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सूर्यवंशी प्रभु राम के लिए सूर्य देव रामभक्तों की नैया पार लगाएंगें - CM YOGI ने अयोध्या में देखा चमत्कार - Ramotsav 2024



देश में पहली बार अयोध्या से रूफ माउंटेड सोलर बोट परिचालन का हुआ उद्घाटन

 

सीएम योगी ने सोलर बोट का बटन दबाकर किया संचालन, सरयू में नौकायन के दौरान नौका परिवहन के तमाम पहलुओं की ली जानकारी

 

-इनलैंड वॉटरवेज मैकेनिज्म के विकास के साथ ही सौर व स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नौका परिवहन के जरिए भी अयोध्या बन रही रोल मॉडल

 

-'नव्य अयोध्या' को साकार करने की दिशा में सीएम का विजन ला रहा रंग, सरयू नदी का किनारा जल परिवहन के दृष्टिगत हुआ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 

 

अयोध्या, 19 जनवरी। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अयोध्या को विकसित करने का योगी सरकार का सपना वास्तविकता की शक्ल ले चुका है। इसमें शुक्रवार को एक और अध्याय जुड़ गया। अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने के साथ ही उसे आधुनिकता और विरासत के समावेश से विकसित करने की प्रक्रिया के अंतर्गत 'नव्य अयोध्या' परियोजना बेहद सफल हो रही है। इसी परियोजना के अंतर्गत सरयू नदी को सौर व स्वच्छ ऊर्जा नौका परिवहन तथा इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से रोल मॉडल के तौर पर स्थापित करने की दिशा में सीएम योगी ने नए अध्याय की नींव रखी। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दृष्टिगत शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या आए हैं। इस क्रम में उन्होंने उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा विकसित की गई रूफ टॉप माउंटेड सोलर बोट सर्विस का उद्घाटन कर देश में पहली बार इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से गेमचेंजिंग साबित होने वाले इलेक्ट्रिक सोलर टेक्नोलॉजी बेस्ड बोस सर्विस का शुभारंभ किया। उन्होंने इस बोट के परिचालन को लेकर तमाम तकनीकी पहलुओं के निरीक्षण के साथ ही इनलैंड वॉटरवेज के विकास के लिहाज से अयोध्या में हो रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बटन दबाकर बोट संचालन की शुरुआत की तथा सरयू नदी में बोट पर सवार होकर नदी किनारे बने फ्लोटिंग जेटी व फ्लोटिंग बोट चार्जिंग स्टेशन का भी जायजा लिया।

 




सीएम ने सरयू में बोटिंग कर लिया नौकायन परिवहन की तैयारियों का जायजा


सीएम योगी ने अयोध्या में सरयू घाट पर शुक्रवार को सोलर बोट के संचालन का शुभारंभ करते हुए फीता काटकर व बोट के नेवीगेशन बटन को दबाकर आगाज किया। इस दौरान उन्होंने सरयू नदी में इस बोट के जरिए नौकायन भी किया तथा सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं तथा इनलैंड वॉटरवेज के हिसाब से विकसित की जा रही सुविधाओं का जायजा लेते हुए उनके बारे में जानकारियां प्राप्त कीं। बोट पर राइड के दौरान उन्होंने घाटों पर भारी तादाद में जुटे श्रद्धालुओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया तथा बोट के संचालन से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी भी ली। इस दौरान, सेलिंग जेटी के तौर पर कार्यरत ई-बोट चार्जिंग स्टेशन बनाए गए गंगा-6 को भी देखा तथा इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि यह सेलिंग जेटी 15 दिसंबर से अयोध्या में डेरा डाले हुए है तथा यह 20 बोट्स के बर्थिंग का माध्यम बन सकता है। सेलिंग जेटी पर इलेक्ट्रिक पावर चार्जिंग प्लग प्वॉइंट्स को भी विकसित किया गया है, जिसके जरिए सरयू नदी में चलने वाली ई-बोट्स की चार्जिंग व बर्थिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकेगा। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अमित सिंह चौहान, रामचंद्र यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सीएम योगी ने 127 नाविकों को लाइफ जैकेट भी प्रदान किया। सीएम योगी ने रामभूमि स्वच्छ भूमि अभियान के तहत प्लास्टिक डिपॉजिट रिफंड सेंटर के काउंटर का भी शुभारंभ किया। अयोध्या नगर निगम के साथनिजी क्षेत्र की द कबाड़ीवाला डॉट कॉम कंपनी के साथ यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

