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मोदी के लिए 'उप-योगी' साबित हुए बाबा, राशन और सुशासन का जलवा कायम


लखनऊ, 10 मार्च 2022 : उत्तर प्रदेश के चुनाव में पक्ष-विपक्ष के नेताओं की खूब चर्चा हुई, रैलियां भी खूब हुईं. लेकिन महफिल तो बुलडोजर ही लूट रहा था. चर्चा इतनी तेज हुई कि चुनावी सभाओं में बुलडोजरों की प्रदर्शनी लगने लगी. वैसे भी हमारे देश में बुलडोजर भीड़ जुटाऊ हथकंडा है. कहीं भी बुलडोजर चले, रुककर देखने वालों की कमी नहीं होती. लेकिन किसी को ये अनुमान नहीं था कि उत्तर प्रदेश चुनाव में बुलडोजर एक अहम किरदार बन जाएगा.

जैसे-जैसे चुनावी रैलियां वर्चुअल से फिजिकल हुईं. बुलडोजर भी रंग दिखाने लगा. सीएम योगी 'बुलडोजर बाबा' कहलाने लगे. उन्होंने भी इसपर ऐतराज नहीं जताया, और इसे 'सुशासन' की उपाधि मानकर भुनाने लगे. महराजगंज जिले के निचलौल में CM योगी की जनसभा में बुलडोजर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया. गेरुआ रंग के बुलडोजर पर भीड़ की निगाहें टिक गईं. जब योगी मंच पर पहुंचे तो उन्होंने भी बुलडोजर का जिक्र छेड़ दिया. कहने लगे, बुलडोजर हाइवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है. साथ ही माफियाओं से अवैध कब्जे को भी मुक्त कराता है. यही नहीं, सुल्तानपुर की एक रैली में तो बुलडोजरों को सजा-धजा कर खड़ा किया गया था. यहां भी CM योगी आने वाले थे. इस रैली में 'बाबा का बुलडोजर' नाम से बैनर भी लगाए गए. यानी इस तस्वीर से साफ हो गई थी कि CM योगी को 'बुलडोजर बाबा' कहलाने से कोई गुरेज नहीं है. फिर तो खुद CM योगी लगभग हर रैली में बुलडोजर का जिक्र किए बिना नहीं रह सके. इसकी तस्दीक उस समय हुई जब योगी का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह कहते दिखाई दे रहे थे कि देखिए मेरी सभा में बुलडोजर खडे़ हैं.

बीजेपी समर्थक कहते हैं कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने CM योगी को 'बुलडोजर बाबा' कहकर तंज कसा था. लेकिन योगी ने इसी को अपनी पहचान बना लिया. वहीं चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस समेत दूसरे दलों को भी बुलडोजर चुभने लगा था, रैलियों में पलटवार होने लगा कि जनता को बुलडोजर से डराने की कोशिश की जा रही है, और प्रदेश के मुखिया के मुंह से ऐसी बातें अच्छी लगती हैं. गौरतलब है कि योगी सरकार में कई माफियाओं के ठिकानों पर जमकर बुलडोजर चला. बीजेपी लगातार ये जताती रही कि अगली सरकार बनने पर भी बुलडोजर का चलना जारी रहेगा. योगी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में सूबे के लोगों में एक धारणा बनी है कि कानून का राज है. सीएम योगी से लेकर तमाम बड़े नेता बयान दे रहे हैं कि 10 मार्च के बाद फिर बुलडोजर चलेगा.

ऐसे में इस चुनाव में बुलडोजर की भी अग्निपरीक्षा थी. लेकिन अब बीजेपी की बुलडोजर नीति को जनता का साथ मिल गया है. क्योंकि यूपी में दोबारा CM योगी सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं, और उनके समर्थकों ने बुलडोजर राग छेड़ दिया है. एक समर्थक तो खिलौने वाले बुलडोजर माथे पर रखकर बीजेपी दफ्तर जश्न मनाने पहुंच गए. बीजेपी का कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनावों में कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा रहा. पहले की सरकारों में जनता, व्यापारी और अधिकारी गुंडागर्दी से त्रस्त थे. लेकिन योगी राज में माफियाओं और गुंडों की कमर तोड़ दी गई.

2017 में सत्ता पाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर नीति का ऐलान किया था. मुख्तार अंसारी से लेकर अतीक अहमद और विजय मिश्रा की संपत्तियों पर सरकार ने बुलडोजर चलाए, सरकारी जमीन पर किए कब्जों को ढहा दिया गया था.एक अनुमान के मुताबिक, बीते 5 सालों में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा, कुंटू सिंह जैसे तमाम माफियाओं की लगभग दो हजार करोड़ की अवैध संपत्ति पर कब्जे हटा दिए गए, बिल्डिंग गिरा दी गई.

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