google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

IVRI के 11वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने मेधावियों को पदक देकर किया सम्मानित, टॉपर्स को वितरित की उपाधियां

IVRI की 136 वर्षों की साधना पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत, संवेदनाओं को विज्ञान से जोड़ते हैं आप जैसे वैज्ञानिक- सीएम योगी


- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की शोधकर्ताओं की सराहना


- न केवल पशुधन बल्कि हर जीव-जंतु के लिए जीवन रक्षक सेवा का केंद्र बना है IVRI - सीएम योगी


- कोविड काल में IVRI ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक जांच करवाई- सीएम योगी


लखनऊ/बरेली, 30 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के 11वें दीक्षांत समारोह में शोधकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान की 136 वर्षों की साधना पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। आप जैसे वैज्ञानिक उस मूक प्राणी की आवाज बनते हैं जिसे दुनिया सुन नहीं पाती। आप सभी का शोध और सेवा समाज को एक नई दिशा देता है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने मेधावियों को 24 पदक और 576 स्नातक डिग्री की उपाधियां वितरित कीं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली को भारत की पौराणिक और आध्यात्मिक नगरी बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र प्राचीन काल में पांचाल देश के रूप में विख्यात था और यहां देवाधिदेव महादेव के सात प्राचीन मंदिरों की श्रृंखला ‘नाथ कॉरिडोर’ के रूप में विकसित की जा रही है। बाबा अलखनाथ, वनखंडी नाथ, त्रिवटी नाथ, तपेश्वर नाथ, मढ़ी नाथ, धोपेश्वर नाथ और श्री पशुपाति नाथ मंदिर बरेली की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि जहां मंदिरों की श्रृंखला इस नगर को आध्यात्मिक पहचान देती है, वहीं IVRI ने इसे आधुनिक वैज्ञानिक पहचान प्रदान की है।


IVRI न केवल पशुधन बल्कि हर जीव-जंतु के लिए जीवन रक्षक सेवा का केंद्र बना है-सीएम योगी

सीएम योगी ने संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि IVRI न केवल पशुधन बल्कि हर जीव-जंतु के लिए जीवन रक्षक सेवा का केंद्र बना है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब RTPCR जांच एक चुनौती बनी हुई थी, तब IVRI ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं। सीएम योगी ने कहा कि IVRI की प्रतिबद्धता यह दिखाता है कि इसकी भूमिका केवल पशु चिकित्सा तक सीमित नहीं, बल्कि वह मानव जीवन रक्षा में भी अग्रणी रही है।


IVRI द्वारा विकसित टीके ने उत्तर प्रदेश को लंपी स्किन डिज़ीज से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई- योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने लंपी स्किन डिज़ीज पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे इस बीमारी की दूसरी लहर के दौरान जब गोवंश बुरी तरह प्रभावित हुआ, तब IVRI द्वारा विकसित टीके ने उत्तर प्रदेश को संक्रमण से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में हमारी गौशाला में भी संक्रमण फैल चुका था, लेकिन जब वैज्ञानिकों ने परीक्षण वैक्सीन देने की बात कही, तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला से बात कर अनुमति प्राप्त की गई और IVRI द्वारा बनाई गई वैक्सीन से प्रदेश में लंपी का पूरी तरह से सफाया किया गया। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों को उनके निःशब्द प्राणियों की सेवा के लिए हृदय से धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी खोजों ने किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। आपने पशुधन की उन्नत नस्ल देकर अन्नदाता को सशक्त किया है। IVRI की 136 वर्षों की यह साधना पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।


यह केवल डिग्री नहीं, बल्कि समाज को आपकी सेवा समर्पित करने की शपथ है- सीएम योगी

दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आज का दिन आपके जीवन का एक नया अध्याय है। यह केवल डिग्री नहीं, बल्कि समाज को आपकी सेवा समर्पित करने की शपथ है। आपकी यह यात्रा राष्ट्र के भविष्य निर्माण में निर्णायक होगी। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में कौन कैसे खड़ा होता है, यही उसकी पहचान तय करता है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता को उद्धृत करते हुए कहा, "आदमी को चाहिए कि वो जूझे परिस्थितियों से... एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़े।" मुख्यमंत्री योगी ने छात्रों से अपेक्षा जताई कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने सभी उपाधिधारकों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज इस पावन भूमि से राष्ट्र को नई ऊर्जा मिल रही है, और यह ऊर्जा आप सभी के माध्यम से समाज तक पहुंचेगी।


