भारत बदल रहा है। ये बदलाव दिख रहा है। विकास यात्रा का यह क्रम अगर दिल्ली से शुरु हुआ है तो भारत के ग्रामीण अंचलों तक इसकी धमक सुनाई और दिखाई दे रही है।
दिल्ली में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर यानी संसद के नए भवन का निर्माण हुआ तो गांवों में पंचायतों का स्वरुप बदल रहा है। गांव के पंचायत भवन अब सिर्फ भवन ना होकर मिनी सचिवालय के रुप में काम कर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ आने वाले लोग अक्सर शहर घूमने के साथ साथ विधानसभा भवन भी देखने जाते हैं परंतु अब उन्हें लखनऊ के गोसाईंगंज ब्लॉक के गांव बक्कास का नजारा भी देखना चाहिए। लखनऊ-सुल्तानपुर हाइवे पर किसान पथ से सटा हुआ गांव है बक्कास। करीब आठ हजार की आबादी वाला यह गांव बदलते भारत में स्मार्ट विलेज की अवधारणा की बुनियाद बना है।
गांव में प्रवेश करते ही पंचायत भवन आपको बरबस ही अपनी ओर खींचेगा। बेहद खूबसूरत पेंटिंग्स के साथ भवन की बाहरी दीवारें देख आपके कदम ठिठक कर रुक जाएंगें। पंचायत भवन के बाहर ही बेंच लगी है जहां बैठ कर आप सुकून से इसे निहार सकते हैं। भवन में प्रवेश करते ही सलीके से सजे छोटे बड़े गमले और उनमें खिले फूल आपकी सारी थकान मिटा देंगें। ग्राम पंचायत बक्कास का भवन दरअसल मिनी सचिवालय बन चुका है। पंचायत भवन का सभाकक्ष किसी पांच सितारा होटल के कांफ्रेंस हॉल से कम नहीं है। शानदार इंटीरियर के साथ करीने से लगे पर्दे, सुंदर दीवारों पर ग्राम पंचायत बक्कास के बारे में विस्तृत जानकारी देता बोर्ड, पंचायत पदाधिकारियों के नाम-नंबर के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के नाम और नंबर गांव वालों को हर समस्या का समाधान फोन पर ही कराने का भरोसा देते हैं।
सभाकक्ष के दांए और बाएं हिस्से में ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, पंचायत सहायक और स्टोर रुम के साथ – साथ दो विशेष कक्ष आपका ध्यान अपनी तरफ खींचेंगें। एक है मॉनिटरिंग कक्ष और दूसरा है ज्ञान केंद्र। ग्राम बक्कास में जगह जगह सीसीटीवी लगाए गए हैं जिसकी मानिटरिंग पंचायत भवन में होती है। गांव की सुरक्षा के लिहाज से यह बहुत कारगर सिद्ध हो रहा है। इस कक्ष में एक माइक और आडियो सिस्टम के साथ साथ भवन की छत पर लाउडस्पीकर लगा है जिसका विस्तार गांव के भीतर तक है। ग्राम पंचायत के अन्तर्गत होने वाले किसी भी प्रकार के विशेष आयोजन, शिविर इत्यादि के साथ अन्य जानकारियां इसी लाउडस्पीकर के जरिए गांव के लोगों तक तत्काल पहुंचाई जाती है। आपात स्थिति में भी यह काफी कारगर है।
पंचायत भवन के प्रथम तल पर जनसुविधा केंद्र बना है जहां ग्रामीणों की सभी आवश्कताओं और कार्यों का समाधान किया जाता है। सौरऊर्जा से आच्छादित पंचायत भवन नई पीढ़ी के लिए ज्ञानकेंद्र भी है। ज्ञान कक्ष में विभिन्न प्रकार की पुस्तकें एकत्रित की जा रही हैं। पंचायत की अपनी लाइब्रेरी बनने से गांव के छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण और मंहगी पुस्तकें निशुल्क ही प्राप्त हो सकती हैं।
पंचायत भवन की भव्यता बक्कास गांव की गरिमा और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। लेकिन, स्मार्ट विलेज के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाना भी एक कुशलता भरा काम है। इस काम का बीड़ा ग्राम पंचायत बक्कास के सचिव विनोद कुमार गौड़ ने करीब आठ महीने पहले उठाया जब उन्हें ग्राम सभा बक्कास और टिकरिया की जिम्मेदारी सौंपी गई। ग्राम प्रधान बक्कास राजेश कुमार के साथ बेहतर सामन्जस्य बनाकर पूरे गांव का कायाकल्प कर दिया गया।
कायाकल्प योजना यूं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष रुप से गांव में स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए लागू की थी लेकिन सचिव विनोद कुमार की सूझबूझ से ग्राम समाज का ही कायाकल्प हो गया।
गांव में स्वच्छता रखने के लिए दो कूड़ा गाड़ियां सुबह घर-घर पहुंचती है। सूखे और गीले कचरे के निस्तारण के लिए भी गांव के भीतर ही व्यवस्था की गई है। जगह जगह डस्टबिन के साथ साथ स्थाई रुप से पक्के कूड़ादान बनाए गए हैं ताकि गांव वाले इधर उधर कूड़ा ना फेंकें। रद्दी, प्लास्टिक, शीशा, लोहा आदि के लिए अलग अलग भंडारण की व्यवस्था की गई है।
