google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

विरोध के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ट्रांसफर करने का आदेश रद्द


लखनऊ, 06 जनवरी 2023 : उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित किए जाने का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया गया। बीते 30 दिसंबर को उच्च शिक्षा विभाग की ओर से पत्र जारी कर इस मामले में सुस्पष्ट प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए थे। विशेष सचिव, उच्च शिक्षा डा. अखिलेश कुमार मिश्रा की ओर से जारी पत्र में यह भी लिखा गया था कि निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने का निर्देश उच्च स्तर से प्राप्त हुआ है। ऐसे में त्वरित कार्यवाही की जाए।

कर्मचारियों ने इस पत्र का कड़ा विरोध किया

निदेशालय में कार्यरत कर्मचारियों ने इस पत्र का कड़ा विरोध किया और प्रयागराज में ही निदेशालय रहे, इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शिकायत कर दी। उप मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग के संशोधित आदेश को ट्वीट कर लिखा कि प्रयागराज से उच्च शिक्षा निदेशालय लखनऊ स्थानांतरित नहीं होगा। कोई नया कार्यालय आए, जो है वो नहीं जाए। यही प्रयास था और रहेगा। गलत आदेश जारी करने की जांच होगी। उन्होंने यह भी लिखा- गौरव हैं राज्य और केंद्र सरकार के कार्यालय।

उच्च शिक्षा विशेष सचिव ने दिया ये स्पष्टीकरण

उधर शुक्रवार को इस प्रकरण पर स्पष्टीकरण देते हुए विशेष सचिव, उच्च शिक्षा डा.अखिलेश कुमार मिश्रा की ओर से पत्र जारी किया गया कि पूर्व में जारी पत्र से निदेशालय के कर्मियों को यह भ्रम हो गया कि संपूर्ण निदेशालय को प्रयागराज से लखनऊ प्रतिस्थापित किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशालय, शासन व अन्य प्रशासनिक शाखाओं के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए शासन स्तर पर विचार चल रहा है। निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है। फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग के लिए यह आदेश गले की हड्डी बन गया है। उधर लुआक्टा के अध्यक्ष डा. मनोज कुमार पांडेय ने सरकार से मांग की है कि लखनऊ में कम से कम कैंप आफिस चलाया जाए और दो दिन निदेशक यहां भी बैठें तो सुविधा होगी।

पहले भी हुए प्रयास, विरोध के कारण नहीं बनी बात

बता दें, राजधानी में महाराजा बिजली पासी डिग्री कालेज के पास उच्च शिक्षा निदेशालय के लिए जमीन वर्ष 2009 में बसपा सरकार ने चिह्नित की थी। फौरी व्यवस्था के लिए यहां क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय के ऊपर एक मंजिला निर्माण कर फिलहाल कार्यालय चलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन पूरी नहीं हुई। सपा सरकार में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने लखनऊ में निदेशक को दो दिन इस कैंप कार्यालय में बैठक के निर्देश दिए थे। कुछ दिन व्यवस्था चली, फिर इस कार्यालय में ताला बंद कर प्रयागराज से ही पूरा काम होने लगा।

1 view0 comments
bottom of page