आगरा, 9 जुलाई 2023 : नकली दवाओं की फैक्ट्रियों में छापे की कार्रवाई के बाद जाे जानकारी सामने आई है, उससे औषधि विभाग के साथ ही पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं। बिचपुरी की फैक्ट्री में एल्प्रासेफ और एल्जोसेफ की ढाई लाख गोलियाें का उत्पादन किया किया जा रहा था। जिन्हें विजय गोयल अपने नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय बाजार और राज्यों के अलावा बांग्लादेश में खपा रहा था।
वहीं, सिकंदरा की फैक्ट्री में बन रहे नकली कफ सिरप को असली बार कोड में बेचा जा रहा था। औषधि विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं कि नकली कफ सिरप पर असली बार कोड कैसे आया। रैकेट के सरगना विजय गोयल की गिरफ्तारी के बाद इस रहस्य से पर्दा उठ सकेगा। पुलिस ने छापे में आठ लाख रुपये भी बरामद किए हैं।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि नकली दवाओं की फैक्ट्री पर छापे में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़ी गई नकली दवाओं की फैक्ट्री का सरगना विजय गोयल है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
बिचपुरी में नरेंद्र शर्मा विजय गोयल की साझीदारी में नकली दवाओं की फैक्ट्री चला रहा था। यहां पर एल्प्रासेफ और एल्जोसेफ की नकली गोलियां बनाई जाती थीं। यहां लगी मशीनों की उत्पादन क्षमता 12 घंटे में ढाई से लाख टेबलेट बनाने की थी। छानबीन में पता चला कि यहां 12 घंटे से अधिक काम होता था। नरेंद्र शर्मा ने पूछताछ में बताया कि उसका काम सिर्फ माल तैयार करना था। तैयार माल को बाजार में खपाने की जिम्मेदारी विजय गोयल की थी। उसने पत्नी रेखा गोयल के नाम पर फर्म बना रखी थी।
नकली दवाओं को आगरा और आसपास के बाजार के अलावा विभिन्न राज्यों खपाता था। कैंट पर पार्सल भेजने का काम करने वाले दीवान सिंह इस काम को करता था। डीसीपी ने बताया कि मामले में गिरफ्तार अजीत पाराशर, रोहित, रेखा गोयल, नरेंद्र शर्मा, दीवान सिंह, मुकेश कुमार और सनी राज को रविवार जेल भेज दिया गया।
नरेंद्र शर्मा ने 20 लाख ऋृण लेकर खोली थी फैक्ट्री
नरेंद्र शर्मा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि करीब 10 महीने पहले उसकी मुलाकात एक शादी समारोह में विजय गोयल से हुई थी। वह खराद का काम करता था। विजय गोयल ने उसे दवाओं के काम में मोटा मुनाफा बताया। कहा कि वह 20 लाख रुपये निवेश कर दे, एक वर्ष रकम चुकता हो जाएगी। वह मुनाफे में आ जाएगा। उससे फैक्ट्री में प्रोटीन और मल्टी विटामिन की दवाएं बनाने की कहा था। उसने अपना घर गिरवी रखकर 20 लाख रुपये का ऋृण लिया।
हिमाचल में बद्दी से पुरानी मशीन मंगाई। दवाओं काे बनाने का काम शुरू कर दिया। कुछ महीने बाद ही उसे विजय गोयल द्वारा नकली दवाएं बनाने का पता चला गया था। मगर, वह 20 लाख रुपये फंसा चुका था। इसलिए चुप रहा, तीन महीने में ही विजय गाेयल ने उसे सात लाख रुपये लौटा दिए। इससे उसका लालच बढ़ गया।
बांग्लादेश से नेपाल के रास्ते हवाला से आती थी रकम
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स आपरेशन यूनिट आगरा जोन के सीओ इरफान नासिर खान के अनुसार छानबीन मेें सामने आया है कि कफ सिरप और नकली दवाओं का लेनदेन हवाला के जरिए किया जाता था। नेटवर्क बांग्लादेश से लेकर नेपाल तक फैला है। हवाला की रकम बांग्लादेश से नेपाल होते हुए आती थी। गिरफ्तार आरोपितों के वित्तीय लेनदेन की जानकारी जुटाने के लिए उनके बैंक खातों की जांच की जा रही है।
बरामद कच्चा माल
डाइवेसिक कैल्शियम पाउडर, फार्मास्युटिकल एक्सीपिएंट, अल्प्राजोलम, नारंगी पाउडर, माइक्रो क्रिस्टालाइन एलुलोस, एल्युमिनियिम फाइल पैकिंग, पाइराजोनिक सिलिका, टेलकम पाउडर, सोडियम स्टार्च ग्लाइको, लेक्टोसमोनो हाईड्रेड, ड्राईसाइक्लोनिन हाहड्रो क्लोराइड।
यह दवाएं हुईं बरादमद
टेबलेट एल्प्रासेफ और एल्जोसेफ 1.24 लाख, 242 किलाेग्राम कच्चा माल, 32 किलोग्राम पैकिंग माल, फेंसीड्रिल, कोडिस्टार, कफकेयर, आनरेक्स 6200, खाली शीशी 3744, सिपर बाक्स 20, प्लास्टिक टैंक 200 लीटर, 500 लीटर का मिक्सिंग टैंक आदि।
सिकंदरा फैक्ट्री: फैंसीड्रिल सिरप,ओसीरेक्स सिरप, ओनेरेक्स सिरप 550 शीशी, 8880 पैक नशीली गोलियां, 600 बिना प्रिंट अल्प्रासेफ बिना पैक और बिना लेबल नारंगी रंग की 32 किलोग्राम टेबलेट, नशीली गोली बनाने में प्रयोग किया जाने वाला विभिन्न प्रकार का पाउडर और रसायन 700 किलोग्राम।
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