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यूपी का “जेवर” जिसे अब दुनिया निहार रही है



उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा को अब अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिल गई है। यहां रहने वाले लोग इस बात पर इतरा सकते हैं कि उनके शहर में एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया कका चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट तैयार होने जा रहा है।


जेवर एयरपोर्ट उत्‍तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का काम करेगा। खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां का हर जिला परंपरागत उद्योगों से अपनी खास पहचान रखता है।


यूं भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश शेष प्रदेश की अपेक्षा ज्यादा धनी है अब यहां चल रहे कारोबार व्यापार और कंपनियों को नए पंख मिल गए हैं।



जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे तेवर में दिखे। पीएम ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने हमेशा अपने स्वार्थ को सर्वोपरि रखा है। इन लोगों की सोच अपना स्वार्थ, सिर्फ अपना खुद का और परिवार के विकास पर ही ध्‍यान दिया है जबकि हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं। बुनियादी ढांचे का विकास हमारे लिए राजनीति का नहीं वरन राष्ट्रनीति का हिस्सा है।


प्रधानमंत्री ने अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो सरकार पहले थी उसने तो बकायदा चिठ्ठी लिखकर तब की केंद्र सरकार को कह दिया था कि इस परियोजना को बंद कर दिया जाए लेकिन आज डबल इंजन सरकार की ताकत से हम उसी एयरपोर्ट के शिलान्यास के साक्षी बन रहे हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दो दशक पहले यूपी की भाजपा सरकार ने जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का सपना देखा था। उसके बाद ये एयरपोर्ट अनेक वर्षों तक दिल्ली और लखनऊ में जो सरकारें रहीं उनकी खींचतान में उलझा रहा।


पीएम ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरु हुआ है जिसका वह हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार की कोशिशों से आज यूपी देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में बदल रहा है। अब तो दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे भी तैयार होने वाला है।



आपको बताते हैं जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की खास बातें


  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में स्थित है, जो दिल्ली से लगभग 80 किमी दूर है।

  • एयरपोर्ट के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है।

  • जेवर एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर से अधिक भूमि में फैला हुआ है और इसका पहला चरण 2024 तक पूरा हो जाएगा।

  • इसकी क्षमता एक वर्ष में लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी।

  • चार चरणों में पूरा एयरपोर्ट जब एक्टिव होगा तो यात्री क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी।

  • इस हवाईअड्डे के विकास का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को दिया गया है।

  • इसके अलावा एयरपोर्ट में मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग सेवा भी होगी।

  • हवाई अड्डे का डिजाइन बनाने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिचालन खर्च कम हो तथा यात्रियों का आवागमन निर्बाध और तेजी से हो सके।

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा।

  • एयरपोर्ट के एक हिस्से को परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।



  • जेवर एयरपोर्ट का विकास यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाइआइएपीएल) करेगी जिसमें ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन के लिए गठित कंपनी एनआइएएल की वाइआइएपीएल में एक प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

  • इस एयरपोर्ट के बनने के साथ ही यूपी भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा, जिसके पास पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे।

  • यूपी में अब कुशीनगर और अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम चल रहा है।

  • तमिलनाडु और केरल ही देश के ऐसे राज्य हैं, जहां 4-4 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं।

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी माडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी।

  • एयरपोर्ट को मेट्रो सेवा के जरिये भी जोड़ा जायेगा।

  • इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे को भी एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा।

  • जेवर एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके बाद दिल्ली और एयरपोर्ट के बीच का सफर सिर्फ 21 मिनट का हो जायेगा।

टीम स्टेट टुडे



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