अमेठी में फिर बन रही राहुल-स्मृति की सीधी लड़ाई की पृष्ठभूमि
- chandrapratapsingh
- Dec 29, 2022
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अमेठी, 29 दिसंबर 2022 : लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रही व गांधी-नेहरू परिवार के लोगों को राजनीतिक रास्ता देने वाली अमेठी की राजनीति में एक बार फिर भूचाल मचा हुआ है। भाजपा के साथ कांग्रेस के योद्धा भी मैदान में हैं। दोनों ओर से बयानबाजी के तीर चलाए जा रहे हैं। इस सबके बीच अमेठी में एक बार फिर राहुल-स्मृति के बीच सीधी लड़ाई की पृष्ठभूमि बनती दिख रही है।
आम चुनाव 2014 से राहुल व स्मृति के बीच अमेठी सीधा व दिलचस्प राजनीतिक मुकाबला हो रहा है। 2024 भले ही अभी दूर हो पर अमेठी दोनों ही दल अभी से मैदान में हैं। केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी अमेठी की दीदी तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भइया बन जोड़े हैं अमेठी से भावनात्मक रिश्ता। विकास के साथ अमेठी की राजनीति में भावनात्मक रिश्तों को बहुत महत्व है। इसे बाखूबी दोनों ही दल के नेता समझते हैं और उसी के अनुरूप अमेठी में अपनी-अपनी राजनीति को विस्तार व मजबूती देने के लिए पूरा ताना-बाना बुनतें हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती देने के बाद केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी रविवार को अटल जयंती पर अमेठी पहुंची थी। साढ़े चार घंटे में ही स्मृति ने अमेठी की हर एक नब्ज को करीब से समझने की कोशिश की और नए पुराने रिश्तों को भावना के डोर में जोड़कर एक नई ताकत बनाने की कोशिश भी की।
स्मृति ने कांग्रेस नेता के लटके-झटके वाले विवादित बयान के बाद राहुल को अमेठी से 2024 में चुनाव लड़ने का खुली चुनौती दी है। तब से अमठी में राहुल व स्मृति के बीच एक और राजनीतिक मुकाबले की चर्चा ही नहीं तैयारियां भी तेज हो गई हैं। भाजपा के साथ कांग्रेस भी गांव-गांव अपने संगठन को मजबूत बनाने की मुहिम में जुट गई है।
अमेठी स्मृति दीदी के साथ: दुर्गेश
भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि दीदी स्मृति के समय अमेठी में विकास की रफ्तार तेज हुई। दीदी अमेठी के विकास के साथ ही अपनों की जरूरतों को पूरा कर रही है। अब अमेठी स्मृति दीदी के साथ है। दीदी 2024 में रिकार्ड मतों से जीतेंगी।
राहुल भइया ने अमेठी छोड़ा ही नहीं: प्रदीप
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा कि राहुल भइया ने अमेठी कभी छोड़ा ही नहीं तो आने का सवाल ही गलत है। अमेठी राहुल-प्रियंका का परिवार है। यहां से उनके पुराने पारिवारिक रिश्ते हैं। जो आगे भी रहेंगे। कांग्रेस 2024 की तैयारी में जुटी है। आगे अमेठी हमारी ही रहेगी।
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