लखनऊ, 1 नवंबर 2022: हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेशकोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ फ्राड के मामलेमें एसटीएफ औरसाइबर क्राइम थानेकी संयुक्त टीमने मंगलवार कोबड़ी सफलता हासिलकी है। कोआपरेटिवबैंक के अबतकके सबसे बड़ेफ्राड में टीमने लोक भवनमें कार्यरत सेक्शनअफसर रामराज औरमहमूदाबाद स्थित कोआपरेटिव बैंकके असिस्टेंट मैनेजरकर्मवीर समेत पांचलोगों को धरदबोचा। पांचों आरोपितों केखिलाफ एसटीएफ औरसाइबर टीम कोसाक्ष्य मिले हैं।पांचों से फ्राडसे जुड़े अन्यबिंदुओं पर एसटीएफऔर साइबर क्राइमकी टीमें पूछताछकर रही हैं।
गिरोह से जुड़ेहैं बैंक केकई और अधिकारी-कर्मचारी
पूछताछ में गिरोहमें गिरोह सेजुड़े कुछ अन्यबैंक अधिकारियों औरकर्मचारियों की केबारे में एसटीएफको जानकारी मिलीहै। अब उनकेसंबंध में ब्योराजुटाने के साथही साक्ष्य इकट्ठाकिए जा रहेहैं। वहीं, अन्यआरोपितों में शाहजहांपुरका रहने वालाध्रुव, रायबरेली रोड काभूपेंद्र और बालागंजका रहने वालाआकाश है। इनसेभी पूछताछ जारीहै। प्राथमिक पूछताछमें पता चलाहै कि पांचोंको पूर्व बैंकप्रबंधक आरएस दुबेने गिरोह मेंजोड़ा था।
पांच माहपहले ही बनीथी योजना
आरएस दुबेऔर उक्त लोगोंने करीब चारसे पांच माहपहले ही बैंकफ्राड की योजनाबना ली थी।इसके बाद यहवारदात को अंजामदेने के लिएतानाबना बुन रहेथे। इसके लिएगिरोह ने कईजगहों पर मीटिंगभी की थी।योजनाबद्ध तरीके से आरएसदुबे साइबर एक्सपर्टदो से तीनयुवकों के साथबैंक में जाकरबैठता था। यहलोग घंटों बैठतेथे बैंक मेंअपने लैपटाप लगाकरकाम भी करतेथे। इसी दौरानआरएस दुबे औरगिरोह से जुड़ेसाइबर एक्सपर्ट वअन्य लोगों नेबैंक के दोकर्मचारियों को यूजरआइडी और पासवर्डले लिया।
समय रहतेहो गई थीमामले की जानकारी
इसके बाद 146 करोड़ रुपये बिल्डर समेतआठ बैंक खातोंमे ट्रांसफर किएथे। समय रहतेसाइबर क्राइम थानेको मामले कीजानकारी हुई। टीमने सभी खातेफ्रीज करके रुपयाबैंक खातों मेंपुन: वापस मंगालिया था। इसमामले में बीतेदिनों साइबर क्राइममुख्यालय के एसपीत्रिवेणी सिंह औरएएसपी सचिदानंद, इंस्पेक्टरमोहम्मद मुस्लिम खां नेपूर्व बैंक प्रबंधकआरएस दुबे, बिल्डरगंगा सागर चौहानऔर साइबर एक्सपर्टसतीश को गिरफ्तारकर जेल भेजाथा।
फ्राड करने केबाद भाग गयाथा दिल्ली
इंस्पेक्टर मुस्लिम खांने बताया किबैंक से रुपयेनिकालने के बादसतीश दिल्ली भागगया था। बैंकसे दूसरे खातोंमें रुपये ट्रांसफरकरने में सतीशने कई लोगोंकी मदद भीली। वह लखनऊसे लेकर दिल्लीतक कई लोगोंके संपर्क मेंथा। रुपये सतीशके कई करीबियोंके खाते मेंभी पहुंचे थे।
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