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अवैध तरीके से काट डाले गए सैकड़ों हरे भरे पेड़, विवादों में घिरा है संत कृपाल नगर संडीला आश्रम



हरदोई जिले की संडीला तहसील स्थित संत कृपाल नगर आश्रम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार भी आश्रम के भीतर चल रहे गैर कानूनी कामकाज की तस्वीरें सामने आईं है।



संत कृपाल नगर आश्रम की जमीन का एक हिस्सा है आसूबाग। जहां यूकेलिप्टस के सैकड़ों पेड़ वर्षों से लगे थे। 5 जनवरी 2023 को सुबह सवेरे यूके लिप्टस के सैकड़ों हरे भरे पेड़ ताबड़तोड़ तरीके से काट दिए गए। जानकारी होने पर जब संत कृपाल नगर आश्रम के भीतर रहने वाले लोग मौके पर पहुंचे तो पता चला कि आश्रम में रहने वाली स्वर्णलता नाम की महिला के कहने के कहने पर पेड़ काटे गए हैं। अवैध तरीके से हरे भरे पेड़ों की कटाई देखकर स्थानीय लोग हैरान रह गए।



स्टेट टुडे के पास मौजूद वीडियो में साफ साफ दिखाई दे रहा है कि किस प्रकार संत कृपाल नगर आश्रम के भीतर आसूबाग में पेड़ों की अवैध कटान चल रही है। सिर्फ पेड़ों की कटाई ही नहीं बल्कि इसका सौदा तक कर दिया गया है। इस वीडियो में पेड़ों की अवैध कटाई करने वालों से जब पूछा गया कि किससे कहने पर ये पेड़ काटे जा रहे हैं तो उन्होंने साफ साफ सोनू उर्फ स्वर्णलता का नाम लिया। जहां लकड़ी की कटाई हो रही थी वहां ढुलाई के लिए ट्रैक्टर भी बुलाया गया था।



जब स्वर्णलता और उसके पति को जानकारी हुई कि उनकी चोरी पकड़ी गई है और जागरुक स्थानीय नागरिकों द्वारा मौके पर वीडियो बनाया जा रहा है तो वो अपने पति के साथ मौके पर पहुंच गई। जहां स्वर्णलता ने स्थानीय लोगों को धमकी देना शुरु कर दिया।



संत कृपाल नगर आश्रम में रहने वाले अरुण कुमार उर्फ भोला की ओर से हरदोई के जिलाधिकारी को लिखित पत्र द्वारा सूचना देकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है। पत्र में अरुण कुमार ने उल्लेख किया है कि 5 जनवरी 2023 को सुबह 10:00 बजे के आसपास ग्राम रामपुर आंसू परगना व तहसील संडीला जिला हरदोई में संत कृपाल नगर संस्था की भूमि पर लगे हुए यूकेलिप्टस के पेड़ों की कटाई श्रीमती स्वर्णलता गुप्ता पत्नी मनोज कुमार गुप्ता, उसके ड्राइवर नेत्रपाल तथा पातीराम पुत्र अज्ञात निवासी संत कृपाल नगर संडीला जिला हरदोई द्वारा गैर कानूनी तरीके से कराई गई।



पेड़ काटने से मना करने पर स्वर्णलता, उसके ड्राइवर नेत्रपाल एवं पातीराम ने प्रार्थी को भद्दी भद्दी गालियां दीं और कटे पड़े यूकेलिप्टस के पेड़ का बड़ा डंडा उठाकर मारने यह कहते हुए दौड़े कि यह साला बाबा का बहुत बड़ा मुख्तार बन रहा है आज इसे जान से मार देंगे। अरुण कुमार के मुताबिक उसके साथियों द्वारा तुरंत 112 पर सूचना दी गई। इस मामले की शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर भी की गई है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करते हैं ये देखना अभी बाकी है।



संत कृपाल नगर आश्रम से जुड़े लोगों के अनुसार आश्रम के भीतर स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने अपने जीवित रहते कई बार वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाए। उसी दौर में आश्रम की आसूबाग जमीन पर भी बड़ी संख्या में वृक्ष लगाए गए। जानकार बता रहे हैं कि आश्रम में रहने वाली स्वर्णलता जिनके इशारे पर ये पेड़ कटवाए गए इसका सौदा करीब पचास लाख रुपयों में किया गया है।



इससे पहले भी आश्रम की संपत्तियों की स्वर्णलता उनके पति मनोज गुप्ता और उनके सहयोगियों के द्वारा अलग अलग प्रकार से सौदेबाजी की गई है। आरोप तो यहां तक हैं कि अब जब स्वर्णलता और उनके सहयोगियों के कारनामों की कलई खुल रही है तो इसी अवैध अकूत काली कमाई के दम पर लोगों को चुप रहने, कुछ ना करने या मिलीभगत में शामिल होने की मोटी कीमत दी जा रही है।



संत कृपाल नगर आश्रम में रहने वाले स्थानीय लोगों के अनुसार पुलिस प्रशासन स्वर्णलता गुप्ता, उनके पति मनोज गुप्ता और उनके सहयोगियों की तरफ ही झुकाव रखती है। इससे पहले भी आश्रम के भीतर कई बार विवाद हुए हैं। आश्रम के भीतर रहने वाले आम सत्संगियों का कहना है कि अक्सर स्वर्णलता गुप्ता, मनोज गुप्ता औऱ उनके सहयोगियों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। आश्रम में कई प्रकार की ऐसी गतिविधियां आए दिन होती हैं जो कानूनी रुप से उचित नहीं हैं। परंतु जब स्थानीय पुलिस प्रशासन से स्वर्णलता गुप्ता, मनोज गुप्ता और उनके सहयोगियों की शिकायत की जाती है तो मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। कई बार तो शिकायतकर्ता को ही पुलिस थाने पर बैठा लिया जाता है। आश्रम के भीतर रह रहे लोगों का कहना है कि स्वर्णलता, उनके पति मनोज अपने सहयोगियों के साथ अवैध तरीके से आश्रम में डेरा जमाए हुए हैं जबकि स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने उन्हें काफी पहले ही आश्रम और आश्रम की संपत्तियों से बेदखल कर दिया था। बीते दिनों स्वामी दिव्यानंद जी महाराज का जन्मदिन भंडारा भी संडीला आश्रम में स्वर्णलता गुप्ता, मनोज गुप्ता और उनके सहयोगियों की साजिशों के चलते ही संभव नहीं हो पाया था। तब स्थानीय पुलिस की तरफ से आश्रम के बाहर प्रवेश वर्जित की एक नोटिस भी चस्पा की गई थी।



अब देखना होगा कि हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई और स्थानीय लोगों पर जानलेवा हमले के इस प्रकरण में स्थानीय प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है।



हालांकि जब संडीला के एसडीएम और संवंधित सीओ से मामले की जानकारी जुटाई गई तो उन्होंने वृक्षों की अवैध कटाई के प्रकरण से अनभिज्ञता जाहिर की औऱ मामला संज्ञान में आने पर दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


टीम स्टेट टुडे




















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