गांव में जगह जगह गोबर ना पड़ा रहे इसके लिए एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाया गया है। जहां नियमित अंतराल पर ग्रामीण गोबर डाल जाते हैं। गांव का महिला समूह यहीं पर बर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करता है। तैयार खाद का तीस फीसदी पशुपालक या किसान निशुल्क प्राप्त करता है जबकि शेष खाद बाजार में बेच दी जाती है। जिससे यहां काम करने वालों को भी अच्छी आमदनी होती है।
गांव के करीब सौ बच्चे प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। बच्चों की यूनीफार्म देख कर अंदाजा हो जाता है कि सरकार जो पैसा खाते में डाल रही है उसका उपयोग उसी काम के लिए किया जा रहा है। बक्कास गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भी सजग है।
बक्कास में रहने वाली सुरैया आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते नहीं थकतीं। वजह है उनकी झोपड़ी की जगह आज पक्का मकान खड़ा है। पीएम आवास योजना के तहत उन्हें एक लाख बीस हजार रुपए की रकम मिली जिससे उनके परिवार पर पक्की छत आ गई। शौचालय के लिए धन अलग से मिला।
गांव में राहगीरों के लिए सार्वजनिक शौचालय की भी व्यवस्था की गई है ताकि गांव साफ-सुथरा बना रहे।
जल जीवन मिशन के तहत गांव में पाइपलाइन डालने का काम भी प्रगति पर है। गांव के तालाबों में स्वच्छ पानी जाए इसके लिए तालाब में गिरने से पहले वाटर ट्रीटमेंट किया जाता है। तीन चेंबर बना कर पहले गंदा पानी फिल्टर कर साफ किया जाता है और फिर उसे तालाब तक पहुंचाया जाता है।
विगत आठ माह में ग्राम सचिव विनोद कुमार गौड़ और प्रधान के प्रयासों से बक्कास देश प्रदेश के लिए मिसाल बन रहा है। हालही में पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार की ओर से भोपाल में ग्राम पंचायत स्पेशल डेवलेपमेंट प्लान पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश से ग्राम बक्कास के प्रधान और सचिव ने भागीदारी की।
गांव का जर्जर पड़ा सामुदायिक केंद्र आज गांव के उत्सव आयोजन का प्रमुख केंद्र बन चुका है। सिर्फ एक हजार रुपए देकर भव्य सामुदायिक केंद्र का उपयोग कोई भी ग्रामीण कर सकता है। इसी रकम से कार्यक्रम के बाद साफ-सफाई का खर्च भी निकाल लिया जाता है।
गोसाईंगंज ब्लॉक डेवलेपमेंट ऑफिसर प्रियंका, बक्कास के विकास की मिसाल देते हुए कहती हैं कि यहां से शुरुआत हुई है, आने वाले दिनों में गोसाईंगंज ब्लॉक की बाकी पचहत्तर पंचायतें भी देश-प्रदेश के लिए प्रगति की प्रेरणा बन जाएगीं।
एक नजर में बक्कास की योजनागत विकासयात्रा
ग्राम पंचायत का नाम – बक्कास
विकास खंड – गोसाईंगंज
ग्राम प्रधान का नाम – राजेश कुमार
सचिव का नाम – विनोद कुमार गौड़
पंचायत सहायक – अंचल राज पंचायत द्वारा गांव में विकास संबंधी कराए गए कार्यों का निम्नवत विवरण -
कायाकल्प योजना के अन्तर्गत कराए गए कार्यों का विवरण
- प्राथमिक विद्यालय शेखनापुर मरम्मत कार्य,
- बारात घर (डाक्टर अंबेडकर सामुदायिक मिलन केंद्र) सौन्दर्यीकरण,
- पंचायत भवन सौन्दर्यीकरण
राज्य वित्त योजना पन्द्रहवां वित्त के अन्तर्गत कराए गए कार्यों का विवरण
- इंटरलाकिंग एवं नाली निर्माण (रामपाल के घर से नौमीलाला के घर तक)
- नाली निर्माण (नटकी देवी से तालाब तक)
- इंटरलाकिंग (लाल बहादुर के घर से गंगादीन के घर तक)
- नाली निर्माण (श्रीराम के घर से सतीश के घर तक)
- सड़क निर्माण (सतीश के घर से बाहर तक)
- डामर रोड (भुवन के घर तक )
- नाली मरम्मत (बिंदा के घर से परीदिन के घर तक)
- नाली निर्माण (रामचन्दर के घर से रामतिलक के घर तक)
- नाली निर्माण (हंसराज के घर से सहजराम के घर तक)
- नाली निर्माण (रामरतन के घर से कन्धई के घर तक)
स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत गांव में कराए गए कार्यों का विवरण
- आर आर सी सेंटर का निर्माण
- फिल्टर चैंबर का निर्माण
- सिल्ट कैचर निर्माण
- प्लास्टिक बैंक
- सामुदायिक शौचालय
- घर घर कूड़ा संग्रह
प्रधानमंत्री आवास योजना लाभार्थी
- वर्ष 2022-23 – तीन
- वर्ष 2023-24 - दो
मनरेगा के अन्तर्गत कराए गए कार्यों का विवरण
- नाला खुदाई (राधेलाल के खेत से नदी तक)
- नाला खुदाई (रामस्वरुप विश्वकर्मा के घर से सामुदायिक शौचालय तक)
- नाला खुदाई (सामुदायिक शौचालय से मोहन के घर तक)
- वृक्षारोपण कार्य (नदी के किनारे)
टीम स्टेट टुडे
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