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इमरजेंसी लगने के साथ ही इन 20 चीजों के लिए इंदिरा गांधी की हुई थी वाहवाही


लखनऊ, 25 जून 2023 : 25 जून 1975, यह वह दिन था जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जग मोहन लाल सिन्हा ने राज नारायण की याचिका पर अपना फैसला सुनाया था।

इनसाइड स्टोरी ऑफ इमरजेंसी में कुलदीप नैयर लिखते हैं- इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में इंदिरा गांधी को उनके पद से अपदस्थ कर दिया गया था। साथ ही उन्हें 6 वर्षों तक किसी भी निर्वाचित पद पर रहने के लिए वंचित कर दिया गया था।

25 जून को लागू किया गया था आपातकाल

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस स्थिति से निपटने के लिए अपने विश्वासपात्रों के कहने पर देश में 25 जून की रात 11 बजकर 45 मिनट पर इमरजेंसी लागू कर दी। कुलदीप नैयर लिखते हैं- देर रात ही बड़े विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई और मीडिया संस्थानों पर शिकंजा कसा जाने लगा था। इस दौरान कई ज्यादतियों की खबरें भी सामने आई।

लेकिन इमरजेंसी के दौरान इंदिरा ने 20 सूत्रीय कार्यक्रम भी चालू किया था। बीस सूत्री कार्यक्रम मीडिया और तमाम सरकारी, गैर-सरकारी चर्चाओं में छाया रहा। हर तरफ होर्डिंग और पोस्टर लग गए, जिनमें उन बिंदुओं की सूची थी।

जानते हैं क्या है 20 सूत्रीय कार्यक्रम-

1. अनिवार्य वस्तुओं की कीमतें कम करना और उनके उत्पादन तथा वितरण को चुस्त दुरुस्त करना।

2. सरकारी खर्च कम करना।

3. कृषि भूमि की हदबंदी को लागू करना और अतिरिक्त भूमि के वितरण में तेजी लाना तथा भू-अभिलेखों का संकलन ।

4. भूमिहीनों और गरीब तबके को मकान के लिए जमीन दिलाना।

5. बंधुआ मजदूरी को अवैध घोषित करना।

6. ग्रामीण ऋणग्रस्तता के परिसमापन की योजना बनाना और भूमिहीन मजदूरों, छोटे किसानों तथा कारीगरों से ऋण वसूली पर रोक।

7. न्यूनतम कृषि मजदूरी के कानूनों की समीक्षा।

8. पचास लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के अंतर्गत लाना तथा भूजल के प्रयोग के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाना ।

9. ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना।

10. हैंडलूम सेक्टर को विकसित करना तथा जनता के लिए कपड़े की गुणवत्ता और आपूर्ति में सुधार।

11. शहरी और शहरीकृत किए जाने के लायक जमीन पर समाजीकरण और खाली जमीन पर स्वामित्व तथा कब्जे की हदबंदी ।

12. प्रत्यक्ष उपभोग के आकलन और कर चोरी को रोकने के लिए विशेष स्क्वाड रखना तथा आर्थिक अपराधियों पर संक्षिप्त सुनवाई और कठोर दंड के प्रावधान।

13. तस्करों की संपत्तियों की जब्ती के लिए विशेष कानून।

14. निवेश की प्रक्रियाओं को उदार बनाना तथा आयात लाइसेंसों के दुरुपयोग के खिलाफ काररवाई करना।

15. औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिक संघों के लिए नई योजनाएं।

16. सड़क परिवहन के लिए राष्ट्रीय परमिट की योजनाएं।

17. मध्यम वर्ग के लिए आयकर में रियायत छूट की सीमा रु. 8,000 तय की गई।

18. हास्टल में रहने वाले छात्रों को नियंत्रित मूल्य पर अनिवार्य वस्तुएं।

19. किताबें और स्टेशनरी भी उचित मूल्य पर।

20. रोजगार और प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए अपरेंटिसशिप स्कीम, विशेष रूप से कमजोर तबके के लिए।

बीस सूत्री कार्यक्रम के मुताबिक, काम करना या कम-से-कम वैसा करते दिखना, हर किसी का कर्तव्य था। कुलदीप नैयर लिखते हैं- 'दिल्ली प्रशासन ने सभी दुकानदारों और व्यापारियों को स्टॉक की लिस्ट और उनकी कीमतें दर्शाने का आदेश दिया। उन्हें लगभग हर सामान की कीमत का टैग लगाना पड़ता था।'

हालांकि इनके विपरीत परिणाम भी सामने आए थे। अधिकारियों ने इस आदेश को उन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई का हथियार बना लिया, जो कांग्रेस पार्टी को और फिर आगे चलकर युवा कांग्रेस के फंड में पैसे नहीं देते थे या जो सरकार के इशारों पर काम नहीं करते थे।


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