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पौधारोपण के बाद बोले सीएम- अब यहां डकैत पैदा नहीं होंगे, पाठा में गुर्राएंगे टाइगर


चित्रकूट, 5 जुलाई 2022 : उत्तर प्रदेश को हरित क्रांति की ओर बढ़ाने के लिए 35 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में हरिशंकरी पौधों का रोपण किया। महर्षि वाल्मीकि के आश्रम सेहरिन के कोदण्ड वन में उन्होंने पौधा रोपण करने के साथ ही समाजसेवियों को पौधा दान करने रोपण के प्रति प्रेरित भी किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि हम चित्रकूट के लालापुर के महर्षि वाल्मीकि आश्रम में रोप-वे निर्माण के काम को हम आगे बढ़ा रहे हैं। तुलसीदास जी की जन्मभूमि राजापुर का भी हम पर्यटन विकास करेंगे। चित्रकूट के कर्वी में बाईपास को भी बढ़ाने का कार्य तेजी से करें। हम यहां टाइगर रिजर्व भी देने जा रहे हैं। अब यहां डकैत नही पैदा होंगे, यहां टाइगर गुर्राएगा। उन्होंने कहा कि मैं आज इस पौधारोपण महा अभियान के शुभारंभ पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। आज यहां कोदंड वन की स्थापना की जा रही है। जो वन यहां बनाया जा रहा है इसमें रामायण कालीन सभी वृक्षों को लगाने की व्यवस्था के साथ इसे जोड़ने की आवश्यक्ता है। लोगों की स्मृति भी इसके साथ जुड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया आज ग्लोबल वार्मिंग का नाम ले रही है। धरती का तापमान बढ़ने का कारण वनों का कम होना है। जहां पहले हरे-भरे वन हुआ करते थे आज वहां कंक्रीट के भवन खड़े हो रहे हैं। हमने अपनी जल संरक्षण की परंपरागत पद्धतियों को भी भुला दिया है।हमारे किसान प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत और घन जीवामृत के इस्तेमाल करें। इसके लिए सरकार विभागों के माध्यम से निश्शुल्क प्रशिक्षण और बीज उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही आज यहां पर 32 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और 81 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। चित्रकूट से शीघ्र ही वायुसेवा भी शुरू होने जा रही है। चित्रकूट डकैतों के चंगुल से मुक्त हो गया है और चित्रकूट का विकास हो रहा है। यहां पर 1200 से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में लाइब्रेरी बनाई जाएगी। यहां पानी का कभी भीषण संकट होता था आज पीएम मोदी जी ने घर घर नल योजना का शुभारंभ किया है। हम लोग जल्दी ही आरओ का पानी आपके घर मे पहुचाएंगे, लेकिन हमको जल संरक्षण भी करना होगा। हमको वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से गांव गांव में जल संरक्षण करना होगा। हर गांव में अमृत सरोवर बनना चाहिए।

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