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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला से गबन और मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की पूछताछ



आम कश्मीरियों की कमाई लूटने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने जहां पैर रखे वहां घोटाले किये। देशविरोधी बयानबाजी करने वाले फारूक अब्दुल्ला की करतूतों के चलते अब उन पर ईडी की तलवार लटक रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला से श्रीनगर दफ्तर में पूछताछ की है।


क्या है मामला


ईडी की यह जांच 2015 में सीबीआई द्वारा कई करोड़ के घोटाले को लेकर हुई दर्ज एफआईआर से जुड़ी हुई है। सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के कोष में अनियमितताओं और घोटालों के सिलसिले में फारूक अब्दुल्ला समेत 4 अन्य के खिलाफ श्रीनगर की एक अदालत में कुछ वक्त पहले चार्जशीट दाखिल की थी। इसी केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर ईडी पूछताछ कर रही है।


दरअसल बीसीसीआई ने साल 2002 से 2011 के बीच जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट की सुविधाओं के विकास के लिए करीब 112 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। आरोपियों ने इस रकम में से 43.69 करोड़ रुपए का गबन कर लिया। इस केस में जांच एजेंसी ने कुल 4 लोगों को आरोपी बनाया। जिसमें जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू एंड कश्मीर बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर शामिल हैं। सभी पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। इसी मामले में ईडी ने भी मनी लांड्रिंग की धाराओं के तहत तफ्तीश शुरू की थी।

ईडी को गच्चा दे रहे हैं फारुख


पिछली बार जब फारूक से ED के चंडीगढ़ दफ्तर में पूछताछ हुई थी, तब जांच एजेंसी ने कई दस्तावेज मांगे थे। उस वक्त फारूक अब्दुल्ला ने 15 दिन का वक्त मांगा था। करीब एक साल से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी अब्दुल्ला ने उस मामले से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं सौंपे हैं।


देशद्रोही बयान दे चुके हैं फारुख


बीते दिनों में धारा 370 पर फारूक का 'देशद्रोही' बयान सामने आया था। पांच अगस्त 2019 के बाद नजरबंद फारुख अब्दुल्ला को मार्च 2020 में रिहा किया गया था। इसके बाद उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर से जन सुरक्षा कानून हटा। पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हाल ही में रिहाई मिली है। इन नेताओं ने छूटते ही देशविरोधी गतिविधियों को शुरु कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के अन्य छोटे दलों के साथ बैठक कर इन सभी ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए मुहिम चलाने का फैसला किया है। इस काम के लिए अब्दुल्ला की अगुवाई में मुफ्ती समेत अन्य सभी ने पाकिस्तान या चीन से भी हाथ मिलाने की बात कही है।

उन्हें लगता है कि वे चीन के मदद से वो कश्मीर में एक बार फिर अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को लागू करा लेंगे। सीमा पर तनाव के पीछे की वजह 370 हटाने को बताया और कहा था कि चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है और हमें उम्मीद है कि इसे फिर से चीन की ही मदद से बहाल कराया जा सकेगा।


टीम स्टेट टुडे


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