इस अवसर पर केंद्रीय कृषि किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी समेत कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े गणमान्य और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।


बॉक्स

कृषि शिक्षा को ग्रामीण जरूरतों से जोड़ें- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्रों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं अपने-अपने विभागों में अच्छा कार्य कर रहे हैं और जिसने श्रेष्ठ कार्य किया है, उसे मेडल अवश्य मिलना चाहिए, परंतु पुरस्कार न मिलने वालों को निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कृषि शिक्षा को ग्रामीण जरूरतों से जोड़ने की अपील करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और ग्रामीण सहभागिता जरूरी है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “क्वालिटी एजुकेशन” के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें अपने विश्वविद्यालयों को विश्वस्तरीय बनाना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुल 5 कृषि विश्वविद्यालय हैं और हमें यह समझना होगा कि हमारी जरूरतें, समस्याएं और प्राथमिकताएं क्या हैं, तभी हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों को आसपास के गांवों से छात्रों को जोड़ने के लिए प्रयास करने चाहिए और यही सच्चे अर्थों में शिक्षा का उद्देश्य होगा। अयोध्या का कृषि विश्वविद्यालय जहां देश में नैक में A+ ग्रेड पाकर पहले स्थान पर है, वहीं मेरठ की सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय A श्रेणी में सम्मिलित है यह गर्व का विषय है।


राज्यपाल ने कहा कि कृषि और पशुपालन रोजगार देने वाले क्षेत्र हैं और इनसे जुड़ी योजनाओं और बजट का पूर्ण उपयोग कर किसानों, महिलाओं और पशुपालकों की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं। उन्होंने गुजरात की 2003 की कृषि रथ यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि सीधे किसानों से संवाद ही बदलाव का आधार बनता है। गुजरात में ऐसा हुआ जब रथ यात्रा के दौरान प्रदेश के कृषि बैज्ञानिक, प्रोफेसर और शोधकर्ता किसानों के पास जाकर सीधे संवाद स्थापित किया, उनकी जरूरतों को सुना और फिर प्रदेश में कृषि व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाब आया।

रिसर्च लैब से निकलकर खेतों तक पहुंचे विज्ञान और वैज्ञानिक- शिवराज सिंह चौहान


- केंद्रीय कृषि मंत्री ने आईवीआरआई को बताया ग्रामीण जीवन, पशुपालन और विज्ञान का सेतु


- डिग्री नहीं, ये किसान, समाज और पशुपालकों की जिम्मेदारी है- कृषि मंत्री


- पशुपालन के बिना कृषि अधूरी, हर गांव तक पहुंचे रिसर्च- केंद्रीय मंत्री


बरेली, 30 जून। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में वैज्ञानिकों की 2,000 टीमें भेजी जाएंगी। वह स्थानीय किसानों को आधुनिक कृषि, उन्नत नस्लों, तकनीकी खेती और बागवानी के विषय में जानकारी देंगी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अब सिर्फ लैब में सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खेत और खलिहान तक जाकर किसानों से जुड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिसर्च पेपर केवल प्रकाशन के लिए नहीं, बल्कि किसानों और पशुपालकों के जीवन में बदलाव लाने के लिए होने चाहिए। केंद्रीय मंत्री सोमवार को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।


IVRI ग्रामीण जीवन शैली, पशुपालन संस्कृति और वैज्ञानिक जीवन का आधार- शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आईवीआरआई केवल एक संस्था नहीं, बल्कि यह भारत की ग्रामीण जीवनशैली, पशुपालन संस्कृति और वैज्ञानिक सोच का आधार है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने टीका अनुसंधान, उन्नत नस्ल विकास, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन में ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनसे न केवल भारत, बल्कि विश्व को भी नई दिशा मिली है।


पशुपालन के बिना कृषि अधूरी, हर गांव तक पहुंचे रिसर्च- केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, लेकिन पशुपालन के बिना कृषि की कल्पना अधूरी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज की रिसर्च प्रयोगशालाओं से निकलकर किसानों और पशुपालकों तक पहुचे। उन्होंने बताया कि देश में 300 से अधिक अभिनव कृषि प्रयोग किसानों ने खुद किए हैं, जिनमें वैज्ञानिकों के सहयोग से और अधिक परिष्कृत करने की आवश्यकता है। देश के प्रत्येक जिले में वैज्ञानिकों की 2,000 टीमें भेजी जाएंगी। वह स्थानीय किसानों को आधुनिक कृषि, उन्नत नस्लों, तकनीकी खेती और बागवानी के विषय में जानकारी देंगी।