 

देश में पहली बार अपनी तरह के अनूठा प्रयास है सोलर बोट


यूपीनेडा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं। यह बोट पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।

जानते हैं इस बोट की खासियतों के बारे में...

 

1-यह सोलर पावर इनेबल्ड बोट क्लीन एनर्जी के जरिए संचालन की परिकल्पना के आधार पर कार्य करती है। यह ड्यूअल मोड ऑपरेटिंग बोट है जो 100 प्रतिशत सोलर इलेक्ट्रिक पावर बेस पर काम करती है।

 

2-इसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने के साथ ही इलेक्ट्रिक एनर्जी के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह बोट कैटामरैन केटेगरी की है जिसके अंतर्गत दो हल स्ट्रक्चर्स को जोड़कर एक बोट स्ट्रक्चर में कन्वर्ट किया जा सकता है।

 

3-यह बोट फाइबरग्लास बॉडी युक्त है जोकि लाइट वेट व हेवी ऑपरेशन ड्यूरेबल मटीरिल से बनी है। साथ ही, बोट के संचालन के दौरान किसी प्रकार की ध्वनि या पर्यावरणीय प्रदूषण नहीं होता है।

 

4-इस बोट में एक बार में 2 क्रू मेंबर्स तथा 30 लोग यात्रा कर सकेंगे। यह सरयू नदी में नया घाट से संचालित होगी। इस बोट टूर का ट्रैवलिंग ड्यूरेशन 45 मिनट से लेकर एक घंटे के आसपास रखा जाएगा, जिसमें सरयू नदी के किनारे स्थित विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों व धरोहरों का दर्शन यात्री कर सकेंगे।

 

5-हालांकि, बोट की ऑपरेटिंग कैपेसिटी इससे कहीं ज्यादा है और पूरी तरह चार्ज होने पर 5 से 6 घंटे तक के प्रोपल्शन टाइमफ्रेम को मैनेज किया जा सकता है।

 

6-इस बोट को पुणे की सनी बोट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से असेंबल किया गया है जबकि चेन्नई की रा सोर्स प्राइवेट लिमिटेड इसमें सोलर व प्रोपल्शन पार्टनर की भूमिका निभा रहा है।

 

7-यह बोट 12 किलोवॉट इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड ट्विन मोटर आधारित है। बोट में 46 किलोवॉट प्रति घंटा क्षमता वाली एलएफटी बैटरी लगाई गई है तथा बोट 30 पैसेंजर्स व 2 क्रू के लिहाज से ऑपरेशनल होगी। बोट को 3.3 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल्स के जरिए संचालित किया जा रहा है।

 

8-बोट की रूफटॉप पर कुल 6 सोलर पैनल लगे हैं जोकि 550 वॉट पॉवर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। क्रूजिंग के लिहाज से इसकी स्पीड 6 नॉट्स रहेगी जबकि यह 9 नॉट्स की टॉप स्पीड को भी प्राप्त कर सकता है।

 

9-इसके अतिरिक्त, यह बोट रिमोट व्यूइंग कैपेसिटी से लैस है जिसके जरिए बोट के बैटरी व सोलर पैरामीटर्स का निरीक्षण रिमोट व्यूइंग के जरिए कहीं से भी किया जा सकता है।

 

