लखनऊ, 28 अप्रैल 2023 : विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा और विधान परिषद सदस्य एक छत के नीचे बैठकर अपनी और अपने राज्यों की विधायिकाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर और प्रभावशाली बनाने तथा उनकी कार्यक्षमता संवर्धन के लिए मंथन करेंगे। उन्हें यह अवसर मिलेगा मुंबई के जियो वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में 15 से 17 जून तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने गुरुवार को बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र की शैक्षणिक संस्था एमआइटी और राष्ट्रीय छात्र संसद संयुक्त रूप से करेंगे। पिछले वर्ष उन्होंने इस तरह का सम्मेलन कराए जाने का सुझाव दिया था। लोकसभा अध्यक्ष रहे शिवराज पाटिल, सुमित्रा महाजन, मीरा कुमार और मनोहर जोशी तथा विधानसभा अध्यक्षों व विधान परिषद के सभापतियों ने भी राज्यों की विधायिकाओं को सहयोग, संरक्षण और मजबूती देने के लिए एक राष्ट्रीय संगठन की परिकल्पना की थी जो इस सम्मेलन के रूप में साकार होगी।
महाना ने कहा कि उद्देश्य यह है कि विधायक क्षेत्रीय अस्मिता से ऊपर उठकर राष्ट्रीय क्षितिज पर भी सोचें। सम्मेलन में 80 सत्र आयोजित होंगे।महाना ने बताया कि सम्मेलन में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष, राजनीतिक दलों के नेता, आध्यात्मिक गुरु, उद्योग जगत के अगुआ, पत्रकार और विधिवेत्ता शामिल होंगे। सम्मेलन में विधायकों को विधानसभा क्षेत्र के विकास, सुशासन, जमीनी स्तर पर किये जा रहे अभिनव प्रयोगों तथा लोकतांत्रिक सहभागिता और जवाबदेही के संदर्भ में हुए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी जाएगी।
विधान सभा में 18 विधायक डाक्टर व 16 इंजीनियर
उत्तर प्रदेश विधान सभा में 14 प्रतिशत विधायक युवा हैं जिनकी आयु 40 वर्ष से कम है। ऐसे विधायकों की संख्या 54 है। पांच विधायकों की आयु 25 से 30 वर्ष तक है। विधान सभा में उच्च शिक्षित विधायकों की संख्या 100 से अधिक है। उत्तर प्रदेश विधान सभा की ओर से प्रकाशित 18वीं विधान सभा की सदस्य परिचय पुस्तक में यह तथ्य सामने आए हैं।
इस पुस्तक का विमोचन गुरुवार को विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने किया। पुस्तक में दिये गए विवरण के अनुसार 15 विधायक एमबीए, बीबीए या अन्य प्रबंधन डिग्रीधारक हैं। 18वीं विधान सभा के 16 सदस्य इंजीनियर व 18 डाक्टर हैं। 17 विधायक पीएचडी उपाधिधारक हैं जबकि 86 विधि स्नातक हैं। 160 विधायकों का व्यावसायिक आधार कृषि है जबकि 14 विधायक अपनी आजीविका के लिए वकालत के पेशे पर निर्भर हैं। कक्षा आठ या इससे कम शिक्षित विधायकों की संख्या 12 है।
हाई कोर्ट का आदेश नहीं देखा
विधानसभा और विधान परिषद सचिवालयों में तृतीय श्रेणी के पदों पर भर्तियां उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बारे में पूछने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट का आदेश नहीं देखा है।
साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता
महाना ने कहा कि इंटरनेट पर उपलब्ध विधानसभा से संबंधित डाटा की साइबर सुरक्षा के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स और प्रमुख सचिव सूचना के साथ चर्चा के बाद ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री के समक्ष उसका प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
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