लखनऊ, 4 सितंबर 2022 : उत्तर प्रदेश में सत्ता पक्ष के नेताओं को साथ ही विपक्षी दल के नेताओं की राजनीतिक लड़ाई में अब उनके बेटे भी कूद पड़े हैं। इनमें से कुछ ने अपना राजनीतिक भविष्य भले ही नहीं तय किया है, लेकिन पिता की परिपाटी को आगे बढ़ाने में लगे हैं। इनको पता है कि उनके लिए यह राह आसान नहीं है, लेकिन कठिन राह पर दौडऩे का संकल्प लेकर अपने अभियान में जुट भी गए हैं।
पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के प्रयास में लगे इन बेटों ने ऐसे समय में राजनीति में कदम रखा जब भाजपा का चरम आ गया है। लगातार दूसरी बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली भाजपा के निशाने पर इनके पिता हैं। उन्हें अपने पिता की लड़ाई के लिए मजबूर किया गया है और उनके पास वही लडऩे के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह सभी हाई-प्रोफाइल राजनीतिक परिवारों में पैदा होने के बाद भी ऐसे समय में राजनीति में उतरे हैं, जब कुर्सी पर कांटे लगे हैं।
विपक्षी दल के नेताओं में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य को हाल ही पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। सौम्य स्वाभाव के आदित्य यादव ने अभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है।
करीब ढाई वर्ष तक जेल में बंद रहे समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खां के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खां को एक बार फिर विधानसभा सदस्य बनने का मौका मिला है। इसमें उनका लक्ष्य बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम देने का है। वह रामपुर के स्वार टांडा से विधायक बने हैं।
बांदा जेल में बंद माफिया तथा दबंग पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने उनकी विरासत को संभालने के लिए कदम बढ़ाया है। अब्बास अंसारी उसी मऊ सदर से विधायक निर्वाचित हुए हैं, जहां से मुख्तार अंसारी चुनाव जीतते थे। एक शस्त्र लाइसेंस पर कई असलहे लेने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद से फरार अब्बास अंसारी की क्षेत्र में लोकप्रियता बढ़ी है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद प्रदेश में अपनी पार्टी का विस्तार करने का फैसला किया है। उनके इस काम में बेटे अरविंद राजभर को लगाया है। अरविंद राजभर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।
शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के 34 वर्षीय बेटे आदित्य यादव बेहद सौम्य तथा मिलनसार छवि के हैं। आदित्य यादव अन्तर्राष्ट्रीय कोआपरेटिव एलायन्स (आईसीए) के निदेशक हैं। यह चुनाव लगातार दो बार जीतने वाले वह देश के पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने तो अभी अपना पहला विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा है।
आदित्य यादव को हाल ही में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। अब उनके सामने उनके ताऊ के बड़े बेटे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ खड़ा होने की बड़ी चुनौती है। वह तो अखिलेश यादव के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलते हैं और ना ही समाजवादी पार्टी ने उन पर कोई कटाक्ष किया है। आदित्य यादव ने कहा कि मैं तो हमेशा सकारात्मक राजनीति में विश्वास करता हूं। अपनी बात साबित करने के लिए लंबी लाइन खींचता हूं। मुझे इसी दम पर आगे सफलता मिलने की संभावना भी है।
अब्दुल्ला ने पिता के साथ मिलाया कंधे से कंधा
रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा से सदस्य अब्दुल्ला आजम खां अपने पिता के कठिन समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले। उनको भी जेल में रहना पड़ा। आजम खां के साथ उनके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं और दो जन्मतिथि होने के कारण उनको पहली बार अपनी विधानसभा सदस्यता भी गंवनी पड़ी।
इन सबके बाद भी मृदुभाषी अब्दुल्ला अपने पिता के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे हैं और उन मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। वह तो उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भी नहीं बोले। पिता आजम खां भी अब्दुल्ला भी सपा नेतृत्व के साथ ही अपने भविष्य को लेकर अभी तक चुप्पी साधे हैं।
अब्बास अंसारी को लडऩी पड़ रही है लम्बी लड़ाई
मऊ सदर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के विधायक अब्बास अंसारी को अपने पिता के काले कारनामों के कारण लम्बी लड़ाई लडऩी पड़ेगी। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के 30 वर्षीय बेटे अब्बास पर भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिकंजा कसा है। विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत दर्ज करने वाले अब्बास अंसारी फिलहाल तो फरार हैं।
आर्म्स एक्ट के मामले में भगोड़ा घोषित अब्बास अंसारी ने तो राष्ट्रीय निशानेबाजी चैंपियनशिप पदक भी जीते हैं। पिता के कारनामों के कारण परेशान अब्बास अंसारी बेहद निडर है। वह सबसे बुरे के लिए भी तैयार है। माफिया मुख्तार अंसारी तो 2005 से जेल में बंद है। इस दौरान सरकार ने उसको तगड़ी आर्थिक चोट दी है। उसकी करोड़ों की संपत्ति को या तो जब्त कर लिया है या नष्ट कर दिया है।
एसबीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं अरविंद राजभर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अब सपा से संबंध ठीक नहीं है। ओम प्रकाश राजभर भी प्रदेश में पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं। ऐसे में उनके 34 वर्षीय बेटे अरविंद राजभर सामने आए हैं। अरविंद राजभर तो की पार्टी के महासचिव हैं। अरविंद राजनीति में संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
उनके पिता उम्मीद से ज्यादा तेजी से वफादारी बदलने के लिए जाने जाते हैं। अरविंद को पता है कि उनके लिए आगे की राह तब तक आसान नहीं है। उनके पिता अगले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन में शामिल होने के प्रयास में लगे हैं, जबकि अरविंद राजभर प्रदेश में पार्टी के विस्तार के काम में जुटे हैं।
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