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नई MSME नीति में पूर्वांचल-बुंदेलखंड पर फोकस, छोटे उद्यमियों से खास उम्मीदें


लखनऊ, 19 नवम्बर 2022 : एक ट्रिलियन (एक लाख करोड़) डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य साधने में जुटी योगी सरकार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से खास उम्मीदें हैं। यही वजह है कि प्रदेश सरकार की नई एमएसएमई नीति में छोटे उद्यमियों को साथ लेकर प्रदेश को आगे बढ़ाने की कोशिशों की झलक स्पष्ट दिखती है।

25 प्रतिशत तक मिलेगी कैपिटल सब्सिडी, ब्याज का बोझ भी हल्का करेगी सरकार

योगी सरकार ने हाल ही में एमएसएमई के लिए नई प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत उद्यमियों को तमाम तरह की रियायतें मिलेंगी।

अपेक्षाकृत कुछ पिछड़े माने जाने वाले पूर्वांचल और बुंदेलखंड को नई नीति में खास महत्व दिया गया है।

एमएसएमई नीति में स्पष्ट किया गया है कि बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में चार करोड़ रुपये तक की सूक्ष्म इकाई लगाने वाले उद्यमियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। वहीं, लघु के लिए 20 प्रतिशत और मध्यम के लिए यह सीमा 15 प्रतिशत रहेगी।

मध्यांचल और पश्चिमांचल के लिए सूक्ष्म उद्योगों को 20 प्रतिशत, लघु के लिए 15 और मध्यम के लिए 10 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

यह कैपिटल सब्सिडी मशीनरी की खरीद पर होगी। इसके साथ-साथ एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिए दो प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी।

महिला उद्यमी को 100 प्रतिशत तक छूट का लाभ

ब्याज पर 50 प्रतिशत तक तो स्टांप ड्यूटी पर 100 प्रतिशत तक छूटनई पालिसी के तहत सूक्ष्म इकाई लगाने वाले उद्यमी को मशीनरी की खरीद ब्याज पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त होगी। यह पांच वर्षों तक देय होगी और इसकी सीमा 25 लाख रुपये होगी। एससी-एसटी या महिला को ब्याज पर 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। स्टांप ड्यूटी पर छूट में भी पूर्वांचल-बुंदेलखंड को प्राथमिकता मिलेगी। उन्हें जमीन की खरीद पर स्टांप ड्यूटी के 100 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। मध्यांचल और पश्चिमांचल के क्षेत्रों में 75 प्रतिशत तक तो पश्चिमांचल के गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद के लिए यह छूट 50 प्रतिशत तक रहेगी। वहीं, महिला उद्यमी को 100 प्रतिशत तक छूट का लाभ मिलेगा।

14 करोड़ रुपये तक की मिल सकती है सब्सिडी

एमएसएमई पार्क या फ्लैटेड फैक्ट्री लगाने पर मिलेगा लाभइंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के तहत कोई उद्यमी यदि एमएसएमई पार्क, औद्योगिक स्टेट या फ्लैटेड फैक्ट्री बनाना चाहता है तो उसके वार्षिक ब्याज पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा सकेगी। इसके तहत दो करोड़ प्रतिवर्ष तक दिया जा सकता है और वह भी सात वर्षों तक। यानी उसे कुल 14 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।

इंडस्ट्री को प्रदूषण से बचाने का प्रयास

सीईटीपी लगाने पर 10 करोड़ तक सब्सिडी कॉमन एंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगाने वाले उद्यमियों को 10 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिल सकेगी। इसके जरिए इंडस्ट्री को प्रदूषण से बचाने का प्रयास किया गया है। जो उद्यमी जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) यूनिट लगाएंगे उन्हें खर्च का 50 प्रतिशत या अधिकतम 75 लाख रुपए दिया जाएगा।

स्टाक मार्केट में लिस्ट हों ज्यादा से ज्यादा उद्यम

स्टाक मार्केट में लिस्टिंग का खर्च भी जाएगा उठाया वे उद्यमी जो बैंकों के बजाए नेशनल स्टाक एक्सजेंज या बांबे स्टाक एक्सचेंज के जरिए पैसा जुटाने की पहल करेंगे, उन्हें लिस्टिंग या रजिस्ट्रेशन में जो खर्च करना पड़ता है उसका 20 प्रतिशत या पांच लाख तक जो भी कम हो, वह खर्च राज्य सरकार उठाएगी। सरकार की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा उद्यम स्टाक मार्केट में लिस्ट हों, ताकि पारदर्शिता बढ़े।


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