नई दिल्ली, 11 जून 2023 : केंद्र द्वारा लाए NCCSA अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने महारैली का आयोजन किया। आप नेताओं ने अपनी इस महारैली में केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
अब आम आदमी पार्टी की महारैली के जवाब में दिल्ली भाजपा ने प्रेस वार्ता कर केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने केजरीवाल को भ्रष्टाचारी बताया है।
प्रेस वार्ता में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी ने बारी-बारी से केजरीवाल सरकार पर हमला बोला और उनकी कार्यशैल पर सवाल उठाए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीरेंद्र सचदेवा ने बोलते हुए कहा- आज दिल्ली वाले बेहद शर्मिंदा महसूस कर रहे है। केजरीवाल भ्रष्टाचारी नकारा है। यह सब उपमाएं उनकों मिलती रही है। आज जिस भाषा का केजरीवाल ने जो उपयोग किया है वह छिछोरी हरकत है।
केजरीवाल ने कहा 100- 100 जैन और सिसोदिया हैं। यानी पूरी पार्टी भ्रष्ट हो गई है। यह पार्टी धूर्त और मक्कारों की पार्टी है। 100-100 जैन और सिसोदिया होंगे तो दिल्ली की क्या हालत होगी।
इनकी परविश पर तरस आता है। रामलीला मैदान में भीड़ इकट्ठी नहीं हुई तो दिल्ली वालों को गाली दे रहे हैं। मुझे उम्मीद थी वह अपने बच्चों को लेकर आते तो बताते कि आवास में पर्दे क्यों लगाए।
बच्चो की कसम खाकर बताते कि क्यों गली-गली में शराब की दुकानें खोली है। यह आम आदमी नहीं यह भ्रष्टाचारी है। हमारा यह संकल्प है कि केजरीवाल को वहीॆ लेकर जाएंगे जहां पर सिसोदिया और जैन है।
रामलीला मैदान का होगा शुद्धिकरण: मनोज तिवारी
इस प्रेस वार्ता में पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा- रामलीला मैदान का अब शुद्धिकरण करना पड़ेगा। जिस रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया आज वहां अपना भ्रष्टाचार छिपाने के लिए रामलीला मैदान पहुंचे । दिल्ली वालों से वोट लेकर देश से घूमते लेकिन यमुना की सफाई करने पर ध्यान नहीं देते।
जिन्हें बताते थे भ्रष्ट आज उन्हीं से मिलाया हाथ
रमेश बिधूड़ी ने कहा- एक लाख लोगों को लाने की बात थी, लेकिन टेंट वालों के साथ काम करने वाले से बात की तो उसे तो 10 हजार कुर्सियों की पेमेंट मिली है। कपिल सिब्बल जिन्हें वह भ्रष्ट कहते थे। आज उनके कसीदें पढ़ रहे थे।
19 मई को केंद्र लेकर आई आध्यादेश
उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा 19 मई को जारी अध्यादेश में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसने सेवाओं से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है।
11 मई को सुप्रमी कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में दिया फैसला
इससे पहले, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली सरकार को अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन सहित सेवा से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण दिया था।
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