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लाउडस्पीकर पर इलाहाबाद HC की बड़ी टिप्पणी, मस्जिद में लाउडस्पीकर मौलिक अधिकार नहीं


प्रयागराज, 6 मई 2022 : मस्जिद तथा अन्यधार्मिक स्थल सेलाउडस्पीकर हटाने के उत्तरप्रदेश की योगीआदित्यनाथ सरकार के फैसलेपर इलाहाबाद हाईकोर्ट की भीमुहर लग गईहै। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिदमें लाउडस्पीकर लगानेकी अनुमति मांगनेकी याचिका कोखारिज करने केसाथ ही निर्देशभी दिया किमस्जिद में लाउडस्पीकरलगाना किसी काभी मौलिक अधिकारनहीं है।

इलाहाबाद हाई कोर्टने बदायूं कीनूरी मस्जिद मेंलाउडस्पीकर लगाने की अनुमतिकी मांग वालीयाचिका को शुक्रवारको खारिज करदिया। इसके निर्देशमें इलाहाबाद हाईकोर्टने कहा हैकि मस्जिद परलाउडस्पीकर लगाकर अजान देनाकिसी का मौलिकअधिकार नहीं है।इसको लेकर बदायूंके एसडीएम नेमस्जिद पर स्पीकरलगाने की अनुमतिन देने केउचित कारण भीदर्ज किये है।इलाहाबाद हाई कोर्टने यह भीकहा है कियह सही हैकि अजान तोइस्लाम का अंगहै, लेकिन इसकेसाथ यह भीहै कि लाउडस्पीकरसे अजान देनाइस्लाम का हिस्सानहीं है। यहआदेश न्यायमूर्ति वीकेबिड़ला तथा न्यायमूर्तिविकास बुधवार कीखंडपीठ ने इरफानकी याचिका परदिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्टने बदायूं केबिसौली तहसील में धोरनपुरगांव की नूरीमस्जिद में लाउडस्पीकरलगाकर अजान देनेकी अनुमति नदेने के आदेशके खिलाफ याचिकाखारिज कर दीहै। याची काकहना था किएसडीएम बिसौली का आदेशअवैध है। इससेयाची के मस्जिदमें लाउडस्पीकर लगाकरअजान पढऩे केमूल अधिकारों वकानूनी अधिकार का हननकिया गया है।इसी कारण सेएसडीएम का तीनदिसंबर 21 का स्पीकरलगाने की अनुमतिन देने काआदेश रद कियाजाए। याची ने 20 अगस्त 21 को अर्जीदी थी जिसेएसडीएम ने निरस्तकर दिया है।

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