नई दिल्ली, 30 जुलाई 2022 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख अजीत डोभाल मुख्य अतिथी के तौर पर मौजूद रहे। कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने धर्म के नाम पर हिंसक घटनाओं को बढ़ावा देने वाले लोगों पर निशाना साधा। डोभाल ने कहा कि कुछ लोग धर्म के नाम पर दुश्मनी पैदा करते हैं, हमें इसको लेकर सिर्फ मूकदर्शक नहीं बने रहना है। धार्मिक दुश्मनी का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करने की जरूरत है। हमें हर धार्म और निकाय के लोगों को भारत का हिस्सा बनाना होगा और यह संदेश देना होगा कि हम हर मुकाम पर एक साथ हैं।
कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने की जरूरत
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई कॉन्फ्रेंस का संचालन करते हुए हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि जब भी कोई घटना होती है तो हम उसकी निंदा करते हैं। लेकिन अब कुछ करने की जरूरत है, हमें कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए उन्हें प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है। चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। चिश्ती ने पीएफआई जैसे संगठनों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ऐसे कोई भी संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और देश में लोगों के बीच तनाव पैदा कर रहा है, तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। साथ देश के कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
धर्म के खिलाफ टिप्पणी करने वालों पर हो कार्रवाई
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस के दौरान सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया कि किसी भी चर्चा और बहस के दौरान यदि किसी भा धर्म के देवा-देवता या पैगंबरों को निशाना बनाया जाता है। तो ऐसे में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही इसको लेकर घोर निंदा भी की जानी चाहिए
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