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गोरखपुर पुलिस के सख्ती की खुली पोल


गोरखपुर, 19 मई 2003 : उत्तर प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल राकेश यादव के साथी ने पुलिस व प्रशासन की सख्ती की पोल खोल दी है। गैंगस्टर एक्ट में जिलाधिकारी ने सफारी गाड़ी जब्त की तो कबाड़ में बेच दिया। छह माह तक पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी। माफिया के विरुद्ध हुई कार्रवाई की समीक्षा शुरू हुई तो हड़कंप मच गया। कबाड़ी की खोजबीन शुरू हुई। पता चलने पर गुलरिहा थानेदार ने बयान दर्ज कर माफिया के साथी पर कार्रवाई करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी है।

यह है मामला

14 अगस्त 2020 को गुलरिहा के तत्कालीन थानेदार रवि राय ने झुंगिया के रहने वाले माफिया राकेश यादव, उसके साथी शनि दूबे, बेचू यादव, गुड्डू यादव, दिनेश यादव, अमित सिंह, अभिषेक सिंह, मंटू उर्फ आकाश कन्नौजिया, अशोक यादव, योगेश चौधरी व राजकुमार के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। संपत्तियों की पहचान कर पुलिस ने जब्त करने के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी थी। 22 जून 2021 को गैंगस्टर एक्ट के आरोपित अभिषेक सिंह की सफारी को डीएम ने जब्त करने का आदेश दिया। पुलिस ने कार्रवाई शुरू की तो पता चला कि पांच अक्टूबर 2022 को तिवारीपुर के बड़े काजीपुर के कबाड़ी दिलशाद को अभिषेक ने 60 हजार रुपये में अपनी गाड़ी बेच दी।

जब्तीकरण से बचने के लिए कबाड़ में बेची गाड़ी

जिलाधिकारी को भेजी गई रिपोर्ट में थानेदार ने लिखा है कि शाहपुर के व्यासनगर जंगल सालिकराम निवासी अभिषेक सिंह ने जब्तीकरण की कार्रवाई से बचने के लिए सफारी गाड़ी को स्क्रैप में बेचा है। अनुरोध है कि उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाए।

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