लखनऊ, 30 मई 2023 : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा में सफलता मिलने के बाद भी 2019 से होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अपने नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। आक्रोश से भरे सैकड़ों फार्मासिस्ट ने नियुक्ति के लिए इको गार्डन में धरना दिया और साथ ही उपमुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के कार्यालय के बाहर सुबह आठ बजे से ही लगभग 200 फार्मासिस्ट धरने पर बैठ गए। 10 बजे तक उपमुख्यमंत्री से नियुक्ति की मांग के साथ नारेबाजी की। फार्मासिस्टों का कहना है कि लिखित परीक्षा को पास करने के बाद कुछ कारणों से नियुक्ति का मामला कोर्ट में चला गया। नियुक्ति अटक गई कोर्ट ने भी इस से हटा दिया है लेकिन फिर भी नियुक्ति के लिए अधिकारी प्रयासरत नहीं दिख रहे हैं।
कई फार्मासिस्ट निर्धारित आयु सीमा को पूर्ण किए जाने के कगार पर खड़े हैं यदि जल्दी ही हमारे नियुक्ति नहीं होती है तो हमें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश राजकीय होम्योपैथिक फार्मासिस्ट सेवा संघ के महासचिव शिव प्रसाद का कहना है कि सरकार रोजगार देने को प्राथमिकता प्रदान कर रही है लेकिन अधीनस्थ तैनात अधिकारी शासन के विपरीत कार्य कर सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।
वर्तमान में विभाग के प्रमुख के पद पर कुल सृजित पदों के सापेक्ष सिर्फ 25 प्रतिशत फार्मासिस्ट ही कार्यरत हैं। ऐसे में मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हमें जल्द से जल्द खाली पदों पर नियुक्त किया जाना जरूरी है। उपमुख्यमंत्री ने फार्मासिस्ट से ज्ञापन लेकर अधिनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार से फोन पर बात भी की और फार्मासिस्टों से उनकी मांगों पर जल्द ही काम करवाने का आश्वासन दिया है।
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