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पाक पर निशाना और मौजूदा माहौल पर चिंता जताने के साथ भारत की अहमियत


नई दिल्ली, 16 सितंबर 2022 : भारत ने शंघाईसहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशोंके बीच आपसीसहयोग और विश्वासबढ़ाने पर जोरदिया है। उज्बेकिस्तानके ऐतिहासिक समरकंदशहर में शुक्रवारको आयोजित एससीओके शिखर सम्मेलनको संबोधित करतेहुए प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी ने मौजूदावैश्विक माहौल में इसकीसबसे ज्यादा जरूरतबताई। उन्होंने सदस्यदेशों के सामनेस्टार्ट अप वनवाचार, पारंपरिक चिकित्सा औरखाद्य सुरक्षा केक्षेत्र में मदददेने का प्रस्तावभी रखा।

पेश कीभारत की आर्थिकप्रगति की तस्वीर

रूस केराष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन औरचीन के राष्ट्रपतिशी चिनफ‍िंगजैसे नेताओं कीउपस्थिति में पीएममोदी ने जोरदारतरीके से भारतकी आर्थिक प्रगतिकी तस्वीर पेशकी। उन्होंने कहाकि भारत एकमैन्यूफैक्चरिंग हब बननेजा रहा हैऔर इस वर्ष 7.5 प्रतिशत की आर्थिकविकास दर हासिलकरेगा जो विश्वकी बड़ी अर्थव्यवस्थाओंमें सबसे ज्यादाहोगा। यूक्रेन युद्धऔर ताइवान विवादपर बंटी दुनियाके मौजूदा परिवेशका असर भीएससीओ सम्मेलन मेंदिखा।

रूस औरचीन के निशानेपर रहा अमेरिका

रूस औरचीन के राष्ट्रपतियोंने एससीओ कोमजबूत बनाने कापूरा दम दिखाया, लेकिन अमेरिका कीतरफ से मध्यएशिया को प्रभावितकरने वाले कदमोंको लेकर आगाहभी किया। पुतिनने अमेरिका परनिशाना साधते हुए कहा, 'हमारी नीति मेंस्वार्थ का कोईस्थान नहीं है।हम उम्मीद करतेहैं कि दूसरेदेश भी इसनीति का पालनकरेंगे व संरक्षणवाद, गैर कानूनी प्रतिबंधलगाने और आर्थिकस्वार्थ का प्रदर्शनकरने जैसा कामनहीं करेंगे।'

चिनफिंग ने कहीयह बात

चीन केराष्ट्रपति चिनफ‍िंगने कहा, 'एससीओदेशों को अपनीरणनीतिक स्वायत्ता बनाए रखनीचाहिए और किसीभी बाहरी ताकतोंको इस क्षेत्रमें प्रभावी होनेका मौका नहींदेना चाहिए। हमेंबाहरी ताकतों को 'रंग आधारित क्रांति' करने से रोकनाचाहिए।' उनका इशारामध्य एशिया वखाड़ी के कुछदेशों में सत्ताबदलाव की तरफथा।

पीएम कीपुतिन समेत कईनेताओं के साथबैठक

पीएम मोदीने शुक्रवार कोसुबह से दोपहरतक एससीओ केदो आधिकारिक कार्यक्रमोंमें हिस्सा लिया।उनकी राष्ट्रपति पुतिन, ईरान के राष्ट्रपतिडा. इब्राहिम रईसी, तुर्की के राष्ट्रपतिरिसेप तैयप एर्दोगेनऔर उज्बेकिस्तान केराष्ट्रपति शौकत मिरजियोएवके साथ द्विपक्षीयमुलाकात हुई।

चीन औरपाक को संदेश

पीएम मोदीकी पाकिस्तान केपीएम शाहबाज शरीफके साथ कोईमुलाकात की सूचनानहीं है। चिनफ‍िंग केसाथ भी कोईआधिकारिक मुलाकात नहीं हुई।हालांकि कार्यक्रम के दौरानदोनों नेता फोटोसेशन के दौरानएक साथ खड़ेजरूर दिखाई दिए।पिछले हफ्ते भारतऔर चीन केबीच मई 2020 सेचल रहे सैन्यविवाद को सुलझानेको लेकर एकबड़ी सहमति बनीथी और उसकेबाद यह चर्चाथी कि दोनोंनेताओं की द्विपक्षीयमुलाकात हो सकतीहै। वैसे मोदी-चिनफिंग के बीचआगामी जी-20 देशोंकी शिखर बैठकमें मुलाकात केअवसर बन सकतेहैं।

अगले सालभारत में एससीओकी बैठक

भारत कोवर्ष 2023 के लिएएससीओ का मुखियाभी बनाया गयाहै। नौ देशोंकी इस समितिकी अगले वर्षकई बैठकों काआयोजन भारत मेंहोगा। ऐसे मेंउम्मीद की जारही है किएससीओ सदस्य देशोंके शीर्ष नेताभारत की यात्राकरेंगे। इसमें पुतिन, चिन¨फग केसाथ ही पाकपीएम शरीफ भीशामिल हैं।

आर्थिक चुनौतियों केबीच एससीओ कीभूमिका अहम

पीएम मोदीने आर्थिक सुधारकी चुनौतियों सेजूझ रहे विश्वमें एससीओ कीभूमिका अहम बताया।उन्होंने कहा किमहामारी व यूक्रेनसंकट से वैश्विकसप्लाई चेन मेंकई बाधाएं उत्पन्नहुई हैं जिससेपूरा विश्व अभूतपूर्वऊर्जा व खाद्यसंकट का सामनाकर रहा है।

पाक परनिशाना

पीएम मोदीने कहा- एससीओको हमारे क्षेत्रमें विश्वस्त वविविध सप्लाई चेनविकसित करने परध्यान देना चाहिए।उन्होंने बेहतर कनेक्टिविटी कीजरूरत को बतातेहुए कहा कियह महत्वपूर्ण होगाकि सभी देशएक दूसरे कोआवागमन का अधिकारदें। प्रधानमंत्री नेसंभवत: पाकिस्तान की तरफइशारा करते हुएयह बात कहीजो अफगानिस्तान कोजमीनी रास्ते सेमदद पहुंचाने केभारत के प्रस्तावके खिलाफ है।

पीएम नेभारत की तरफसे एससीओ देशोंको तीन तरहसे मदद देनेका प्रस्ताव रखा।एक तो स्टार्टअप और इनोवेशनपर विशेष कार्यसमूह की स्थापनाकरके। दूसरा पारंपरिकचिकित्सा पर एससीओके बीच एककार्य समूह कागठन करके। तीसरा, मोटे अनाज कीखेती व उपभोगको प्रचारित करनेके लिए मिलेटफूड का आयोजनकरके। उन्होंने खाद्यसुरक्षा को मौजूदाविश्व की एकबड़ी चुनौती केतौर पर चिन्हितकिया और मोटेअनाज का उत्पादनबढ़ाने को इसकाएक संभावित समाधानबताया।

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