कानपुर, 23 अगस्त 2022 : यूपी के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान सोमवार की सुबह विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट में अपील के लिए पहुंचे। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 25-25 हजार रुपये की दो जमानत स्वीकृत की हैं। जमानत प्रपत्र एसीएमएम तीन में दाखिल होंगे और अब अगली सुनवाई की तारीख का इंतजार है।
सोमवार को कोर्ट में बचाव पक्ष ने अपील और जमानत पर बात रखी थी, जिस पर अभियोजन ने अभियुक्त की बिना उपस्थिति जमानत पर विचार न करने की अपील की गई थी, जिसपर न्यायालय ने बहस के लिए मंगलवार की तारीख तय की थी। मंगलवार को मंत्री राकेश सचान अपने वकीलों के साथ कोर्ट पहुंचे।
क्या है मामला
नौबस्ता में 31 साल पुराने दूसरे की लाइसेंसी रायफल रखने के मामले में पुलिस ने मंत्री राकेश सचान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में आठ अगस्त को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आलोक यादव ने मंत्री को दोषी करार देते हुए एक वर्ष कैद और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी। कोर्ट ने मंत्री को अपील के लिए पंद्रह दिन की जमानत भी मंजूर की थी।
सोमवार को हाजिर हुए थे वकील
विशेष न्यायालय एमपीएमएलए कोर्ट में मंत्री राकेश सचान की अपील पर सोमवार को एमपीएमएलए कोर्ट में बहस शुरू हुई थी। बचाव पक्ष की ओर से बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे, रामेंद्र सिंह कटियार और कपिल दीप सचान के प्रार्थना पत्र में दिए गए बिंदुओं के आधार पर अपील स्वीकृत करने की बात कही थी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीआरपीसी की धारा 389 का हवाला देते हुए कहा कि अपील का निर्णय होने तक निचली कोर्ट से दी गई सजा और जुर्माने को निलंबित रखा जाए। साथी ही पूर्व बंधपत्रों (सिक्योरिटी) पर जमानत स्वीकृत किए जाने की बात कही थी।
अभियोजन पक्ष ने रखी थी ये दलील
अभियोजन की ओर से भी डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी और एडीजीसी भाष्कर मिश्रा ने पहले तो समय मांगा। इसके बाद उन्होंने अपील की नकल (प्रतियां) मांगी। अदालत के आदेश पर अभियोजन को नकलें प्रदान की गईं। अभियोजन की ओर से मंत्री की जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि जब तक वह उपस्थित न हों जमानत पर विचार न किया जाए। इसके बाद बचाव पक्ष की ओर से प्रार्थना पत्र देते हुए मंगलवार तक का समय मांगा गया। मंगलवार को कोर्ट में बहस के दौरान मंत्री राकेश सचान भी पहुंच गए हैं।
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