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मुलायम-आजम के बाद कौन होगा मैनपुरी-रामपुर सीट का दावेदार, अखिलेश के सामने चुनौती


लखनऊ, 05 नवम्बर 2022 : सपा के संस्‍थापक संरक्षकऔर उत्‍तरप्रदेश के तीनबार के मुख्‍यमंत्री रहे धरतीपुत्रमुलायम सिंह यादवके निधन केबाद रिक्‍तहुई समाजवादी पार्टीकी सुरक्षित लोकसभा सीट मैनपुरीऔर आजम कीसदस्‍यता रदहोने के बादखाली हुई रामपुरविधानसभा सीट अबकिसकी झोली मेंगिरेगी।

मैनपुर और रामपुरसीट मानी जातीहै सपा कागढ़

चुनाव आयोग नेमैनपुरी लोकसभा सीट औरआजम खान कीसदस्‍यता रदकिए जाने केबाद खाली हुईरामपुर सीट परउपचुनाव की घोषणाकर दी है।लम्‍बे अर्सेसे दोनों सीटेंसपा के कब्‍जे मेंरहीं हैं। ऐसेमें अब सपाके दो कद्दावरनेताओं की छत्रछायासे खाली हुईइन दोनों सीटोंपर अखिलेश यादवकिसे प्रत्‍याशीबनाएंगे यह देखनाबेहद दिलचस्‍पहोगा।

अखिलेश के सामनेहोगी प्रत्‍याशीके चयन कोलेकर चुनौती

समाजवादी पार्टी केलिए पिछले नौलोकसभा चुनाव में अभेद्यदुर्ग रही मुलायमसिंह यादव कीमैनपुरी अब सपाअध्‍यक्ष अखिलेशयादव के लिएकिसी चुनौती सेकम नहीं है।उपचुनाव की घोषणाके बाद अख‍िलेश केसामने सबसे बड़ीचुनौती प्रत्याशी के चयनको लेकर होगी।

ये हैंमैनपुरी लोकसभा सीट सेसपा के संभावितउम्‍मीदवार

मैनपुरी लोकसभा सीटके लिए परिवारके ही चारदावेदार हैं। इनमेंमुलायम के भतीजेधर्मेंद्र यादव, पौत्र तेजप्रताप सिंह यादव, भाई शिवपाल सिंहयादव व बहूडिंपल यादव हैं।मुलायम के नरहने पर अखिलेशको पार्टी केसाथ ही परिवारको भी साधनाहै। ऐसे मेंअब इस सीटसे अखिलेश किसेप्रत्‍याशी बनातेहैं यह जल्‍द हीपता चल जाएगा।

रामपुर सीट सेअखिलेश किसे बनाएंगेप्रत्‍याशी

वहीं दूसरीओर समाजवादी पार्टीके वरिष्‍ठनेता आजम खांको भड़काऊ भाषणदेने के मामलेमें हुई तीनसाल की सजाके बाद उनकीविधानसभा सदस्‍यतारद होने केचलते रिक्‍तहुई रामपुर विधानसभासीट भी सपाका गढ़ मानीजाती है। उपचुनावकी घोषणा होतेही इस सीटसे अखिलेश किसेउम्‍मीदवार बनाएंगेइसकी चर्चा जोरोंपर है।

रामपुर सीट परहै कई सालोंसे आजम कादबदबा

रामपुर विधानसभा सीटपर सपा केसंस्थापक सदस्य और कद्दावरनेता मोहम्मद आजमखान का दबदबामाना जाता है।आजम खान रामपुरसे 9 बार विधायकचुने गए हैं। 2012 विधानसभा चुनाव में इससीट पर सपाके कद्दावर नेताआजम खान चुनावजीतकर विधायक बनेथे। उन्होंने कांग्रेसके डा . तनवीरअहमद को हरायाथा।

2017 में विधायकीऔर 2019 में जीतीथी लोक सभासीट

2017 में हुएविधानसभा चुनाव में एकबार फिर इससीट से सपानेता आजम खानचुनाव जीतकर विधायकबने। उन्होंने चुनावमें भाजपा केशिव बहादुर सक्सेनाको हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव मेंइस सीट सेविधायक रहे मोहम्मदआजम खान ने 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादीपार्टी के टिकटपर लड़कर संसदपहुंचे, जिससे यह सीटखाली हो गईऔर यहां उपचुनावकराया गया।

2022 में फिरविधायक बने आजमतो दिया थालोकसभा से इस्‍तीफा

2019 में हुएउपचुनाव में इससीट पर आजमखान की पत्नीडा. तंजीन फात्माविधायक बनीं। उन्होंने भाजपाप्रत्याशी भारत भूषणगुप्ता को हरायाथा।। डा. तंजीनफात्मा 2022 तक विधायकरहीं। मार्च 2022 मेंहुए विधानसभा चुनावमें उन्‍होंनेजेल से चुनावलड़ा और भाजपाप्रत्‍याशी आकाशसक्‍सेना कोहराकर विधायक बनगए। विधायक बननेके बाद उन्‍होंने लोकसभा सेइस्‍तीफा देदिया। उसके बादहुए लोकसभा उपचुनावमें भाजपा प्रत्‍याशी घनश्‍याम लोधीसांसद बने।

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