ई-ऑक्शन के लिए उपलब्ध हैं उनका रिजर्व प्राइस 2.99 करोड़ से लेकर 35.17 करोड़ रुपए के बीच निर्धारित है। योजना के अंतर्गत, केपी-05 के प्लॉट 12बी का क्षेत्रफल 10 हजार स्क्वेयर मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 30.28 करोड़ रखा गया है। वहीं, केपी-05 के प्लॉट एचएस-12सी का क्षेत्रफल 6200 स्क्वेयर मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 18.34 करोड़ निर्धारित है। यह दोनों प्लॉट्स हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
2 हॉस्पिटल, 1 नर्सिंग होम व 6 एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की हो सकेगी स्थापना
सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा लायी गई ई-ऑक्शन स्कीम में एमयू सेक्टर का प्लॉट एचओ-2 इस योजना का सबसे बड़ा और महंगा प्लॉट है। इसका क्षेत्रफल 10,005 स्क्वेयर मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 35.17 करोड़ निर्धारित है। वहीं, सेक्टर 10 के प्लॉट नंबर एचओ-2 का क्षेत्रफल 4439.50 वर्ग मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 19.52 करोड़ रखा गया है। इन दोनों प्लॉट्स पर हॉस्पिटल की स्थापना होगी। ईटीए-02 में 2511.40 क्षेत्रफल वाले प्लॉट एनएच-01 का रिजर्व प्राइस 10.70 करोड़ निर्धारित है जिस पर नर्सिंग होम की स्थापना हो सकेगी। केपी-01 में प्लॉट 34 ए व बी का क्षेत्रफल 2 हजरा स्क्वेयर मीटर है जिसका रिजर्व प्राइस 5.99 करोड़ है और यहां पैरामेडिकल व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना हो सकेगी। इसी प्रकार, टेक जोन-4 के प्लॉट 06 व 07 का क्षेत्रफल 2000.27 वर्ग मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 5.99 करोड़ है। टेक जोन-4 के 26 व 27 का क्षेत्रफल 4000.39 वर्ग मीटर है और रिजर्व प्राइस 11.44 करोड़ है। वहीं केपी-5 के प्लॉट 89 (क्षेत्रफल 2001 वर्ग मीटर, रिजर्व प्राइसः 5.72 करोड़) तथा केपी-01 के 34सी में योजना के सबसे छोटे प्लॉट (क्षेत्रफल 1000.45 वर्ग मीटर, रिजर्व प्राइसः 2.99 करोड़) के आवंटन के जरिए वोकेशनल ट्रेनिंग व एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
नवंबर में भूमि आवंटन के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया को किया जाएगा पूरा
इंस्टीट्यूशन प्लॉट्स के ई-ऑक्शन की स्कीम के लिए फाइनल सब्मिशन डेट 18 नवंबर निर्धारित की गई है और ई-ऑक्शन की प्रक्रिया नवंबर में पूरी की जाएगी। वहीं, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की कॉमर्शियल शॉप/ऑफिस/ढाबा व कियोस्क स्कीम की ई-ऑक्शन प्रक्रिया को भी नवंबर में ही पूरा किया जाएगा। इस स्कीम के जरिए 43 कमर्शियल शॉप्स व ऑफिस तथा 20 ढाबा व कियोस्क के प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। इनमें 10.40 से लेकर 400 स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल वाले प्लॉट्स का आवंटन होगा जिसकी टोटल कॉस्टिंग 13.65 लाख से लेकर 2.57 करोड़ के बीच निर्धारित है।
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