गाजियाबाद, 30 अगस्त 2022 : दिल्ली की नई आबकारी नीति की जांच के मामले में मंगलवार को सीबीआइ ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी सीमा के बैंक लाकर की जांच की। सीबीआइ टीम ने करीब डेढ़ घंटे तक वसुंधरा सेक्टर चार स्थित पंजाब नेशनल बैंक के लाकर को खंगाला। जांच के बाद मनीष सिसौदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि सीबीआइ को मेरे घर और लाकर से कुछ नहीं मिला है। सीबीआइ पर पीएम का दबाव है कि मुझे दो-तीन महीने के लिए जेल भेज दें। हालांकि, अभी मुझे क्लीन चिट मिल गई है लेकिन भविष्य में मुझे जेल भेज सकते हैं।
गाजियाबाद के वसुंधरा में है लाकर
मंगलवार सुबह 11:15 बजे मनीष सिसोदिया पत्नी सीमा सिसोदिया के साथ मेवाड़ कालेज परिसर में स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में पहुंचे। करीब सात मिनट बाद सीबीआइ टीम के अधिकारी यहां पहुंचे और जांच शुरू की। दोपहर करीब एक बजे जांच के बाद मनीष और सीबीआइ टीम बाहर निकले। मनीष ने कहा कि 'जन्माष्टमी के दिन सीबीआइ टीम ने उनके घर पर रेड की थी इस दौरान टीम उनकी पत्नी के बैंक लाकर की चाबी ले गई थी।
ना घर में कुछ मिला ना लाकर में
टीम आज उसी लाकर की जांच करने आई थी। जैसे सीबीआइ को घर पर कुछ नहीं मिला वैसे ही लाकर में कुछ नहीं मिला। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने मेरे घर पर रेड करवाई। आज पीएम ने मेरे लाकर पर भी रेड करवाई और उसमें भी कुछ नहीं निकला। प्रधानमंत्री की सारी जांच में हमें क्लीनचिट मिली है। कहीं एक पैसे का लेन-देन और हेरा-फेरी नहीं निकली। सीबीआइ ने मेरे साथ बहुत अच्छा बर्ताव किया क्योंकि वे जानते हैं कि मैं गलत नहीं हूं, लेकिन कहीं न कहीं सीबीआइ पर प्रधानमंत्री का दवाव है कि किसी भी तरह मनीष सिसोदिया को दो-तीन महीने के लिए जेल में डालो। वह किसी समय पर यह करेंगे। यह उनकी राजनीति का हिस्सा है लेकिन मुझे खुशी है कि मुझे क्लीन चिट मिली। सच की जीत हुई है।'
आधे घंटे बाद पहुंची पुलिस
मनीष सिसोदिया और सीबीआइ अधिकारियों के बैंक आने के आधे घंटे बाद वसुंधरा चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद लोगों की अधिक भीड़ रहने के कारण 20 से अधिक पुलिसकर्मी और तैनात कर दिए गए। पुलिस ने रस्सी बांधकर बैरिकेडिंग की। छापेमारी के दौरान पुलिस बैंक के गेट पर तैनात रही।
ग्राहक रहे परेशान
करीब पौने दो घंटे तक सीबीआइ के अधिकारी और मनीष सिसोदिया बैंक में रहे। इस दौरान किसी ग्राहक को बैंक में नहीं जाने दिया गया। ग्राहक गेट से ही लौट गए। सीबीआइ के जाने के आधे घंटे बाद ही ग्राहकों को बैंक में जाने की अनुमति मिली। जब सीबीआइ अधिकारी वहां चले गए और इसके आधे बाद भी गेट नहीं खुला गया तो ग्राहक आक्रोशित हो गए। उनकी बैंक कर्मचारियों से नोकझोंक हो गई।
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