प्रयागराज, 23 अगस्त 2023 : चांद की सतह के करीब पहुंच चुके चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए हवन-यज्ञ शुरू हो गए हैं। श्री मठ बाघम्बरी, शिवकुटी स्थित श्री धर्म संस्कृत विद्यालय, शिव कोटेश्वर महादेव मंदिर में पूजन कर कामना की गई कि चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर सही सलामत उतरे और भारत की उम्मीदें यकीन में बदलें। बंधवा हनुमान मंदिर समेत घरों में भी प्रार्थना की गई। उधर, जवाहर तारामंडल में बुधवार को प्रत्येक शो से पहले चंद्रयान-3 के मिशन के बारे में जानकारी देने की तैयारी की गई है।
श्री मठ माघम्बरी में हवन पूजन और भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया गया। बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर महंत बलवीर गिरि के साथ बटुक और संतों ने हवन किया। इसरो के वैज्ञानिकों की सफलता के लिए भगवान भोलेनाथ से कामना की। शाम को बंधवा हनुमान मंदिर में आरती के दौरान भी विशेष पूजा की गई।
सफल लैंडिंग के लिए हनुमान जी से कामना
महंत बलवीर गिरि ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए हनुमान जी से कामना की गई। श्री धर्म संस्कृत विद्यालय शिवकुटी में डाॅ. गुण प्रकाश चैतन्य के सानिध्य में वेदपाठी बटुकों ने महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया। प्रधानाचार्य नवराज पंत, रामेंद्र ओझा, नारायण मिश्र, अन्नू, हरि और उत्तम ने मंत्रजाप में शामिल रहते हुए भारत के तकनीकी जगत में चंद्रयान-3 की उपयोगिता के लिए ईश्वर से कामना की।
जवाहर तारामंडल में निदेशक डाॅ. वाई रवि किरण के अनुसार, 23 अगस्त को तारामंडल देखने आने वाले बच्चों व बड़ों को भी चंद्रयान-3 मिशन के संबंध में प्रत्येक शो से पहले जानकारी दी जाएगी। मिशन के संबंध में जिज्ञासा रखने वालों की रुचि के अनुसार वैज्ञानिक सहायक जानकारी देंगे।
मिशन की सफलता में रहेगा प्रयागराज का योगदान
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के सुरक्षित उतरने में प्रयागराज का भी अहम योगदान होगा। इसरो के वैज्ञानिकों की टीम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जेके इंस्टीट्यूट के पूर्व छात्र हरिशंकर गुप्ता भी शामिल हैं। हरिशंकर की भागीदारी चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 में भी रही, अब चंद्रयान-3 में भी इनकी अहम भूमिका है।
इनके अलावा, एमएनएनआइटी की छात्रा नेहा अग्रवाल की भी मिशन चंद्रयान-3 में महत्वपूर्ण भूमिका है। एमएनएनआइटी से 2017 में बीटेक करने के बाद वह इसी वर्ष बेंगलुरु में वैज्ञानिकों की टीम में शामिल हुईं। सिविल लाइंस निवासी नेहा के पिता संजय अग्रवाल बैंक कर्मी थे जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मां वंदना सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं।
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