छात्रों से बोले कृषि मंत्री- डिग्री नहीं, ये जिम्मेदारी है

दीक्षांत समारोह में उपस्थित 576 छात्रों को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उपाधियां और 24 को पदक दिए गए। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल डिग्री नहीं, यह देश, समाज, किसान और पशुपालक कल्याण की जिम्मेदारी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्धरणों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप अकेले नहीं हैं, आप राष्ट्र के भविष्य हैं। आप जो सोचेंगे, वही बनेंगे। देश को ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत है जो ज्ञान को सेवा में बदलें।

राष्ट्रपति की सीख, मन में बेजुबान पशुओं के कल्याण की भावना के साथ करें कार्य


भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह को राष्ट्रपति ने किया संबोधित


कोरोना ने किया आगाह, उपभोग आधारित संस्कृति पहुंचा सकती है अकल्पनीय क्षतिः राष्ट्रपति


बोलीं महामहिमः जीव-जंतुओं में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है हमारी संस्कृति


यह शुभ संकेत कि अन्य क्षेत्र की तरह पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी आगे आ रही हैं बेटियांः मुर्मू


1889 में स्थापित इस संस्थान ने 135 वर्ष की यात्रा में हासिल कीं कई महत्वपूर्ण उपलब्धियांः राष्ट्रपति


बरेली, 30 जूनः महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मैं जिस परिवेश से आती हूं, वह सहज रूप से प्रकृति के निकट है। उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि चिकित्सक या शोधकर्ता के रूप में कार्य करें तो मन में बेजुबान पशुओं के कल्याण की भावना हो। पशु व मानव का रिश्ता परिवार का है। अभी हम आधुनिक जीवनशैली की जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन जब छोटे थे तो टेक्नोलॉजी का साधन नहीं था तब पशु ही हमारे साधन थे। पशु के बिना किसान आगे नहीं बढ़ सकते थे। पशु हमारे जीवन का धन हैं। उनके बिना हम जिंदगी के बारे में सोच नहीं सकते थे। यह धरती व मानव जाति इससे खुशहाल होती थी। हमारी संस्कृति सभी जीव-जंतुओं में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है।


राष्ट्रपति ने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधि व मेडल भी प्रदान किया।


संस्थान ने हासिल कीं कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां

राष्ट्रपति ने कहा कि 1889 में स्थापित इस संस्थान ने 135 वर्ष की यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध कार्यों और इस संस्थान के नाम दर्ज अनेक पेटेंट्स, डिजाइन, कॉपीराइट्स की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 'प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर' कहावत पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी पूरी तरह से लागू होती है। बीमारियों के रोकथाम में टीकाकरण की अहम भूमिका है। इस संस्थान के लिए गर्व का विषय़ है कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में अनेक टीके यहीं पर विकसित किए गए।


आदर्श प्रस्तुत करें संस्थान

राष्ट्रपति ने कहा कि गिद्धों के विलुप्त प्राय होने के पीछे पशु चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक दवाओं की भी भूमिका है। ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाना गिद्धों के संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम है। वैज्ञानिकों के इस दिशा में कदम उठाने पर राष्ट्रपति ने बधाई दी। कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो गईं या विलुप्त होने के कगार पर हैं। इन प्रजातियों का संरक्षण पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत आवश्यक हैं। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान जैसे संस्थान जैव विविधता को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाते हुए आदर्श प्रस्तुत करें।


पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी आगे आ रहीं बेटियां

राष्ट्रपति ने उपाधि व पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की बड़ी संख्या देखकर गर्व हो रहा है कि बेटियां अन्य क्षेत्र की तरह पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी आगे आ रही हैं, यह शुभ संकेत है। राष्ट्रपति ने कैटल शेड की चर्चा करते हुए कहा कि मां, बहन गायों की सेवा करती थीं। गायों व पशुओं से माता-बहनों का जुड़ाव अधिक है। इस क्षेत्र में बेटियों का जुड़ाव देखकर बहुत अच्छा लगा।


