बेपर्दा हुआ Electoral Bond - आपकी पसंदीदा पार्टी ने कितना चंदा कहां से उठाया !!
- statetodaytv

- Mar 22, 2024
- 5 min read

इलेक्टोरल बॉन्ड: जानिए बीजेपी और बाक़ी पार्टियों को किससे करोड़ों रुपए चंदे में मिले
बीजेपी के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज़्यादा चंदा टीएमसी को मिला है
हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ़्रास्ट्रक्टर लिमिटेड (एमईआईएल) ने बीजेपी को 584 करोड़ रुपए का चंदा दिया है. एमईआईएल ने अपने कुल डोनेशन का 60 फ़ीसदी बीजेपी को दिया है.
यह किसी भी डोनर का किसी एक पार्टी को दिया गया सबसे बड़ा चंदा है. इसके अलावा एमईआईएल ने
195 करोड़ रुपए तेलंगाना में केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति को दिए. यह रक़म उसके कुल डोनेशन का 20 फ़ीसदी है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके को एमईआईएल से 85 करोड़ रुपए मिले हैं. इसी की सहायक कंपनी वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 110 करोड़ रुपए का चंदा कांग्रेस को और 80 करोड़ रुपए बीजेपी को दिया है.
गुरुवार को चुनाव आयोग ने जो डेटा जारी किया है, उससे सारी जानकारी सार्वजनिक हो गई है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए किससे किस पार्टी को चंदे के रूप में कितनी बड़ी रक़म मिली है. यह डेटा 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 तक ख़रीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड का है.
लॉटरी किंग नाम से मशहूर सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर ने सबसे ज़्यादा तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़ रुपए का चंदा दिया है. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने 1,368 करोड़ रुपए की क़ीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे थे.
इस रक़म का 39.6 फ़ीसदी हिस्सा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को मिला है और इसके बाद डीएमके को 36.7 प्रतिशत (503 करोड़ रुपए) मिला है जबकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 154 करोड़ रुपए मिले हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी को इस कंपनी से 100 करोड़ रुपए मिले हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 21 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फा न्यूमरिक नंबर्स जारी करने के लिए कहा था. इस अल्फ़ा न्यूमरिक नंबर्स से पता चलना था कि किस राजनीतिक पार्टी को किस कंपनी या व्यक्ति से चंदे के रूप में कितनी बड़ी रक़म मिली है. सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से पहले एसबीआई अल्फ़ा न्यूमरिक नंबर देने से बच रहा था.
पहले सेट में 386 पन्नों में ये जानकारी है कि किस कंपनी ने किस तारीख़ को कितने रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदा. इस सूची में चुनावी बॉन्ड का नंबर और उसे जारी करने वाली ब्रांच के कोड भी दिए गए हैं.
दूसरे सेट में 552 पन्नों में सूचीबद्ध तरीक़े से बताया गया है कि किस राजनीतिक दल ने किस तारीख़ को कितने रुपए का चुनावी बॉन्ड भुनाया. इस सूची में भी बॉन्ड का नंबर दिया गया है.
किस पार्टी को किससे कितना मिला

भारतीय जनता पार्टी
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड वो कंपनी है, जिसने बीजेपी को सबसे ज़्यादा चंदा दिया. इस कंपनी ने पार्टी को 584 करोड़ रूपए इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये दिए.
क़्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने बीजेपी को 375 करोड़ रुपए का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए दिया.
वेदांता लिमिटेड ने बीजेपी को 230.15 करोड़ रुपए का चंदा दिया.
तृणमूल कांग्रेस
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ ने तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़ रुपए का चंदा दिया
हल्दिया एनर्जी ने इस पार्टी को 281 करोड़ रुपए दिए
धारीवाल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने तृणमूल कांग्रेस को 90 करोड़ रुपए का चंदा दिया
इलेक्टोरल बॉन्डइमेज स्रोत,GETTY IMAGES
कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस को सबसे ज़्यादा चंदा वेदांता लिमिटेड से मिला. इस कंपनी ने कांग्रेस को 125 करोड़ रुपए का चंदा दिया
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन ने कांग्रेस को 110 करोड़ रुपए दिए
एमकेजे इंटरप्राइजेज ने कांग्रेस को 91.6 करोड़ रुपए दिए
भारत राष्ट्र समिति
तेलंगाना की इस पार्टी को मेघा इंजीनियरिंग ने 195 करोड़ रुपए दिए
यशोदा हॉस्पिटल ने इस पार्टी को 94 करोड़ रुपए दिए
चेन्नई ग्रीन वुड्स ने इस पार्टी को 50 करोड़ रुपए दिए