10-फिलहाल, इस बोट के संचालन के लिए शोर बेस्ड जेटी में मीटर पावर प्लग सोर्स की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें कोलकाता से अयोध्या लाई गई गंगा वीआई-6 सेलिंग जेटी बोट को इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के तौर पर विकसित किया गया है।



 

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए संजीवनी बनेगी अयोध्या

 



लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर को भी होगा लाभ

 

बढ़ेंगे रोजी-रोजगार के अवसर

 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को विश्व की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी बनाना चाहते हैं। उनकी यह सोच देश-दुनिया में श्रीराम की स्वीकार्यता के अनुरूप ही है। इसी अनुसार अयोध्या को सजाने-सवारने का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। अयोध्या के सांस्कृतिक विकास से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को संजीवनी मिलेगी, बड़े पैमाने पर रोजी-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसका लाभ सिर्फ अयोध्या को ही नहीं, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर को भी होगा।

 

अयोध्या को सर्च करने वालों की संख्या में एक हजार प्रतिशत की वृद्धि


पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर अयोध्या को सर्च करने वालों की संख्या में करीब एक हजार फीसद वृद्धि हुई है। ये आंकड़े हॉस्पिटैलिटी और इससे जुड़े सेक्टर्स में उम्मीद जगाते हैं। इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में अयोध्या, रोज आने वाले पर्यटकों / श्रद्धालुओं के हिसाब से पहले नंबर पर होगी। फिलहाल देश के सबसे संपन्न मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी इस मामले में पहले पायदान पर है। वहां हर रोज अमूमन 50 हजार पर्यटक/श्रद्धालु आते हैं। किसी खास अवसर या छुट्टियों के दिन यह संख्या एक लाख के करीब पहुंच जाती है।

 



सात साल पहले हर साल दो लाख लोग अयोध्या आते थे, अब दो करोड़


योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने, अयोध्या के विकास पर निजी तौर पर उनका खास फोकस होने और दीपोत्सव जैसे आयोजन से देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की वजह से वहां आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2017 तक हर साल अमूमन अयोध्या में दो लाख पर्यटक/श्रद्धालु आते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गई है। अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों तक हर साल हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में 20000 से 25000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

 

प्राण प्रतिष्ठा के बाद रोज आ सकते हैं तीन लाख लोग


उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार 2030 तक प्रतिदिन अयोध्या में करीब तीन लाख पर्यटक/श्रद्धालु आएंगे। होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि प्राण प्रतिष्ठा (22 जनवरी) के बाद के कुछ हफ्तों तक तो यह संख्या तीन से छह-सात लाख तक रह सकती है। आने वालों में से जो रुकना चाहेंगे उनके लिए अयोध्या में उनकी क्रय शक्ति के अनुसार होटल, मोटल, रेस्टोरेंट और ट्रांसपोर्ट की सुविधा की भी जरूरत होगी।

 

होटल इंडस्ट्री से जुड़े सभी ब्रांड्स की अयोध्या में रुचि


फिलहाल होटल इंडस्ट्री से जुड़े लगभग सभी ब्रांड्स ने अयोध्या में रुचि दिखाई है। अधिकांश ने जमीनें भी ले लीं। कुछ का निर्माण कार्य हो रहा है। बाकी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। वह प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां आने वाले पर्यटको/श्रद्धालुओ की संख्या, उनकी क्रय क्षमता देखकर अपनी प्रापर्टी के स्वरूप के बारे में निर्णय करेंगे।

 



इंडस्ट्री के लिए कुछ और छूट देने का विचार कर रही सरकार


प्रदेश में इस सेक्टर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में होटलों के निर्माण में कुछ और छूट देने की भी सोच रही है। इस बाबत एक सात सदस्यीय कमेटी भी गठित की जा चुकी है। कमेटी बिल्डर्स बाइलाज संबंधी कुछ जटिलताओं को दूर करने का सुझाव दे सकती है। इन जटिलताओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लेकर पहल की थी। उम्मीद है कि समिति नक्शे के शुल्क में कटौती, निर्माण के लिए जमीन और सड़क की चौड़ाई का मानक कम करने आदि के बारे में सुझाव दे सकती है।


