बदायूं, 10 अप्रैल 2023 : चूहे की हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशाीट दाखिल कर दी है। बता दें कि चार महीने पहले चूहे की हत्या के मामले में पुलिस ने 30 पन्ने की चार्जशीट तैयार की है। पुलिस ने इस मामले में अरोपित मनोज को दोषी मानते हुए उस पर पशु क्रूरता अधिनियम और धारा 429 लगाई है।
पुलिस ने की 30 पेज की चार्जशीट तैयार
करीब साढ़े चार माह बाद बदायूं का चूहा एक बार फिर चर्चा में है। वजह उसकी हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी में आरोपित के खिलाफ 30 पेज की चार्जशीट को विवेचक की ओर से कोर्ट में दाखिल किया जाना है। संभवत: यह देश के आपराधिक इतिहास का यह पहला मामला है जब किसी चूहे की हत्या के मामले में प्राथमिकी हुई और चार्जशीट दाखिल की गई। अब इस मामले के दोनों पक्ष को ट्रायल शुरू होने का इंतजार है, जिससे पता चले कि आरोपित को मामले में कितनी सजा मिलेगी।
आरोपित मनोज कुमार ने खुद ही कोर्ट में पेश होकर इस मामले में अग्रिम जमानत भी ले ली थी। इस मामले में नया अध्याय तब लिखा जाना शुरू हुआ जब विवेचक ने इसकी विवेचना शुरू की। विवेचक राजेश यादव ने एक एक कड़ी को जोड़ा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर प्रसारित हुए वीडियो तक को साक्ष्य बनाया।
इसके बाद 30 पन्ने की चार्जशीट तैयार की, जिसमें पूरा घटनाक्रम और उसके साक्ष्यों का उल्लेख किया गया। इसके बाद कुछ दिन पहले ही इस मामले की चार्जशीट को कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। इसमें विवेचक ने मनोज कुमार को धारा-11 (1) (एल) पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम और धारा 429 (पशु की हत्या या अपाहिज करने) के तहत दोषी बताया है। अब कोर्ट में इसका ट्रायल होना है। जिसमें तय होगा कि मनोज को क्या सजा मिलेगी।
पांच साल तक की हो सकती है सजा
पशु क्रूरता निवारण अधिनिम के मामले में दस रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की सजा का प्राविधान है। इसके अलावा धारा 429 के तहत पांच साल तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्राविधान है। जानकार बताते हैं कि पशु क्रूरता अधिनियम के अधिकतर मामलों में तो जुर्माना ही लगाया जाता है। लेकिन चूहे की हत्या जैसा मामला पहली बार सामने आया है। इसमें मजिस्ट्रेट के विवेक पर निर्भर है कि वह इसमें सजा या कितना जुर्माना लगाते हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला 25 नवंबर 2022 का है। इस दिन दोपहर में पशु प्रेमी और पीएफए संस्था के अध्यक्ष विकेंद्र शर्मा कहीं जा रहे थे। उसी दौरान उन्होंने देखा कि पनवड़िया पुलिया के पास एक व्यक्ति चूहे की पूंछ को पत्थर में बांधकर पानी में डूबो रहा है। इस पर उन्होंने वहीं रुककर आपत्ति भी जताई और चूहे को होने वाले दर्द व तकलीफ का हवाला भी दिया। जिस पर मनोज भड़क गया और चूहों को लेकर अपनी समस्या बताने लगा।
इसके बाद उसने पत्थर बंधे चूहे को नाले में फेंक दिया। जिसे बाद में विकेंद्र शर्मा ने निकाला और वीडियो बनाकर प्रसारित किया और शहर कोतवाली पहुंच कर मनोज की शिकायत की। पुलिस मनोज को कोतवाली लाई थी और शांतिभंग में चालान करते हुए चूहे को पोस्टमार्टम के लिए आइवीआरआइ बरेली भेज दिया था। जिसे खुद विकेंद्र शर्मा अपने साथ ले गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद 28 नवंबर को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जबकि पांच दिन बाद मनोज ने खुद कोर्ट में हाजिर होकर इस मामले में अग्रिम जमानत ले ली थी।
सीओ सिटी आलोक मिश्र ने बताया कि चूहे के मामले की विवेचना पूरी होने के बाद विवेचक ने सभी साक्ष्य एकत्र कर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दी है। इसमें आरोपित को पशु क्रूरता अधिनियम व धारा 429 को दोषी बनाया गया है। अब आगे की कार्रवाई कोर्ट तय करेगा।
वायरल वीडियो को पुलिस ने बनाया आधार
इस मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार तो बनाया लेकिन उससे ज्यादा मजबूत आधार वायरल वीडियो को माना है। जिसमे पशु क्रूरता होती दिख रही है। इस आधार पर ही चार्जशीट तैयार की गई है। बता दें बदायूं में एक दिल दहला देने वाली वीडियो कुछ दिन पहले सामने आई थी। यहां एक युवक ने चूहे को डूबो कर मार दिया था। इस दौरान किसी ने आरोपी युवक की वीडियो बना ली थी।
तड़पा तड़पा कर मारा था चूहे को
मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला पनवड़िया का है। एक युवक ने चूहे को यातनाएं देकर मार डाला था। दरअसल युवक ने चूहे की पूछ को पत्थर से बांध कर बार-बार उसे नाले में डुबाे रहा था। वहां से गुजर रहे पशु प्रेमी ने ऐसा करते देख टोका तो उसने चूहे को पत्थर समेत नाले में फेंक दिया था।
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