जानिए क्या है मेघा इंजीनियरिंग
हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग ने पांच साल के समय में कुल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे.
कंपनी का पूरा नाम मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमइआईएल) है. इसकी शुरुआत एक छोटी कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी के रूप में हुई थी, जो अब देश की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक बनकर उभरी है.
ये कंपनी मुख्य तौर पर सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम करती है. तेलंगाना में कलेश्वरम उपसा सिंचाई परियोजना के मुख्य भाग का निर्माण इसी कंपनी ने किया है.
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर महाराष्ट्र में ठाणे-बोरीवली दोहरी सुरंग परियोजना का काम संभाल रही है. यह 14 हज़ार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है.
कंपनी ने सिंचाई, परिवहन, बिजली जैसे कई क्षेत्रों में अपना कारोबार बढ़ाया है. इस वक्त कंपनी लगभग 15 राज्यों में अपना कारोबार कर रही है.
कंपनी ओलेक्ट्रा इलेक्ट्रिक बस का भी निर्माण कर रही है.
रेटिंग फर्म बरगंडी प्राइवेट एंड हुरुन इंडिया के अनुसार, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर भारत की शीर्ष 10 गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में तीसरे स्थान पर है.
मेघा कंपनी ने चुनावी बांड के रूप में किस पार्टी को कितने रुपये दिए हैं, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.
1989 में कृष्णा ज़िले के एक किसान परिवार से संबंध रखने वाले पामीरेड्डी पिची रेड्डी ने कंपनी की शुरुआत की थी.
पिच्ची रेड्डी के रिश्तेदार पुरीपति वेंकट कृष्ण रेड्डी कंपनी के निदेशक हैं. दस से भी कम लोगों के साथ शुरू हुई कंपनी ने पिछले पांच सालों में काफ़ी विस्तार किया है. अब इसका कारोबार देश के दूसरे हिस्सों तक फैला गया है.
मेघा इंजीनियरिंग इंटरप्राइजे़ज़ के रूप में शुरू हुई कंपनी 2006 में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बन गई.
कंपनी ने अपना पहला दफ़्तर बालानगर हैदराबाद में खोला था. शुरुआत में कंपनी केवल पाइपलाइन बिछाने का काम करती थी. लेकिन 2014 के बाद कंपनी की किस्मत बदली.
तेलंगाना के गठन के बाद कंपनी को सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं का अनुबंध हासिल हुआ. जल्दी ही कंपनी ने आंध्र प्रदेश और उत्तर भारतीय राज्यों की तरफ़ अपना विस्तार किया.
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ ने इलेक्टोरल बॉन्ड की सबसे बड़ी खेप अक्टूबर 2021 में ख़रीदी जब उसने 195 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे.
जनवरी 2022 में दो बार में इस कंपनी ने 210 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड ख़रीदे. इस कंपनी की सबसे हालिया ख़रीद इस साल जनवरी में की गई जब उसने 63 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड को 30 दिसंबर 1991 में बनाया गया था.
इस कंपनी का रजिस्टर्ड पता तमिलनाड के कोयम्बटूर में है, लेकिन इसका वो पता जहाँ खाते की किताबें रखी जाती हैं वो कोलकता में है. ये कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं है.
इस कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक़ फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को पहले मार्टिन लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था.
इस जानकारी के मुताबिक़ ये कंपनी दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के कारोबार के साथ भारत के लॉटरी उद्योग में अग्रणी खिलाड़ी है.
कंपनी वेबसाइट के मुताबिक़ 1991 में अपनी स्थापना के बाद से फ्यूचर गेमिंग विभिन्न राज्य सरकारों की पारंपरिक पेपर लॉटरी के वितरण में तेज़ गति से बढ़ रहा है. सैंटियागो मार्टिन इस कंपनी के चेयरमैन हैं. मार्टिन को 'लॉटरी किंग' भी कहा जाता है.
कंपनी के मुताबिक़ मार्टिन ने लॉटरी उद्योग में 13 साल की उम्र में क़दम रखा और पूरे भारत में लॉटरी के ख़रीदारों और विक्रेताओं का एक विशाल नेटवर्क बना लिया. कंपनी वेबसाइट के मुताबिक़ मार्टिन कई बार देश में सबसे ज्यादा आयकरदाता की पदवी से नवाज़े गए.
मार्टिन चैरिटेबल ट्रस्ट की वेबसाइट के मुताबिक़ व्यापारिक दुनिया में शामिल होने से पहले मार्टिन ने सबसे पहले म्यांमार के यांगून शहर में एक मज़दूर के रूप में अपना करियर शुरू किया था.
अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मामूली वेतन कमाते थे. "बाद में, वह भारत वापस आ गए, जहां उन्होंने 1988 में तमिलनाडु में अपना लॉटरी व्यवसाय शुरू किया. धीरे-धीरे कर्नाटक और केरल की ओर विस्तार किया.




Goprogaragedoorrepair provides peace of mind for homeowners. They specialize in repairing springs, cables, rollers, and even damaged panels. The garage door repair sunnyvale ca also install new garage doors if necessary. I like that they take time to explain the issues and options before starting work. Their transparency and skill make them a trustworthy choice for all garage door needs.