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बम बनाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग, प्रमुख हस्तियां व हिंदूवादी संगठनों के नेता निशाने पर


लखनऊ, 16 नवंबर 2023 : उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में हमले का षड्यंत्र रच रहे इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों को बम बनाने का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा था। इसके लिए अब्दुल्ला अर्सलान, नावेद सिद्दीकी व माज बिन तारिक को तैयार किया जा रहा था। आईएस के हैंडलर व आतंकी शहनवाज इन्हें बम बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहा था। शहनवाज के इशारे पर अब्दुल्ला ने अलीगढ़ में बम बनाने के कुछ उपकरण भी जुटाए थे।

वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने का प्रयास

सूत्रों का कहना है कि अब्दुल्ला के ठिकाने से बरामद इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में बम बनाने के फॉर्मूलों से लेकर अन्य जानकारियों को सुरक्षित किया गया था। एटीएस एफएसएल की मदद से आरोपियों के खिलाफ इससे जुड़े वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है। एटीएस के सामने अब उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाने की भी चुनौती है, जो आइएस के आतंकियों के निशाने पर थे।

अयोध्या व अन्य धार्मिक स्थलों पर भी गड़बड़ी

अब्दुल्ला व माज बिन से पूछताछ में गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के उनके निशाने पर होने की बात सामने आई थी। आशंका यह भी है कि आइएस आतंकियों का यह मॉड्यूल अयोध्या व अन्य धार्मिक स्थलों पर भी गड़बड़ी करने की साजिश रच रहा था। इसे लेकर मास्टर माइंड वजीहुद्दीन से पूछताछ की जाएगी।

आज वजीहुद्दीन को पुलिस रिमांड पर लेने का प्रयास

कौन-कौन प्रमुख हस्तियां व हिंदूवादी संगठनों के नेता इनके निशाने पर थे, इसे लेकर भी जांच तेज की गई है। एटीएस गुरुवार को वजीहुद्दीन को पुलिस रिमांड पर लेने का प्रयास करेगी, जिससे उससे नए सिरे से पूछताछ की जा सके। इसके साथ ही अलीगढ़ से पकड़े गए राकिब इमाम अंसारी, संभल से पकड़े गए नावेद सिद्दीकी, मोहम्मद नोमान व मोहम्मद नाजिम को भी पुलिस रिमांड पर लेने की लिए अर्जी दाखिल की जाएगी।

वजीहुद्दीन का लीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से संबंध

माज बिन तारिक की निशानदेही पर अलीगढ़ से पिस्टल व कारतूस बरामद किए जाने के साथ उसके कुछ करीबियों की भी तलाश शुरू की गई है। यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इनके अन्य किन साथियों ने हथियार खरीदे हैं और इन्हें कहां से फंडिंग हो रही थी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी कर चुके वजीहुद्दीन का एएमयू के छात्र संगठन एसएएमयू (स्टूडेंट्स आफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) से गहरा नाता भी सामने आया था। अलीगढ़ में प्रोफेसर के नाम से पहचाने जाने वाले वजीहुद्दीन से उसके संपर्क में रहे अन्य युवकों के बारे में भी पूछताछ होगी।

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