लखनऊ, 11 मार्च 2023 : उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुरुवार को प्रदेश सरकार को निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को हिस्सेदारी देने के लिए अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। नगर विकास विभाग ने देर शाम आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट के बारे में विस्तृत जानकारी भी दे दी है। अब यह रिपोर्ट शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में रखी जाएगी।
ओबीसी आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम किया पूरा
इसी रिपोर्ट के आधार पर नगरीय निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में ओबीसी की हिस्सेदारी नए सिरे से तय की जाएगी।प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए पांच सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में हुआ था। आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम अब पूरा कर लिया है।
निकाय चुनाव में सर्वे के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर गठित हुआ था आयोग
हाईकोर्ट के आदेश पर गठित आयोग ने जिलों में जाकर ओबीसी के आंकड़ों का मिलान भी किया। कुछ जिलों में आंकड़ों के मिलान में गड़बड़ियां भी सामने आईं थीं। इसे स्थानीय स्तर पर ठीक भी कराया गया। आयोग ने गुरुवार को नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। देर शाम नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ जाकर उन्हें इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। अब शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट रखी जाएगी। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देते हुए यूपी में निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।
आरक्षण में हो सकता है बड़ा उलटफेर
सूत्रों के अनुसार ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर हो सकता है। नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगरीय निकायों में मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा। अभी तक अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक का दिया था समय
सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग का गठन कर सर्वे के लिए 31 मार्च तक का समय दिया था। आयोग ने यह काम समय से पहले ही पूरा कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार आयोग की रिपोर्ट इसी माह सुप्रीम कोर्ट में पेश कर चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण काम शुरू हो जाएगा। मार्च अंत तक सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी कर इसमें आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
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