सत्य गुण से होती है ज्ञान की प्राप्ति

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि करियर के रूप में आपने निरीह व बेजुबान पशुओं की चिकित्सा व कल्याण के क्षेत्र को चुना है। इसमें सर्वे भवन्तु सुखिनः... की भारतीय सोच का भी योगदान रहा है। राष्ट्रपति ने संस्थान का ध्येय वाक्य सुनाकर उसके भावार्थ की चर्चा की कि सत्य गुण से ज्ञान की प्राप्ति होती है। विश्वास है कि इसी भावना के साथ आपने शिक्षा प्राप्त की होगी और भविष्य में भी इसी मूल भावना के साथ कार्य करते होंगे। जब भी आपके सामने दुविधा का क्षण हो तब उन बेजुबान पशुओं के बारे में सोचिए, जिनके कल्याण के लिए आपने शिक्षा ग्रहण की है। आपको सही मार्ग जरूर दिखाई देगा।


उद्यमिता व स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए संस्थान में है पशु विज्ञान इनक्यूबेटर

राष्ट्रपति ने कहा कि पशु विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता व स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इस संस्थान में पशु विज्ञान इनक्यूबेटर कार्यरत है। इस सुविधा का लाभ लेते हुए उद्यम स्थापित करने चाहिए। इससे न केवल जरूरतमंदों को रोजगार दे पाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान कर पाएंगे। विश्व भर के प्रतिष्ठित संस्थानों, उद्यमों, सेवारत पूर्व विद्यार्थी भी इसमें मार्गदर्शन कर सकते हैं।


मानव, जानवर, वनस्पति व पर्यावरण एक-दूसरे पर हैं आश्रित

राष्ट्रपति ने कहा कि वन हेल्थ की अवधारणा महत्व प्राप्त कर रही है। माना जाता है कि मानव, घरेलू तथा जंगली जानवर, वनस्पति व व्यापक पर्यावरण एक-दूसरे पर आश्रित हैं। हमें अपनी परंपरा व इस अवधारणा का अनुसरण करते हुए पशु कल्याण के लिए प्रयास करना चााहिए। प्रमुख पशु संस्थान के रूप में इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट जेनेटिक बीमारियों के नियंत्रण व रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ईश्वर ने मनुष्य को जो सोचने-समझने की शक्ति दी है। उसका उपयोग जीव-जंतुओं के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।


कोरोना ने किया आगाह, उपभोग आधारित संस्कृति पहुंचा सकती है अकल्पनीय क्षति

राष्ट्रपति ने कहाकि कोरोना महामारी ने आगाह किया है कि उपभोग आधारित संस्कृति मानव, जीव-जंतुओं व पर्यावरण को अकल्पनीय क्षति पहुंचा सकती है। उन्होंने पशु कल्याण के लिए पशु आरोग्य मेलों के आयोजन पर जोर दिया। इनके तहत गांव-गांव में कैंप लगाकर पशुओं की चिकित्सा के साथ ही समाज भी स्वस्थ रहेगा।


पशु संपदा का संरक्षण व विकास हमारा कर्तव्य

राष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज गांव-गांव में घरेलू पशु नहीं दिख रहे हैं। यह पशु खेती में सहयोग करते हैं। आज टेक्नोलॉजी तो आयी, लेकिन जमीन में खेती के साथी केंचुआ आदि समाप्त हो रहे हैं। इससे जमीन बंजर हो रही है। जमीन उर्वरता के लिए किसानों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों व आमजन को सोचना चाहिए। पशु संपदा का संरक्षण व विकास हमारा कर्तव्य होना चाहिए।


टेक्नोलॉजी के प्रयोग से लाए जा सकते हैं क्रांतिकारी बदलाव

राष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी अन्य क्षेत्र की तरह पशु चिकित्सा और देखभाल में भी क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। टेक्नोलॉजी के प्रयोग से देश भर के पशु चिकित्सा को सशक्त बनाया जा सकता है। जीनोम एडिटिंग, एम्ब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी, एआई, बिग डेटा एनालिटिक्स जैसे टेक्नोलॉजी के प्रयोग से इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके आईवीआरआई जैसे संस्थानों को पशु रोगों के निदान व पोषण उपलब्ध कराने के लिए स्वदेशी व सस्ते उपाय ढूंढने चाहिए। साथ ही उन दवाओं के विकल्प भी तलाशने चाहिए, जिनके साइड इफेक्ट्स न केवल पशुओं, बल्कि मनुष्यों व पर्यावरण को भी प्रभावित करते रहे हैं।


समारोह में उप्र की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी आदि मौजूद रहे।

Comments


bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0