कानपुर, 28 अप्रैल 2023 : झकरकटी बस स्टैंड पर 21 अप्रैल को बेहोश मिली लावारिस महिला की शिनाख्त हो गई है। महिला बिधनू स्थित करौली आश्रम की सेवादार निकली। महिला के पति ने आरोप लगाया है कि पत्नी को आश्रम के लोगों ने बेहोशी की हालत में फेंका था। वह पुलिस के पास गए थे, मगर पुलिस ने उनकी नहीं सुनी।
महिला का नाम मैनादेवी है, जो कि मूलरूप से बांदा के गांव बबेरू निवासी रामकरन शर्मा की पत्नी हैं। रामकरन पिछले 30 सालों से अर्रा बिनगवां स्थित केडीए कालोनी में तीन बेटों व पत्नी के साथ रहते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। रामकरन ने बताया कि परिवार तीन सालों से करौली आश्रम का भक्त रहा है। घर में सुख शांति बनी रहे, इसलिए बाबा ने उनसे यज्ञ कराए, जिसमें करीब ढाई लाख रुपया खर्च हुआ।
बताया कि पत्नी मैनादेवी आश्रम के भंडरा में खाना बनाने का काम निश्शुल्क करती हैं। 19 अप्रैल को वह उन्हें आश्रम छोड़कर आए थे। 22 को आश्रम पहुंचे तो पत्नी नहीं मिली। उन्हें वहां से भगा दिया गया। बामुश्किल खोजबीन करते हुए पत्नी उन्हें उर्सला अस्पताल में लावारिस हालात में भर्ती मिली। रामकरन का आरोप है कि 21 अप्रैल को पत्नी की तबियत बिगड़ने के बाद बाबा के कर्मचारी पत्नी को झकरकटी स्थित कूड़ा घर में फेंक गए थे, जहां सीमा नाम की महिला ने मदद करके उसे पुलिस के माध्यम से उर्सला अस्पताल भिजवाया।
आरोप है कि जब पत्नी मिल गई तो आश्रम कर्मचारी अस्पताल आए और मदद करने का झूठा वीडियो बनवाकर ले गए।उनकी पत्नी अभी तक बेहोश है। हालांकि जब इस संबंध में करौली आश्रम के मीडिया प्रभारी अजय यादव से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इंस्पेक्टर विधनू सतीश कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिली तो कार्रवाई होगी।
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