लखनऊ, 4 फरवरी 2023 : निलमथा में बीते साल 25 जून को हुई रेलवे ठेकेदार व हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र ठाकुर की हत्या में वांछित अभियुक्ता प्रियंका ने शनिवार को अदालत के समक्ष आत्मसपर्ण किया। वह घटना के बाद से फरार चल रही थी।
प्रभारी सीजेएम सत्यवीर सिंह ने आत्मसर्पण की अर्जी स्वीकार करते हुए अभियुक्ता को 17 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। ठेकेदार वीरेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वीरेंद्र की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा ने मुकदमा दर्ज कराया था। वीरेंद्र बिहार के पंचापरण का रहने वाला था। वहां से हिस्ट्रीशीटर भी था।
15 दिसंबर को मुख्य शूटर फिरदौस ने किया था सरेंडर
इंस्पेक्टर कैंट राजकुमार ने बताया कि बीते 15 दिसंबर को फिरदौस ने गुडंबा में दर्ज दर्ज आर्म्स एक्ट के पुराने मामले में सरेंडर किया था। फिरदौस यहां इंटिग्रल विश्वविद्यालय से पढ़ा भी हुआ था। उसके खिलाफ उसी दौरान गुडंबा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पूछताछ में कई अन्य अहम जानकारियां मिली हैं। उन पर काम किया जा रहा है। सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक सात घंटे की रिमांड मिली थी। शाम को फिरदौस को जेल में दाखिल करा दिया गया।
वीडियो काल कर बताया था रास्ता
एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि बिट्टू ने वीरेंद्र की हत्या की साजिश रची थी। वीरेंद्र की हत्या बीते 25 जून को हुई थी। 24 को फिरदौस और उसके साथी शूटर लखनऊ आ गए थे। जब फिरदौस और उसके साथियों ने वीरेंद्र के निलमथा स्थित घर की रेकी की थी तो बिट्टू ने बिहार से वीडियो काल कर उन्हें रास्ता भी बताया था।
बिहार पुलिस की वर्दी में आए थे बदमाश
फिरदौस और उसके चार साथी वारदात को अंजाम देने वीरेंद्र के घर पहुंचे थे। इसमें से दो ने बिहार पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। जबकि दो खाकी पैंट पहने थे। वीरेंद्र के घर पहुंचते ही उनके गार्डों और अन्य लोगों लोगों को कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर वीरेंद्र की हत्या की और भाग निकले थे।
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