नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2022 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के सूरत में ग्लोबल पाटीदार बिजनेस समिट (जीपीबीएस) का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का आयोजन सरदारधाम द्वारा आयोजित किया जा रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के पास इतना कुछ है। हमें बस अपने आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के अपने जज्बे को मज़बूत करना है। ये आत्मविश्वास तभी आएगा जब विकास में सबकी भागीदारी होगा, सबका प्रयास लगेगा।
उन्होंने आगे कहा कि देश को जब आजादी मिली थी तब सरदार साहब ने जो कहा था कि भारत में संपदा की कोई कमी नहीं है। हमें बस अपने दिमाग और संसाधनों को इनके सदुपयोग के लिए लगाना होगा। आजादी के मुकाबले में आने वाले 25 वर्षों के लिए जब हम संकल्प के लिए निकले हैं तो हमें सरदार साहब के इन शब्दों को कभी भूलना नहीं चाहिए।
मोदी ने कहा, 'अपनी नीतियों, अपने एक्शन के माध्यम से सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि देश में ऐसा माहौल बने कि सामान्य से सामान्य परिवार का युवा भी उद्यमी बने, उसके लिए के सपने देखे, उद्यमिता पर गर्व करे। आधुनिक कनेक्विटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, नए शहरों के निर्माण, पुराने शहरों में स्मार्ट सुविधाएं विकसित करने, पुराने नियमों-कायदों से देश को मुक्त करने और इनोवेशन व आइडिया की हैंड-हॉल्डिंग, ऐसे सभी कामों पर एकसाथ काम किया जा रहा है।'
मुद्रा योजना आज देश के उन लोगों को अपना बिजनेस करने का हौसला दे रही है जो कभी इसके बारे में सोचते भी नहीं थे। स्टार्ट-अप इंडिया से वो इनोवेशन, वो टैलेंट में भी आज यूनिकार्न के सपने साकार होते देख रहा है जिसको कभी रास्ता नहीं दिखता था। Production Linked incentive यानि PLI योजना ने पुराने सेक्टरों में तो मेक इन इंडिया का उत्साह तो भरा ही है, सेमीकंडक्टर जैसे नए सेक्टर्स के विकास की संभावनाएं भी बनी हैं।
तेजी से विकास कर रहा है MSME सेक्टर
पीएम ने कहा कि कोरोना काल की अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद देश में MSME सेक्टर आज तेजी से विकास कर रहा है। लाखों करोड़ रुपये की मदद देकर MSME से जुड़े करोड़ों रोजगार बचाए गए और आज ये सेक्टर नए रोजगार का आज तेजी से निर्माण कर रहा है। छोटे से बड़े हर व्यवसाय, हर कारोबार का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। सबका प्रयास की यही भावना तो अमृतकाल में देश की ताकत बन रही है। मुझे खुशी है कि इस बार के समिट में आप इस विषय पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि रेहड़ी-पटरी पर छोटा सा व्यापार करने वाला देशवासी आज भारत की ग्रोथ स्टोरी से अपने आप को जुड़ा महसूस करता है। पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को भी पीएम स्वनिधि योजना से फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम में भागीदारी मिली है। हाल ही में हमारी सरकार ने इस योजना को दिसंबर 2024 के लिए बढ़ा दिया है।
तीन दिन तक चलेगा कार्यक्रम
तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 29 अप्रैल से 1 मई तक होगा। सरदारधाम पाटीदार समुदाय के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए 'मिशन 2026' के तहत जीपीबीएस का आयोजन कर रहा है। यह शिखर सम्मेलन हर दो साल में आयोजित किया जाता है। पहले दो शिखर सम्मेलन 2018 और 2020 में गांधीनगर में आयोजित किए गए थे और वर्तमान शिखर सम्मेलन अब सूरत में आयोजित हो रहा है।
क्या है जीपीबीएस 2022 का मुख्य विषय?
जीपीबीएस 2022 का मुख्य विषय 'आत्मनिर्भर समुदाय से आत्मनिर्भर गुजरात और भारत' रखा गया है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य समुदाय के भीतर छोटे, मध्यम और बड़े उद्यमों को एक साथ लाना है। साथ ही नए उद्यमियों का पोषण और समर्थन करना और शिक्षित युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार सहायता प्रदान करना है। तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में सरकारी औद्योगिक नीति, एमएसएमई, स्टार्ट-अप, नवाचार, के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
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