क्या कहते हैं इंडस्ट्री के लोग


आईटीसी मौर्या नई दिल्ली में वैंक्वेट मैनेजर रहे भव्य मल्होत्रा के मुताबिक प्रति कमरा, तीन सर्विस प्रोवाइडर किसी होटल के लिए आदर्श स्थिति होती है। इसमें फ्रंट ऑफिस, हाउस कीपिंग, फूड एंड बेवरेज, लाउंड्री, फाइनेंस, एचआर, हॉर्टिकल्चर, सेल्स आदि विभाग होते हैं। अगर प्रॉपर्टी छोटी है तो कुछ विभाग न होने से सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या कुछ कम हो सकती है, पर प्रति कमरा दो कर्मचारी तो होने ही चाहिए। इससे कम होने पर आप अपने ग्राहकों को संतोषजनक सेवा नहीं दे पाएंगे।

पर्यटकों/ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का लाभ होटल इंडस्ट्री के अलावा इससे जुड़े एविएशन, रेलवे, सड़क परिवहन निगम और लोजिस्टिक्स से जुड़े सेक्टर्स को भी होगा। मसलन सबके राम की अयोध्या में सबके लिए कुछ न कुछ होगा।



 


 

योगी सरकार की पहल, अयोध्या धाम में खत्म होगी पार्किंग और लॉजिंग की समस्या

 

अयोध्या विकास प्राधिकरण और नगर निगम की ओर से शुरू की गईं 5 मल्टीस्टोरी पार्किंग

 

पार्किंग के साथ ही श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए मिलेगी डॉरमेट्री की भी सुविधा

 

फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल के साथ ही ओपेन रूफटॉप जैसे हैं फीचर्स 

 

अयोध्या, 19 जनवरी। अयोध्या धाम में 22 जनवरी को होने जा रहे श्रीरामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही अवध में उत्सव का माहौल है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं। लोकल के साथ ही नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है। अनुमान है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद लाखों की संख्या में राम भक्त पूरे देश और दुनिया से यहां दर्शनों के लिए आएंगे। ऐसे में अयोध्या धाम में लोगों के रुकने और गाड़ियों की पार्किंग की व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है। अयोध्या विकास प्राधिकरण और अयोध्या नगर निगम द्वारा मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई गई है, जहां पार्किंग के साथ-साथ फूड कोर्ट, डॉरमेट्री और बैंक्वेट हॉल की सुविधा भी दी गई है। इस तरह की 5 पार्किंग अब तक शुरू हो चुकी हैं।

 

सुखद अनुभव लेकर वापस जाएंगे श्रद्धालु


अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त विशाल सिंह के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मल्टीस्टोरी पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हैं। इनमें से 4 बिल्डिंग्स विकास प्राधिकरण ने तो एक नगर निगम ने बनाई है। हाल ही में एक पार्किंग कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया गया है। इन मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स में पार्किंग के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं। यहां बड़ी संख्या में लोगों के रुकने के लिए डॉरमेट्री की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के लिए फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हॉल की भी व्यवस्था की गई है। आने वाले दिनों में इन व्यवस्थाओं में और भी सुधार किए जाएंगे, ताकि अयोध्या धाम आने वाले श्रद्धालु यहां से सुखद अनुभव लेकर वापस जाएं।

 

ओपेन रूफटॉप की भी व्यवस्था


उन्होंने बताया कि अमानीगंज के त्रिवेणी सदन में संचालित कॉम्प्लेक्स में पार्किंग के साथ-साथ दुकानें, डॉरमेट्री, रेस्टोरेंट की सुविधा है। यहां 37 फोर व्हीलर और 50 टू व्हीलर्स की पार्किंग की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर कुल 85 दुकानें स्थापित हैं, जबकि थर्ड फ्लोर पर डॉरमेट्री के 166 बेड लगाए गए हैं तो फोर्थ फ्लोर पर रेस्टोरेंट और किचन की व्यवस्था की गई है। वहीं फिफ्थ फ्लोर पर ओपेन टेरेस रूफटॉप है, जहां पर बैठकर खाने-पीने का लुत्फ लिया जा सकता है।

 



अरुंधति भवन में मिल रही सभी सुविधाएं


टेढ़ी बाजार स्थित अरुंधति भवन के नाम से दो मल्टी स्टोरी पार्किंग कॉम्प्लेक्स बनाए गए हैं। अरुंधति भवन वेस्ट 10700 स्क्वायर मीटर में स्थापित किया गया है। इसमें 3200 स्क्वायर मीटर में रेस्टोरेंट है तो वहीं 180 बेड्स की भी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त यहां 300 से अधिक कारों की पार्किंग की सुविधा है। वहीं 200 दोपहिया वाहन भी यहां पार्क किए जा सकते हैं। दूसरे कॉम्प्लेक्स को 23500 स्क्वायर मीटर में निर्मित किया गया है। यहां 328 बेड्स की सुविधा है, जबकि 76 फोर व्हीलर और 132 टू व्हीलर्स को पार्क किया जा सकता है। यहां 110000 स्क्वायर मीटर में रेस्टोरेंट, 6000 स्क्वायर मीटर में बैंक्वेट हॉल और 4000 स्क्वायर मीटर में ओपेन रेस्टोरेंट एरिया है।

 

लक्ष्मण कुंज में पार्क हो सकेंगे हजारों वाहन


अयोध्या कलेक्ट्रेट के पास स्थित लक्ष्मण कुंज मल्टी स्टोरी पार्किंग का संचालन नगर निगम द्वारा किया जा रहा है। इस कॉम्प्लेक्स में 1000 आउटडोर पार्किंग की सुविधा है, जबकि लोअर ग्राउंड में भी पार्किंग की जा सकेगी। 80 के करीब टू व्हीलर्स को भी पार्क किया जा सकेगा। अपर ग्राउंड फ्लोर पर 72 टू व्हीलर और 26 फोर व्हीलर, फर्स्ट, सेकेंड, थर्ड और फोर्थ फ्लोर पर 40-40 टू व्हीलर और 44-44 फोर व्हीलर की व्यवस्था है। इसके अलावा टेरेस पर भी 65 फोर व्हीलर को पार्क किया जा सकता है। सेवेंथ फ्लोर पर रूफटॉप रेस्टोरेंट बनाया गया है। वहीं बेसमेंट में 8 दुकानें, ग्राउंड फ्लोर पर एक कैंटीन, 15 दुकानें और 10 फूड कोर्ट बनाए गए हैं।



 


अयोध्या धाम में हजारों श्रद्धालुओं का आसरा बना पंचवटी आश्रय स्थल

 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम द्वारा संचालित पंचवटी आश्रय स्थल समेत तीन टेंट सिटी का किया मुआयना, दिए निर्देश

 

प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने और खाने-पीने का पूरा इंतजाम कर रही योगी सरकार

 

अयोध्या नगर निगम द्वारा तैयार किया गया पंचवटी आश्रय स्थल, श्रद्धालुओं के रुकने और खाने-पीने की निशुल्क व्यवस्था

 

पंचवटी आश्रय स्थल में उकेरी गई भगवान श्रीराम से जुड़ी स्मृतियों की छवि, प्रवेश द्वार पर लगी खड़ाऊ करेगी आकर्षित

 

एक साथ ढाई हजार श्रद्धालुओं के रहने और खाने-पीने की है निशुल्क व्यवस्था, रजिस्ट्रेशन के बाद दो दिन ठहर सकेंगे यात्री


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